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रॉकेट ग्रेनेड, बम-बंदूक और ड्रोन से हमला... जवाब में उग्रवादियों के खिलाफ मणिपुर पुलिस का सर्च ऑपरेशन

कंगपोकपी जिले में कीथेलमैनबी और इंफाल पश्चिम में कोट्रुक के बीच का इलाका करीब 32 किलोमीटर लंबा है और पिछले साल मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से लगातार ये हमलों का केंद्र बिंदु रहा है. पुलिस के अनुसार, आतंकवादियों ने रविवार को वहां हमला किया.

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पुलिस ने इंफाल पश्चिम के बॉर्डर एरिया में सर्च ऑपरेशन चला रही है (सांकेतिक फोटो- Meta AI)
पुलिस ने इंफाल पश्चिम के बॉर्डर एरिया में सर्च ऑपरेशन चला रही है (सांकेतिक फोटो- Meta AI)

Manipur Police Combing Ops in Border Area: मणिपुर सरकार ने राज्य पुलिस को इंफाल पश्चिम जिले की सीमा से लगे इलाकों में सर्च ऑपरेशन और आतंकियों का सफाया करने के लिए अभियान चलाने का आदेश दिया है. ये वही इलाका है, जहां संदिग्ध उग्रवादियों के हमले में दो लोग मारे गए और नौ लोग घायल हो गए.

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दरअसल, आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से रविवार को बंदूक और बम से हुए हमले में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इलाके में निगरानी बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा था.

आयुक्त ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा 'इंफाल पश्चिम जिले की सीमा से लगे सीमांत इलाकों में सामान्य कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने वाली हालिया घटनाओं और निवारक उपायों को लागू रखने की आवश्यकता को देखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इंफाल पश्चिम जिले की सीमा से लगे सीमांत इलाकों में तलाशी अभियान चलाने और सफाई अभियान चलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें, खासकर कीथेलमैनबी से कोट्रुक तक.' 

कंगपोकपी जिले में कीथेलमैनबी और इंफाल पश्चिम में कोट्रुक के बीच का इलाका करीब 32 किलोमीटर लंबा है और पिछले साल मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से लगातार ये हमलों का केंद्र बिंदु रहा है. पुलिस के अनुसार, आतंकवादियों ने रविवार को कोट्रुक और पड़ोसी कडांगबैंड के निचले घाटी क्षेत्रों में पहाड़ियों की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए थे.

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इस हमले में कई घरों को भी नुकसान पहुंचा. पुलिस ने दावा किया कि हमले में रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. बंदूक और बम हमले के बारे में एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'इंफाल पश्चिम के कोट्रुक में एक अभूतपूर्व हमले में, कथित आतंकवादियों ने उच्च तकनीक वाले ड्रोन का उपयोग करके कई आरपीजी तैनात किए हैं.'

बयान में आगे कहा गया कि सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ विस्फोटक तैनात करने के लिए ड्रोन का उपयोग 'एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है.' बयान में कहा गया कि संभवतः तकनीकी विशेषज्ञता और समर्थन के साथ उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है.

एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मणिपुर में दो विरोधी समूहों द्वारा निगरानी और उग्रवादियों की गतिविधियों की पहचान के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है. रविवार को कौत्रुक में नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन के ज़रिए विस्फोटकों का इस्तेमाल राज्य में नया है. 

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कौत्रुक गांव में ड्रोन से कम से कम पांच बम गिराए गए. मणिपुर में जातीय हिंसा में 200 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं.

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