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Bhopal Blind Murder Case Disclosure: कई बार किसी मामले की तफ्तीश के दौरान कोई दूसरा केस भी खुल जाता है. भोपाल में एक बच्ची सुनसान जगह पर झाड़ियों में पड़ी थी. वो लहूलुहान हालत में थी. पुलिस ने इसी हाल में उस बच्ची को वहां से बरामद किया. अब पुलिस बच्ची के माता-पिता की तलाश कर रही थी. तलाश के दौरान बच्ची का पिता तो मिल गया लेकिन पुलिस को छानबीन के दौरान पता चलता है कि उस बच्ची की मां पिछले 2 साल से लापता है. और इत्तेफाक ये था कि उसी जगह उसी झाड़ी में दो साल पहले एक महिला की लाश भी पुलिस को मिली थी. जिस झाड़ी में वो बच्ची पुलिस को लहूलुहान हालत में मिली थी. आगे कहानी हैरान करने वाली है.
29 जनवरी 2024, भोपाल
सोमवार, 29 जनवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे भोपाल के कोहेफिजा इलाके में लोगों को झाड़ियों के बीच एक लड़की के कराहने की आवाज सुनाई देती है. पहले तो लोगों को माजरा समझ में नहीं आता, लेकिन जब लड़की का रोना-कराहना बंद नहीं होता, तो वो अंधेरे में हिम्मत जुटा कर झाड़ियों के बीच झांकने की कोशिश करते हैं और इस कोशिश में उन्हें जो कुछ दिखाई देता है, उससे लोग सिहर उठते हैं.
झाड़ियों में लहूलुहान पड़ी थी मासूम बच्ची
यहां झाड़ियों के बीच सात-आठ साल की एक बच्ची लहूलुहान पड़ी थी. उसका गला कटा हुआ था और आस-पास खून की खून बिखरा था. आम तौर पर ऐसे भयानक हमले में किसी भी इंसान की जान चली जाती है, लेकिन इसे कुदरत का करिश्मा कहें या फिर बच्ची की किस्मत उसके गले में किसी धारदार हथियार से काटे जाने का एक गहरा निशान होने के बावजूद बच्ची की सांसें अब भी चल रही थीं. कहने की जरूरत नहीं है कि आनन-फानन में लोगों ने पहले पुलिस को इसकी इत्तिला ही और फिर उसे उठा कर अस्पताल ले गए.
पुलिस को था बच्ची के ठीक होने का इंतजार
बच्ची को पास के ही हमीदिया अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया, जहां उसकी हालत नाज़ुक बनी थी. ये एक मासूम के कत्ल की कोशिश का बेहद संगीन मामला था, एक ऐसा मामला, जिसमें खुशकिस्मती से बच्ची की जान बच गई थी. लिहाज़ा, पुलिस ने गुमनाम कातिल के खिलाफ कत्ल की कोशिश का मामला दर्ज किया और मामले की तफ्तीश शुरू कर दी. चूंकि इस वारदात का और कोई चश्मदीद नहीं था, पुलिस को बच्ची के ठीक होने का इंतजार था, ताकि वो अपने साथ हुई आपबीती सुना सके.
पिता तेज सिंह ने की थी बच्ची को मारने की कोशिश
दो दिन गुज़रने के बाद अस्पताल में भर्ती मासूम की हालत थोड़ी ठीक हुई और उसने कहानी सुनाना शुरू किया. और तब पुलिस ये जान कर हैरान रह गई कि उसे इस हाल में पहुंचानेवाला कोई और नहीं बल्कि खुद उसका पिता तेज सिंह है, जिस पर बच्ची की हिफाजत और देख-रेख की जिम्मेदारी है. वैसे भी वारदात के बाद से बच्ची के पिता या घरवालों का दूर-दूर तक कोई अता-पता नहीं था, ऐसे में पुलिस पहले से ही उस पर शक कर रही थी, ऊपर से बच्ची ने सारी बातें बता दीं.
पत्नी से बेहद नफरत करता है तेज सिंह
उसने बताया कि 29 जनवरी की रात को उसे उसका पिता घुमाने ले जाने की बात कह कर घर से यहां लेकर आया और इसी जगह पर उसने एक बड़े से चाकू से उसका गला रेत कर उसकी जान लेने की कोशिश की. पुलिस के ये पूछने पर कि उसके पिता के ऐसा करने की वजह आखिर क्या रही? बच्ची का कहना था कि उसके पिता उसे पसंद नहीं करते थे और अक्सर उसकी मां का जिक्र कर उसके साथ मारपीट करते थे. यहां तक कि उसके कत्ल की कोशिश करते हुए भी बच्ची का पिता बच्ची के मां को भला बुरा कह रहा था. यानी अब तक के हालात और बच्ची के बयान से ये बात तकरीबन साफ हो चुकी थी कि मासूम की जान लेने की कोशिश करने वाला शख्स बच्ची के साथ-साथ उसकी मां यानी अपनी पत्नी से भी सख्त नफरत करता है.
दो साल पहले अचानक गायब हो गई थी बच्ची की मां
मगर एक बड़ा सवाल ये भी था कि अगर बच्ची का पिता यानी तेज सिंह अपनी पत्नी से वाकई इतनी नफरत करता था, तो उसकी पत्नी इस वक़्त कहां थी? तो बच्ची ने बताया कि उसकी मां अपने पिता की हरकतों से ही परेशान हो कर करीब दो साल पहले ही कहीं चली गई थी. और तब से लेकर अब तक उसकी मां के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं है. यानी बच्ची पर जानलेवा हमले की ये कहानी जितनी खतरनाक थी, उसकी मां के दो साल पहले गायब होने की सच्चाई भी उतनी ही हैरान करने वाली.
