उसने अपनी जिंदगी का पहला जुर्म किया था, वो भी बेहद संगीन जुर्म. अब जुर्म करने के बाद उसे उस जुर्म का राज हमेशा के लिए अपने सीने में दफन रखना था. राज तो सीने में दफन हो गया लेकिन जुर्म सीने में दफन नहीं हो सकता था, लिहाजा उसने अपने उस जुर्म को अपने ही घर के आंगन में हमेशा-हमेशा के लिए दफना देने का फैसला किया. पर एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई ये खतरनाक कहानी एक कॉल से ही खुल गई.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले का एक कस्बाई इलाका, नलकूप कॉलोनी और उसी इलाके का जाना-पहचाना घर. जाना-पहचाना इसिलए क्योंकि इस घर में रहता है आईटीबीपी यानी इंडो-तिब्बत ब़ॉर्डर पुलिस का जवान अजीत. पर सुबह-सुबह कॉलोनी के इस घर में अजीब गहमा-गहमी है और इस गहमा-गहमी की तीन वजहें हैं.
पहला, यूपी के इस घर में हरियाणा पुलिस क्यों घुसी. दूसरा, अर्धसैनिक बल के जवान अजीत के हाथों में हथकड़ी क्यों है और तीसरा, पुलिस वाले अपने साथ मजदूर लेकर यहां क्यों आए हैं.
हथकड़ी ये तो बता रही थी कि अजीत ने कोई जुर्म किया है पर हरियाणा पुलिस उसे गिरफ्तार कर उसी के घर क्यों लेकर आई है और लाई तो लाई, पूरी पुलिस टीम अजीत के घर के आंगन में ऐसा क्या तलाश करने आई है. आखिर आंगन में अजीत ने ऐसा क्या छुपा रखा है.
कालोनी के लोगों के मन में सवाल अनगिनत थे, पर जवाब नहीं मिल रहा था क्योंकि घर के अंदर आने की इजाजत किसी को नहीं थी. खैर, अजीत के घर के आंगन में पहुंचते ही पुलिसवाले अजीत से कुछ पूछते हैं. अजीत इशारा करता है और उसके साथ ही साथ आए मजदूर ठीक अजीत की बताई जगह पर खुदाई शुरू कर देते हैं.
आंगन की खुदाई शुरू हो चुकी थी. मजदूर पूरी तेजी से अपने काम पर लगे थे. जमीन पर पड़ने वाले हर फावड़े के साथ पुलिसवालों की धड़कनें तेज़ होती जा रही थीं. बीच-बीच में पुलिसवाले अजीत से फिर कुछ पूछते. अजीत कुछ याद करता और फिर मजदूरों को इशारा करता कि खुदाई कहां-कहां करनी है.
खुदाई लगातार चालू है. आंगन में धीरे-धीरे अब गहरा गड्ढा बनता जा रहा है. हर फावड़े के साथ गहराई बढ़ती जा रही है पर अभी भी पुलिसवालों का इंतजार खत्म नहीं हुआ है. अभी भी उन्हें वो नही मिला है जिसकी तलाश में वो हरियाणा से यहां तक आए हैं. लिहाजा बीच-बीच में पुलिसवालों की बेचैनी बढ़ जाती और वो फिर अजीत से सवाल-जवाब शुरू कर देते. तकरीबन घंटे भर से ज्यादा का वक्त बीत चुका था. गड्ढा भी और गहरा हो चुका था. अब पुलिसवाले मजदूरों को हिदायत देते हैं कि थोड़ा संभल कर खुदाई करो.
शायद अब तलाश पूरी होने जा रही थी, शायद अब वो राज अपने अंदर से किसी भी पल उगलने वाला था और अचानक उसने उगल भी दिया. अर्धसानिक बल के जवान अजीत के आंगन से जो पहली चीज बाहर आई वो एक लड़की का पैर था.
आंगन में खुदी इस क़ब्र की गहराई से पहले तो एक पैर बाहर निकला और फिर एक पूरी लाश लेकिन सवाल यही था कि आख़िर ये लाश है किसकी और इसे यहां घर के ही आंगन में कौन गाड़ गया था. तो इस क़ब्र के इकलौते राजदार शख्स ने जब अपना मुंह खोला, तो सुननेवाले बस सुनते रह गए.
करीब घंटे भर की खुदाई के बाद जमीन से निकले एक लड़की के पैर ने यहां मौजूद सभी लोगों को हैरान कर दिया है. इस पैर के बाहर आने के बाद मजदूर अब अपनी खुदाई और तेज कर देते हैं और फिर देखते ही देखते आंगन के नीचे से जो कुछ बाहर आता है, उससे लोगों के रौंगटे खड़े हो जाते है.
दरअसल आंगन में सिर्फ पैर नहीं बल्कि एक लड़की की लाश दफन थी लेकिन ये लाश, अब लाश कम बल्कि कंकाल ज्यादा थी. कहने का मतलब ये कि मरनेवाली को यहां शायद महीनों पहले दफनाया गया था. कुछ देर की कोशिश और सावधानी भरी खुदाई के बाद लाश को निकालने का काम पूरा हो जाता है और सलवार कमीज में लिपटी इस लाश को फॉरेंसिक जांच के लिए अलग रखवा लेती है.
सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर ये लड़की है कौन. मरनेवाली लड़की का इस घर से या फिर अजीत से क्या रिश्ता है. अगर मरनेवाली अजीत की कोई जानकार है, तो फिर उसे इस तरह घर के आंगन में ही दफनाए जाने के पीछे क्या वजह हो सकती है. कहीं ऐसा तो नहीं कि ये अजीत ही इस लड़की का कातिल है. जब अजीत अपना मुंह खोलता है, इस लाश की तरह ही इससे जुड़े तमाम राज़ एक-एक कर जमीन के नीचे से बाहर आ जाते हैं.
