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'शैतानों' वाले हैं आसाराम के तीन रूप

आसाराम बापू सालों से धर्म और आस्था के नाम पर अपनी पाखंड की दुकान चलाते रहे हैं, लेकिन यौन शोषण के आरोप में फंसने के बाद उनके चेहरे से एक-एक कर नकाब उतरता जा रहा है. आसाराम के वो तीन रूप के बारे में जानिए जिनके पीछे ना जाने उनके कितने चेहरे छुपे हैं.

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आसाराम
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आसाराम बापू सालों से धर्म और आस्था के नाम पर अपनी पाखंड की दुकान चलाते रहे हैं, लेकिन यौन शोषण के आरोप में फंसने के बाद उनके चेहरे से एक-एक कर नकाब उतरता जा रहा है. आसाराम के वो तीन रूप के बारे में जानिए जिनके पीछे ना जाने उनके कितने चेहरे छुपे हैं.

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क्या है आसाराम का पहला रूप...
शुद्ध सफेद लिबास, चेहरे पर चमकता दिव्य प्रभामंडल, जुबान पर भक्ति भरे ब्रह्म बोल, यही तो आसाराम की वो पहचान है, जिसके जरिए धर्म की इनकी दुकान सालों से आस्था और श्रद्धा के बाजार में चलती रही है. आसाराम के तीन रूपों में से ये पहला रूप है. आसाराम का ये वो रूप है, जिसने उन्हें लाखों भक्तों की नजर में इंसान से भगवान बना दिया. भक्तों पर आसाराम के एक-एक शब्द पत्थर पर पड़ी लकीर की तरह अमर हो जाते थे. लेकिन उस रूप में बैठकर भी आसाराम की नजर भक्तों की भीड़ में भोली-भाली लड़कियों पर गड़ी रहती है.

आसाराम के तमाम इशारे...
आसाराम का लड़कियों पर लाइट फेंकना, अलग-अलग प्रसाद देना, एक-दो-तीन उंगली उठाकर इशारा करना या चमगादड़ का काजल लगाकर सम्मोहित करना. ये सारे पैंतरे आसाराम की उस घिनौनी सोच को अंजाम देने के लिए होते थे, जिनका उनके प्रवचन से कोई तालमेल नहीं होता था. भक्तों के दिल में जगह बनाना मुश्किल होता है, लेकिन उससे भी मुश्किल होता है टूटी हुई भक्ति के तार को जोड़ना. आसाराम की करनी उन्हें उसी मुश्किल हालात में भेज चुकी है.

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आसाराम का दूसरा रूप, 'बांटो और राज करो'
व्यास गद्दी के पीछे पहुंचते ही आसाराम का रूप बदल जाता था. उनकी भक्त डर के मारे चेहरा नहीं दिखाना चाहती, लेकिन उसकी बातें बता रही है कि वो अपने दो साधकों को भी एक साथ नहीं रहने देना चाहते थे. क्या पता, वो मिलकर कई आसाराम का भांडा ना फोड़ दें. आसाराम पर आरोप है कि अपने साधकों का काम उन्होंने उम्र के हिसाब से बांट रखा था. जवान और नए साधकों को धर्म-कर्म का काम देते थे आसाराम जबकि पुराने और आजमाए साधकों के जिम्मे होता था भोली-भाली लड़कियों को फंसाने का काम. जिस नाबालिग लड़की के आरोपों ने आसाराम को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया, उसके पिता का कहना है कि आसाराम अपने भक्तों को केले के जड़ का रस पीने को देते थे ताकि उनकी यौन-शक्ति कमजोर पड़ जाए. आसाराम की जुबान भक्ति के रंग में रंगी होती थी लेकिन दिल का रंग ऐसा, जो जमाने को सालों तक दिखा नहीं. और जब दिखा, तो उनके सताए लोगों का दर्द इस स्वयंभू भगवान का असली चेहरा आपको दिखा रहा है.

आसाराम का तीसरा रूप, 'आस्था की कुटिया में रासलीला'
लाखों लोगों ने खुद पर जितना भरोसा नहीं किया, उससे लाख गुना ज्यादा भरोसा आसाराम पर किया, लेकिन आसाराम को बेहद करीब से देखने-जानने वाले एक पूर्व साधक का कहना है कि उनके धर्म की कुटिया में पाखंड भरी रासलीला चलती है. और यही है आसाराम का तीसरा रूप. उनके धर्म की कुटिया में अधर्म का साम्राज्य सांस लेता है. एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में आसाराम तो अब जेल गए लेकिन उनके पुराने साधक का कहना है कि आसाराम तो करीब बीस साल से ऐसा घिनौना काम कर रहे हैं, फिर भी बचे हैं तो पैसे और गुंडों की ताकत से. दूर से देखने से सफेद लिबास वाले आसाराम अद्भुत रूहानी ताकतों से ओत-प्रोत नजर आते हैं. लेकिन जो नजदीक गए, उनके लिए तो आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के कई घिनौने चेहरे हैं. आसाराम के बेटे नारायण साईं पर ऐसे ही एक पुराने साधक का आरोप है कि वो अपनी कुटिया में वो सब करता था, जिसके लिए धर्म के आंगन में कोई जगह नहीं होती.

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आसाराम का मामला कोर्ट में है, वो खुद जेल में हैं. कोर्ट तय करेगी कि वो गुनहगार हैं या बेगुनाह. लेकिन आरोपों के तीर उनके धर्म के पाखंड को टुकड़े-टुकड़े जरूर कर रहे हैं.

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