एक और आसाराम का चेहरा बेनकाब हो गया है. दुनियाभर में हिन्दुस्तानी संस्कृति की पैरोकारी करने के नाम पर एक और शख्स आसाराम के नक्शेकदम पर चल निकला था. दूसरे शब्दों में वो भी मजहब और तालीम का सफेद चोला ओढ़कर यौन शोषण कर रहा था. ये इल्जाम उस महिला ने लगाया है, जो उसके साथ काम करते हुए सालों-साल उसकी ज्यादादती की शिकार होती रही. वो महर्षि महेश योगी के अरबों के एंपायर का वारिस है, वो सैकड़ों संस्थानों के चेयरमैन से लेकर यूनिवर्सिटी का चांसलर तक सब कुछ था.
आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर लगे यौन शोषण के इल्जामों के बाद अब बारी है एक और संतनुमा शख्स की है. इस बार भी इल्जामों से घिरनेवाला शख्स कोई मामूली इंसान नहीं, बल्कि अरबों की संपत्ति का वो वारिस है, जिसे दुनिया अब तक एक मशहूर एजुकेशनिस्ट यानी शिक्षाविद् के तौर पर जानती थी. लेकिन इसी शिक्षाविद् पर लगे यौन शोषण के ताजे इल्जामों ने ना सिर्फ उनके सफेद चोले के पीछे छिपी हकीकत को उघाड़ कर रख दिया, बल्कि ये भी बता दिया कि किस तरह वो अपने रसूख और दबदबे के बल पर अब तक इस मामले को दबाए रखने में कामयाब रहा. इल्जामों के मुताबिक एक यूनिवर्सिटी का ये चांसलर अपने ही साथ काम करनेवाली एक महिला के साथ यौन शोषण करता रहा. यौन शोषण वो भी पूरे सात सालों तक.
53 साल का गिरीशचंद्र वर्मा महर्षि महेश योगी यूनिवर्सिटी, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी और महर्षि महेश योगी विद्यामंदिर स्कूल्स का चांसलर और चेयरमैन है. इसके अलावा वह जनरल ऑफ महर्षि वर्ल्ड सेंटर का डायरेक्टर भी है.
जाने-माने योग गुरु महर्षि महेश योगी के शिष्य और रिश्तेदार गिरीशचंद्र वर्मा के सितारों के गर्दिश में पहुंचने की उल्टी गिनती पिछले साल के मार्च महीने में तभी शुरू हो गई थी, जब उनके खिलाफ उन्हीं के स्कूल में काम करनेवाली एक टीचर और उनके निजी सचिव की पत्नी ने सालों तक यौन शोषण करने का इल्जाम लगाया था. पुलिस की मानें तो मध्य प्रदेश महिला आयोग को दी गई इस शिकायत की जांच वो उन्हीं दिनों से कर रही थी, लेकिन अब पूरे दस महीने का वक्त बीत जाने के बाद पुलिस इस मामले में गिरीश चंद्र वर्मा को गिरफ्तार कर सकी.
वर्मा के निजी सचिव की पत्नी ने अपनी शिकायत में बताया था कि उन्होंने 1998 से लेकर 2011 यानी पूरे सात सालों तक उनके साथ ज्यादती की और इसके बारे में किसी के सामने मुंह खोलने पर जान से मार डालने की धमकी दी. और तो और एक बार नोएडा में अपने ठिकाने पर उन्होंने उसका यौन शोषण करने के साथ-साथ उसकी अश्लील वीडियो क्लिप भी बनाई और फिर बाद में इसी क्लिप के नाम पर उसे ब्लैकमेल करते रहे.
वर्मा पर लगे इन इल्जामों के बाद भोपाल पुलिस उन्हें पिछले 9 महीने से लगातार पूछताछ के लिए बुला रही थी, लेकिन वो आने से आनाकानी कर रहे थे. आखिरकार पुलिस ने उन्हें भोपाल के ही भोजपुर रोड में मौजूद उनके आश्रम से धर दबोचा. इसके बाद पहले तो उनसे लंबी पूछताछ हुई और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
एक यूनिवर्सिटी का चांसलर किसी महिला का बलात्कार करे और उसे डराने के लिए उसका वीडियो क्लिप बना ले, ये सोचना भी अजीब लगता है. लेकिन नारायण साईं के करीबी गिरीशचंद्र वर्मा पर कुछ ऐसा ही इल्जाम है. लेकिन बात सिर्फ यहीं तक नहीं है. इस टीचर के पति की मानें तो चांसलर महोदय ने एक बार उनके साथ भी कुकर्म किया है.
कहते हैं इंसान अपनी संगत से पहचाना जाता है और नारायण साईं के साथ महर्षि महेश योगी यूनिवर्सिटी के चांसलर गिरीशचंद्र वर्मा के रिश्ते कैसे हैं, ये उनकी तस्वीर से साफ हो जाता है. गिरीशचंद्र वर्मा उर्फ गिरीश ब्रह्मचारी का सच सिर्फ उतना ही नहीं है, जितना उनके पीए की पत्नी ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया है, बल्कि दुनिया को हिन्दुस्तानी सभ्यता और संस्कृति का पाठ पढ़ाने वाले गिरीश पर और भी कई इल्जाम हैं. खुद उनके पीए की मानें तो वो खुद को बेशक ब्रह्मचारी बताते हों, लेकिन उनके एक नहीं कई-कई लड़कियों से रिश्ते रहे हैं. और तो और अपने विदेश दौरों के दौरान वो वहां भी लड़कियों से नजदीकी बढ़ाते रहे हैं.
कुल मिलाकर, इल्जामों की मानें तो गिरीशचंद्र वर्मा ठीक आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं की तरह धर्म-कर्म और शिक्षा के नाम पर हर वो काम करते रहे हैं, जैसा इल्जाम आसाराम और नारायण साईं पर लगता रहा है. और इसमें नशे की खुराक लेने के साथ-साथ लड़कियों से ज्यादती और रिश्ते बनाने जैसी बात भी शामिल है. लेकिन एक मामले में तो गिरीश चंद्र वर्मा आसाराम और नारायण साईं से भी आगे निकल गए और वह यह कि उन्होंने खुद अपने ही पुरुष पीए के साथ जबरन जिस्मानी रिश्ते बना लिए.
वैसे इतना सब कुछ होने के बावजूद और यौन शोषण के इल्जाम में गिरफ्तार होकर जेल चले जाने के बावजूद महर्षि महेश योगी संस्थान की ओर से गिरीश चंद्र वर्मा के हक में जो बयान जारी किया गया है, उसमें उन्हें ना सिर्फ बेगुनाह बताया गया है, बल्कि ये कहा गया है कि बलात्कार का ये आरोप उनके दुश्मनों की साजिश के सिवा और कुछ भी नहीं है.
विरासत में मिले 60 हजार करोड़ की विरासत को संभाले गिरीश चंद्र वर्मा ने दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की की. लेकिन एक महिला के साथ ज्यादती ने वर्मा की सारी लुटिया डुबो दी.