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क्रूज ड्रग्स केसः नवी मुंबई के एक होटल में 27 सितंबर को रची गई थी आर्यन खान को फंसाने की साजिश!

क्रूज ड्रग्स केस में विजय पघारे ने एक सनसनीखेज़ खुलासा किया है. पघारे ने कहा है कि 27 सितंबर को नवी मुंबई के एक होटल में दो कमरे बुक थे. एक कमरे में वो खुद, गोसावी और सुनील पाटिल मौजूद थे, जबकि दूसरे कमरे में बीजेपी नेता मनीष भानुशाली एक लड़की के साथ मौजूद था. भानुशाली वहां से जाते वक्त कहा था कि उसके हाथ एक 'बड़ा गेम' लग गया है.

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केपी गोसावी ही आर्यन का हाथ पकड़कर एनसीबी के दफ्तर ले गया था
केपी गोसावी ही आर्यन का हाथ पकड़कर एनसीबी के दफ्तर ले गया था

हाल के वक्त में शायद ही ऐसा कोई केस सामने आया हो, जिसमें एक-एक कर तमाम सबूत और गवाह अदालत के बाहर रखे जा रहे हों. हम बात कर रहे हैं मुंबई क्रूज ड्रग्स केस की. इस केस में इल्जामों की झड़ी के बीच एक नया गवाह सामने आया है. गवाह का साफ कहना है कि बॉलीवुड किंग शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को इस मामले में फंसाने की साजिश 27 सितंबर को एक होटल के कमरे में रची गई थी. ये साजिश कामयाब भी रही, लेकिन ऐन वक्त पर एक सेल्फी ने सारा खेल बिगाड़ दिया और ये साजिश बेनकाब हो गई.    

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साजिश पर सुलगते सवाल
क्या क्रूज़ ड्रग रेड की प्लानिंग 27 सितंबर को की गई थी? क्या आर्यन के क्रूज़ पर जाने की खबर एनसीबी को 27 सितंबर को ही मिल गई थी? क्या केपी गोसावी 27 सितंबर के पहले से ही समीर वानखेड़े के संपर्क में था? 27 सितंबर की रात नवी मुंबई के एक होटल में दो कमरे क्यों बुक किए गए थे? क्या इन दोनों कमरों के बारे में समीर वानखेड़े को पहले से ही जानकारी थी? क्या नवी मुंबई के उसी होटल के कमरे में क्रूज ड्रग रेड की पूरी साज़िश रची गई थी?

इन सुलगते सवालों के जवाबों पर आएं, उससे पहले एक बार एनसीबी के मुंबई ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का वो बयान याद कीजीए, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो हाल फिलहाल ही गोसावी को जाने हैं. समीर वानखेड़े के मुताबिक वो केपी गोसावी को पहले से नहीं जानते थे. बल्कि इस केस से एक दिन पहले ही उनसे मिले थे. लेकिन इस पूरे मामले में सामने आए एक बिल्कुल नए किरदार विजय पघारे की मानें तो क्रूज़ ड्रग रेड की कहानी बिल्कुल अलग है. विजय पघारे सुनील पाटिल का करीबी है. वही सुनील पाटिल जो आर्यन ड्रग केस का एक अहम किरदार होने के साथ-साथ गोसावी का भी बेहद करीबी माना जाता है. 

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उसी विजय पघारे ने एक सनसनीखेज़ खुलासा किया है. पघारे ने कहा है कि  27 सितंबर को नवी मुंबई के एक होटल में दो कमरे बुक थे. एक कमरे में वो खुद, गोसावी और सुनील पाटिल मौजूद थे, जबकि दूसरे कमरे में मनीष भानुशाली एक लड़की को लेकर पहुंचा था. करीब दो घंटे तक कमरे में रुकने के बाद भानुशाली जब वहां से रवाना हुआ, तो ये कह कर वहां से गया कि उसके हाथ एक 'बड़ा गेम' लग गया है. मनीष भानुशाली का संबंध बीजेपी से है और गोसावी का संबंध भानुशाली से.अब विजय पघारे के इस दावे के हिसाब से क्रूज ड्रग रेड की पूरी साज़िश इन्हीं लोगों के बीच रची गई. लेकिन इस साजिश का असली सूत्रधार कौन है, ये विजय पघारे ने फिलहाल नहीं बताया.