पुलिस की पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
इस बीच मामले की छानबीन करती पुलिस ने बच्ची के बयान के बाद तेज सिंह को भी हिरासत में लि लिया. जिसने थोड़ी हिला-हवाली के बाद आखिरकार बच्ची की जान लेने की कोशिश करने की बात कबूल कर ली. यहां तक कि उसने ये भी कहा कि उसने तो अपनी बेटी का गला काट उसे ये सोच कर झाड़ियों के बीच छोड़ दिया था कि अब उसकी जान चली गई. लेकिन इत्तेफाक से बच्ची की जान बच गई और उसी ने पिता की करतूतों की पोल खोल दी.
बेटी को घुमाने के बहाने घर से बाहर ले गया था पिता
लेकिन ये कहानी अभी आधी-अधूरी थी. इस कहानी का असली सच सामने आना अभी बाकी थी. असल में मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को एक ऐसा सीसीटीवी फुटेज भी मिला, जिसमें 29 जनवरी की रात को तेज सिंह अपनी बेटी को कत्ल से पहले घर से बाहर ले जाता हुआ दिख रहा था. और ये फुटेज अपने-आप में एक बड़ा सबूत था कि तेज सिंह ने ही अपनी आठ साल की बेटी की जान लेने की कोशिश की.
बेटी का गला काटकर झाड़ियों में फेंका
बच्ची पर हुए जानलेवा हमले की जांच करते हुई पुलिस दो से तीन दिन बाद एक बार फिर कोहेफिजा इलाके के उन्हीं झाड़ियों में तफ्तीश के लिए पहुंची, जहां गला काट कर मासूम को फेंका गया था. यहां पुलिस को खून के निशान तो मिले ही, कुछ ऐसे भी लोग मिले, जिन्होंने पुलिस को एक हैरान करनेवाली कहानी सुनाई. लोगों ने बताया कि इन्हीं झाड़ियों में अब से ठीक दो साल पहले यानी 29 जनवरी 2022 को एक महिला की लाश भी मिली थी, जिसका चेहरा बुरी तरह से कुचला हुआ था.
दो साल पहले मिली थी महिला की लाश
जाहिर है, तब कोहेफिजा पुलिस ने भी इस मामले की तफ्तीश की थी. लेकिन वो मामला अनसुलझा रह गया था. असल में दो साल पहले महिला की लाश इस हालत में नहीं थी कि उसकी पहचान हो पाती और ऐसे में बगैर मकतूल की पहचान के पुलिस उस मामले को सुलझा भी नहीं पाई. लेकिन अब जब दो साल बाद उन्हीं झाड़ियों में फिर से एक बच्ची के कत्ल की कोशिश हुई, तो पुलिस ने दोनों मामलों को एक-दूसरे से जोड़ कर देखना शुरू कर दिया. और पुलिस के शक के घेरे में बच्ची का पिता तेज सिंह ही था.
अब तक नहीं हो सकी महिला की शिनाख्त
असल में बच्ची का पिता बच्ची पर हमला करते वक़्त भी उसकी मां को गालियां दे रहा था फिर बच्ची की मां भी ठीक दो साल पहले ही गायब हो गई थी, जिसका अब भी कोई अता पता नहीं था इस बीच पुलिस को ये पता चला कि शहर की उन्हीं झाड़ियों में दो साल पहले एक महिला की लाश मिली थी एक ऐसी लाश, जिसमें मरने वाली महिला की अब तक पहचान नहीं हो सकी.
अपने ही जाल में फंस गया तेज सिंह
असल में ये सारी बातें इस ओर इशारा कर रही थी कि बच्ची पर हुए जानलेवा हमले दो साल पहले मिली लाश का एक दूसरे से कोई का कोई रिश्ता जरूर है. शक ये भी था कि कहीं वो लाश इस बच्ची की मां यानी तेज सिंह की पहली पत्नी की तो नहीं थी? लेकिन इसका जवाब अगर कोई दे सकता था, तो वो तेज सिंह था. अब पुलिस ने तेज सिंह से सख्ती से पूछताछ की. पूछताछ में उसने बेटी के कत्ल की कोशिश और बीवी की गुमशुदगी को लेकर कई विरोधाभासी बातें भी कहीं और नतीजा ये हुआ कि वो अपनी ही बातों में फंस गया.
ऐसे सुलझा 2 साल पुराना ब्लाइंड मर्डर केस
और आखिरकार उसे ये कबूल करना पड़ा कि अब से दो साल पहले उसने इन्हीं झाड़ियों में अपनी बीवी की भी हत्या की थी. उसे अपनी बीवी पर किसी और से रिश्ते होने का शक था. और चूंकि वो कत्ल का वो मामला अनसुलझा रह गया, उसका कॉन्फिडेंस बढ़ गया. और अब उसने अपनी बीवी की तर्ज पर बेटी को भी मारने की कोशिश की, क्योंकि ये बेटी उसे अपनी पहली बीवी की याद दिलाती थी. अब इसे इत्तेफाक कहें, किस्मत का खेल या फि कुछ और.. एक हाफ मर्डर को सॉल्व करने की कोशिश में पुलिस ने दो साल पहले हुए एक ब्लाइंड मर्डर को भी सुलझा दिया.