आईटीबीपी का जवान अजीत बताता है कि आंगन में दफन इस लड़की से करीब नौ महीने पहले उसकी पहली बार बातचीत हुई थी. वो एक भी एक मिस्ड कॉल की वजह से. दरअसल, तब लड़की ने ही उसे गलती से एक मिस्ड कॉल दी थी और बस यही मिस्ड कॉल इस लड़की की मौत की वजह बन गई.
इस मिस्ड कॉल की बदौलत अजीत की उस लड़की से बातचीत होने लगी और फिर दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया लेकिन आगे जाकर दोनों के रिश्ते खराब हो गए. दरअसल, अजीत की इस नई माशूका ने उसके बारे में एक ऐसा राज़ जान लिया था, जिसे छुपाना अजीत के लिए बेहद जरूरी था, क्योंकि इस राज के आम होते ही अजीत की जिंदगी तबाह हो जाती, लेकिन लड़की अब इसी राज की बात कह कर उस पर दबाव बनाने लगी.
फिर एक वक्त ऐसा आया, जब अजीत को अपनी माशूका से पीछा छुड़ाने के लिए उसे मौत के घाट उतारना ही ज्यादा मुनासिब लगा और बस, इसी इरादे से पहले तो उसने लड़की का गला घोंट कर कत्ल किया और फिर दुनियावालों की निगाहों से बचने के लिए उसने अपने ही घर के आंगन में उसे दफना दिया. अजीत और उसकी माशूका की ये कहानी शायद कभी ज़माने के सामने नहीं आती लेकिन एक रोज पुलिसवालों को एक मोबाइल फोन से ही उसके करतूत की भनक लग गई.
ये शायद उस लड़की तक़दीर ही थी, जिसने उससे एक ऐसा मिस्ड कॉल करवाया, कि वो सीधे एक कब्र में पहुंच गई. मिस्ड कॉल से अपने ही कातिल तक पहुंचने का ये सफर तो उसने कुछ सेकेंड में पूरा कर लिया, लेकिन इस कब्र के राज तक पहुंचने में पुलिसवालों को पूरे नौ महीने लग गएः
महेंद्रगढ़, हरियाणा के डिग्री कॉलेज में पढ़नेवाली सुनीता ने उस रोज अपनी एक सहेली से बात करने के लिए उसे एक मिस्ड कॉल देने की कोशिश की. लेकिन ग़लती से ये मिस्ड कॉल उसकी सहेली के पास नहीं, बल्कि अलीगढ़ के रहनेवाले आईटीबीपी के जवान अजीत के पास पहुंच गई.
अजीत ने फौरन ही उस नंबर पर कॉल बैक किया और दोनों की बातचीत शुरू हो गई. अब तक अजीत और सुनीता दोनों एक-दूसरे से पूरी तरह अंजान थे लेकिन बस इस एक मिस्ड कॉल ने दोनों को एक-दूसरे के करीब ला दिया. वैसे तो अजीत पहले से ही शादीशुदा था, लेकिन उसने सुनीता को ये बात कभी नहीं बताई और फिर एक दिन सुनीता ने अजीत के सामने शादी की बात रखी.
अजीत ने पहले तो उसे टालने की कोशिश की लेकिन जब सुनीता ने ज़िद पकड़ ली, तो अजीत ने उसे अपने पास ग्रेटर नोएडा में बुला लिया. यहां दोनों एक किराए के मकान में पति-पत्नी की तरह रहने लगे लेकिन चूंकि दोनों की शादी नहीं हुई थी, सुनीता अकसर शादी के लिए अजीत पर दबाव डालती थी. इसी बीच एक रोज अजीत का सबसे बड़ा राज़ सुनीता के सामने फाश हो गया और ये राज था अजीत के पहले से शादीशुदा होने का. बस, इसके बाद दोनों में पहले कहासुनी और फिर लड़ाई हो गई. सुनीता ने दोनों के रिश्ते की बात जमाने के सामने आम कर देने की धमकी दी.
इसी के बाद पिछले साल दिसंबर में एक रोज उसने धोखे से सुनीता को अलीगढ़ के मकान में बुलाया. उस रोज़ अजीत के बीवी-बच्चे बाहर गए हुए थे लेकिन घर में अजीत के बीमार और बुज़ुर्ग पिता मौजूद थे. इसके बावजूद अजीत ने उनकी निगाहों से बच कर मौका पाते ही पहले तो सुनीता का गला घोंट कर कत्ल किया और रातों-रात अपने ही आंगन में गड्ढा कर उसने सुनीता की लाश दफन कर दी.
उधर, सुनीता के घरवाले महेंद्रगढ़ में अपनी बेटी को ढूंढ़-ढूंढ़ कर थक गए और उन्होंने पुलिस से शिकायत की लेकिन तब पुलिस ने सुनीता को ढूंढ़ने की ज़्यादा जहमत नहीं उठाई. हालांकि बाद में घरवालों के दबाव बनाने पर पुलिस ने सुनीता के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई और तब जाकर अजीत से उसकी बातचीत और मौत के पहले तक उसके लोकेशन की बात साफ हुई. अब हरियाणा पुलिस ने फ़ौरन अजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. पहले तो उसने पुलिस को छकाने की कोशिश की, लेकिन सख्ती करने पर उसने सारा राज उगल दिया.