लेकिन सवाल ये है कि ड्रग को लेकर कोई भी रेड क्या एनसीबी की मर्ज़ी के बिना डाली जा सकती है? क्या ये मुमकिन है कि मुंबई ज़ोनल डायरेक्टर यानी मुंबई में एनसीबी के सबसे बड़े अफ़सर समीर वानखेड़े की बिना जानकारी या सहमति के इतने बड़े रेड को बाहरी लोग अपने बल बूते पर अंजाम दे सकते हैं? विजय पघारे इतने पर ही नहीं रुकता है. वो दावा करता है कि इस बड़े गेम की डील लगभग तय थी, बस.. एक छोटी सी गलती ने सारा खेल बिगाड़ दिया और वो गलती केपी गोसावी की सेल्फी की शक्ल में सामने आई. वही सेल्फी, जो तीन अक्टूबर को पूरे देश में वायरल हो गई थी. क्योंकि उसी सेल्फी के ज़रिए पहली बार आर्यन ख़ान एनसीबी की हिरासत में नज़र आए थे. और साथ ही आर्यन के साथ नज़र आया था गोसावी.

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एनसीबी की मंशा पर पहला सवाल उसी सेल्फी ने उठा दिया था. उस सेल्फी से इतना बवाल हुआ कि फिर बड़े गेम की डील अधूरी रह गई. विजय पघारे के मुताबिक उस सेल्फ़ी के आम होने से पहले सबकुछ प्लान के तहत चल रहा था. दो अक्टूबर को क्रूज़ पर एनसीबी की रेड हुई. आर्यन पकड़ लिया गया. पूजा ददलानी से 18 करोड़ रुपये के बदले आर्यन खान को छोड़े जाने की तैयारी पूरी हो चुकी थी, लेकिन ऐन मौके पर गोसावी की आर्यन खान के साथ एनसीबी दफ्तर में ली गई ये सेल्फी वायरल हुई और पूरा केस खराब हो गया. पघारे की मानें तो उसने सुनील पाटिल और भानुशाली को ये कहते हुए सुना कि गोसावी पैसे वसूल कर फरार हो गया है. बाद में पाटिल ने खुद उससे फोन पर यहां तक कहा कि गोसावी की उस सेल्फी ने सारा काम खराब कर दिया है. 

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पघारे की इन बातों में कितना दम है, इसका पता तो मुंबई पुलिस और अब खुद एनसीबी लगाएगी, लेकिन इतना ज़रूर है कि पघारे की बात एनसीपी नेता नवाब मलिक के उन इल्ज़ामों को सही साबित करते हुए लगते हैं, जिनमें मलिक ने कहा है कि सैम डिसूज़ा, गोसावी एंड कंपनी आर्यन की रिहाई के बदले शाहरुख की मैनेजर ददलानी से वसूली की कोशिश कर रहे थे. नवाब मलिक ने तो यहां तक कहा कि एक पुराने ड्रग केस के मुल्ज़िम को हथियार बन कर ही एनसीबी के कुछ अफ़सर शाहरुख ख़ान की मैनेजर पूजा ददलानी से वसूली की कोशिश कर रहे थे. सुनने में ये बात बेशक अजीब लगे, लेकिन मलिक का दावा कुछ ऐसा ही है.

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नवाब मलिक ने कहा कि सैम डिसूज़ा ही दरअसल ड्रग्स केस का वो मुल्ज़िम है, जिसे समीर वानखेड़े समेत एनसीबी के कुछ अफ़सरों का आशीर्वाद प्राप्त है और इन्हीं अफ़सरों की रज़ामंदी से वो आर्यन खान के मामले में शाहरुख की मैनेजर पूजा ददलानी से वसूली की कोशिश कर रहा था. वो तो अगर आर्यन के साथ केपी गोसावी की सेल्फ़ी वायरल ना हुई होती, तो शायद ये राज़ कभी बाहर नहीं आता. मलिक ने कहा कि सैम डिसूज़ा एनसीबी के वीड बेकरी केस का मुल्ज़िम है, जिसे एनसीबी ने बाकायदा पूछताछ के लिए सम्मन भी भेजा था, लेकिन इस मामले में उसकी कभी गिरफ्तारी नहीं हुई. मंत्री नवाब मलिक ने सैम को भेजी गई सम्मन की वो कॉपी बाक़ायदा अपने ट्विटर हैंडल से ट्विट कर ये दावा किया था.

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने इसी सिलसिले में एक ऑडियो क्लिप जारी किया और कहा कि ये क्लिप एनसीबी अफ़सरों के साथ सैम डिसूज़ा के रिश्तों का सबूत है. इस क्लिप में एक एनसीबी अफ़सर कथित तौर पर सैम डिसूज़ा से बातचीत करता सुनाई दे रहा है, जिसमें एनसीबी का अफ़सर डिसूज़ा को एनसीबी के दफ्तर में पेश होने की बात कहते हुए ये कह आगाह कर रहा है कि वो अपना फ़ोन नंबर बदलने की गलती ना करे, क्योंकि उनके पास उसके सारे आईएमईआई डिटेल्स मौजूद हैं. जबकि डिसूज़ा इस फ़ोन कॉल के बदले में अफ़सर से कथित तौर पर थोड़ा और वक़्त मांगता हुआ सुनाई दे रहा है. 

