हैदराबाद में 17 साल के नाबालिग की संदेहास्पद मौत के सिलसिले में पुलिस ने सात लड़कों को गिरफ्तार किया है. इनमें से तीन आरोपी बालिग हैं और चार नाबालिग हैं. हाथ लगे एक फ्रेंडली फाइट के वीडियो के आधार पर पुलिस ने ये गिरफ्तारियां की हैं.
पुलिस कब्र से शव निकाल पोस्टमार्टम करने वाली थी, तभी सामने आया सच...
पहले तो पुलिस लड़के की मौत को सड़क हादसा मानते हुए फाइल बंद कर चुकी थी. लेकिन जब मृतक के पिता दुबई से
लौटे तो उन्होंने अपने बेटे के दोस्तों से घटना के बारे में पूछा. उन्हें लड़कों की बात पर शक हुआ तो उन्होंने पुलिस में
इसकी शिकायत की. पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने फाइल दोबारा खोली और तफ्तीश शुरू की.
इससे पहले कि पुलिस कब्र से शव निकाल कर लड़के का पोस्टमार्टम करवाती, मक्तूल के एक दोस्त पुलिस को सारी
हकीकत बयान कर दी. उसके बाद पुलिस वीडियो में दिख रहे सभी लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरू
कर देती है. और तब एक हैरतअंगेज़ सच सामने आता है.
खेल खेल में मारा गया 17 साल का लड़का
दरअसल, 4 मई को आठ दोस्तों ने आपस में WWE स्टाइल की स्ट्रीट फाइट का आयोजन किया. वो ऐसा अक्सर करते
थे. इसी दौरान खेल खेल में एक लड़के को चोट लगी और मौके पर ही मौत हो गई.
शव को बाइक पर बैठाया और घटना को दिया सड़क हादसे का रंग
फाइट में लड़के की मौके पर ही मौत हो गई. डर के मारे सातों लड़कों ने घटना को हादसे में बदलने की साजिश रची.
उन्होंने दोस्त के शव को बाइक पर बिठकर सड़क हादसे का स्टेज दिया. इसके बाद उन्होंने उन्होंने अपने मर चुके दोस्त
के सिर में गहरा घाव बना कर उसे पास के एक अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टर से कहा कि उनके दोस्त का बाइक से
एक्सीडेंट हो गया है. डॉक्टर ने भी जब उनके दोस्त को देखा तो बिना किसी जांच के उसे मरा हुआ घोषित कर
दिया.
लड़कों ने वो मोबाइल भी तोड़ कर फेंक दिया था. जिससे उन्होंने इस फ्रेंडली फाइट का वीडियो बनाया था. उनकी निशानदेही पर पुलिस उस जगह गई जहां उन्होंने मोबाइल फेंका था. उस टूटे हुए मोबाइल को रिकवर कर लिया. इसके बाद पुलिस की फॉरेंसिक टीम ने उस टूटे हुए मोबाइस से हादसे के उस वीडियो के डाटा को रिट्रीव कर लिया. इस तरह खेल-खेल में मौत का पूरा सच सामने आ गया.