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नवाब मलिक ने दावा किया कि असल में सैम ने ड्रग्स केस से अपनी जान छुड़ाने के साथ-साथ एनसीबी के लिए इनफॉर्मर के तौर पर काम करने के लिए इस अफ़सर को एक मोटी रकम रिश्वत में दी थी और अब वही सैम डिसूज़ा क्रूज ड्रग्स केस में एनसीबी अफ़सरों की तरफ से पूजा ददलानी से पैसों की वसूली करने की कोशिश कर रहा था. ये तो रही वसूली के खेल में सैम डिसूज़ा के रोल की बात. इसी खेल में अब सुनील पाटिल नाम के एक ऐसे किरदार की एंट्री हुई है, जिसे एनसीपी और बीजेपी दोनों एक-दूसरे का प्यादा ठहराने में जुटे हैं और बीजेपी जिसे आर्यन ड्रग्स केस का असली मास्टरमाइंड बता रही है. 

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बीजेपी नेता मोहित कंबोज ने इसी सुनील पाटिल को एनसीपी का करीबी और एनसीपी के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बेटे हृषिकेश देशमुख का ख़ास दोस्त बताते हुए ये दावा किया है कि ये पाटिल ही था, जिसने सैम डिसूज़ा को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अफसरों से मिलवाया था. कंबोज को तो यहां तक कहना है कि असल में पाटिल, केपी गोसावी, मनीष भानुशाली, प्रभाकर सैल सभी एक दूसरे से मिले हुए हैं. पाटिल ने होटल ललित में एक सूट बुक कर रखा था और वो यहीं एनसीपी के नेताओं को दावतें दिया करता था और यहीं से सारी डीलिंग हुआ करती थी.

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उधर, पाटिल ने खुद को इस मामले से अलग बताते हुए ये दावा किया है कि उसका आर्यन ड्रग्स केस से कोई लेना-देना नहीं है. बल्कि सैम डिसूज़ा ने ही उसे कॉल कर कॉर्डेलिया क्रूज़ में होनेवाली ड्रग्स पार्टी के बारे में जानकारी दी थी और उससे मदद मांगी थी, जिसके बाद उसने सैम को गोसावी और भानुशाली से मिलवा दिया था. पाटिल का कहना था कि लेकिन बाद में जब कुछ हो गया, तो उसके कहने पर ही गोसावी ने सैम डिसूज़ा को सारे रुपये वापस कर दिए. ज़ाहिर है पाटिल का ये कहना अपने आप में ये इशारा करता है कि आर्यन केस में सैम और गोसावी ने पूजा ददलानी से एक मोटी रकम वसूल की थी. लेकिन शायद बाद में भेद खुलने के डर से कुछ रुपये लौटा दिए गए.

सैम डिसूज़ा के खिलाफ़ दर्ज एनसीबी के पुराने मामले पर पाटिल ने जो दावा किया है, वो डिसूज़ा पर लगाए गए नवाब मलिक के इल्ज़ामों को थोड़ी और मज़बूती देता है. पाटिल ने कहा है कि वो सैम को पिछले एक साल से जानता है. सैम ने उसके खिलाफ़ एनसीबी में दर्ज मुकदमे को लेकर उससे मदद मांगी थी, लेकिन उसने एनसीबी में किसी को नहीं जानने की बात कह कर सैम को कोई भी मदद करने से मना कर दिया था. जबकि बाद में उसे पता चला कि सैम ने एनसीबी के अफ़सर को 25 लाख रुपये की रिश्वत देकर वीड बेकरी ड्रग्स केस से अपनी जान छुड़ाई. पाटिल ने एनसीपी से अपना कोई भी लेना-देना होने की बात से भी इनकार किया और कहा कि 2016 तक ज़रूर एनसीपी से जुड़ा था, लेकिन अब उसका सियासत से कोई लेना-देना नहीं है. 

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पाटिल ने कहा कि वो एनसीपी नेता नवाब मलिक से कभी नहीं मिला, हां, 10 अक्टूबर को आर्यन केस पर किए गए उनके प्रेस कांफ्रेंस के बाद उसने नवाब मलिक को एक बार फोन ज़रूर किया था. लेकिन इन तमाम खुलासों से अलग पाटिल ने मुंबई पुलिस की स्पेशल एनक्वायरी टीम के सामने जो बयान दिया है, वो भी कम चौंकानेवाला नहीं है. गोसावी के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सैल के वसूली के इल्ज़ामों के बाद इस मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की टीम ने पाटिल को भी पूछताछ के लिए बुलाया था. सूत्रों की मानें तो पाटिल ने वहां पुलिस से कहा कि उसके साथ दिल्ली के एक होटल में बीजेपी नेता मनीष भानुशाली और उसके लोगों ने ये कहते हुए मारपीट की कि उसे समीर वानखेड़े के हक में ही अपना बयान देना है. 

 

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