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उसे ऐसा मर्डर करना था कि जो कत्ल ही ना लगे. बल्कि वो एक आम मौत की तरह दिखाई दे. और उसने वैसा ही मर्डर कर डाला. एक शख्स के पेट में अचानक दर्द उठा. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. मगर उसके शरीर की धड़कन से लेकर कई एक ऑर्गन अचानक ही फेल हो गए और फिर उसकी मौत हो गई. लेकिन ये मौत कोई आम मौत नहीं थी. इसके पीछे थी एक गजब की साजिश. वो साजिश.. जिसे खुद मरने वाले शख्स की बीवी ने अंजाम दिया था. उस औरत ने पूरे 7 महीने तक ये साजिश रची और 2 महीने तक लगातार कत्ल किया. प्यार, धोखा और बेवफाई की ये ऐसी कहानी है, जो आपको हैरान कर देगी.
24 अगस्त 2022, सांताक्रूज, मुंबई
कपड़ों के कारोबारी कमलकांत शाह को अचानक पेट में काफी तेज दर्द की शिकायत हुई. पहले तो घरवालों ने इसे मामूली परेशानी ही समझी और डॉक्टर के पास गए. डॉक्टर ने भी अपने तौर पर दवाएं दी और उन्हें घर जाकर आराम करने को कहा. लेकिन राहत की बात तो दूर उनकी परेशानी बढ़ती गई.
19 सितंबर 2022
आनन-फानन में कमलकांत को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लेकिन किस्मत का खेल देखिए कि इसके बाद वो कभी ठीक ही नहीं हुए और आखिरकार करीब एक महीने बाद 19 सितंबर को मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से 46 साल के कमलकांत की जान चली गई.
कमलकांत की मेडिकल रिपोर्ट ने चौंकाया
मौत से पहले तो खैर डॉक्टर उनकी बीमारी की वजहों को ही समझने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन मौत के बाद कोशिश मौत की वजहों को जानने की होने लगी. और इतेफाक से उनकी जो ब्लड रिपोर्ट डॉक्टरों के सामने थी, वो हर किसी का दिमाग घुमा देने के लिए काफी थी. डॉक्टरों ने पाया कि कमल के खून में मेटल यानी धातु की मात्रा काफी ज्यादा थी. वो भी सामान्य से सौ गुना ज्यादा. इनमें भी दो धातुओं की मात्रा कुछ इतनी ज्यादा थी, जो इंसानी शरीर के लिए ना सिर्फ बेहद घातक होते हैं, बल्कि ऐसे धातु के किसी इंसान के शरीर में पहुंचने पर उसकी तिल-तिल कर मौत हो जाती है.
शक के घेरे में आई कमलकांत की मौत
कमल के खून में भी आर्सेनिक की मात्रा 4 सौ गुना ज्यादा थी, जबकि थैलियम की मात्रा 365 गुना ज्यादा. अब इन दोनों धातुओं की इतनी बड़ी मात्रा अपने-आप में शक पैदा करनेवाली थी. ऐसे में डॉक्टरों के साथ-साथ कमल के नाते रिश्तेदारों को भी उनकी मौत पर शक होने लगा. इन हालात में बाद पुलिस तक पहुंची और शव का पोस्टमॉर्टम करवाने का फैसला लिया गया.
मां की मौत को लेकर भी उठे सवाल
इस बीच परिवार में हुई एक और मौत को लेकर भी शक गहराने लगा था. असल में कमल की मां सरला देवी की भी ऐसे ही रहस्यमयी हालात के बीच 13 अगस्त 2022 को मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से मौत हो गई थी. अब सवाल उठने लगा था कि क्या इन दोनों मौतों का भी आपस में कोई रिश्ता था?
कमल की बहन ने किया चौंकानेवाला खुलासा
अब मामले की जांच पुलिस अपने हाथ में ले चुकी थी. पुलिस ने कमल के घर की पत्नी काजल के साथ-साथ परिवार के दूसरे लोगों से भी पूछताछ शुरू की. और इस कोशिश में पुलिस को कई चौंकानेवाली बातें पता चलीं. पुलिस को कमल की बहन कविता ने बताया कि उनकी भाभी कमल के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान ही उनके भैया कमल के पैसों और अकाउंट के बारे में लगातार जानकारी जुटाने की कोशिश करती थी. इसके बाद जब कमल की मौत हो गई, तो वो फौरन ही उनके लाइफ इंश्योरेंस के बारे में पता करने लगी.
डॉक्टरों ने बताया धीमा जहर
घरवालों को काजल के व्यवहार में किसी तरह के गम या अफसोस जैसी बात भी नहीं दिखी. अब पुलिस ने डॉक्टरों से राय ली. डॉक्टरों ने बताया कि आर्सेनिक और थैलियम दरअसल वो धीमा जहर हैं, जिन्हें खाने में मिला देने से ना तो उसके टेस्ट में कोई फर्क आता है और ना ही रंग में. लेकिन ये शरीर के अंदरुनी अंगों को बीमार करने लगते हैं. अब सवाल ये था कि अगर सभी एक ही साथ रहते थे, खाना खाते थे, तो फिर सिर्फ कमल के शरीर में ही ये चीजें इतनी बडी मात्रा में कैसे पहुंची?
सीडीआर से सामने आया हितेश जैन का नाम
अब कमल की पत्नी काजल पर शक गहराता जा रहा था. अब पुलिस ने काजल की सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाई और इसी सीडीआर की जांच में जो कहानी निकल सामने आई उसने पुलिसवालों को भी चकरा दिया. कमल की बीवी काजल लगातार हितेश जैन नाम के किसी शख्स से लंबी बातें किया करती थी. अब पुलिस ने हितेश के बारे में पता करना शुरू किया.
काजल ने प्रेमी के साथ मिलकर रची थी साजिश
अब पुलिस ने ना सिर्फ काजल से बात की, बल्कि उससे सख्ती से पूछताछ की. पुलिस की पूछताछ में काजल ने कबूल कर लिया कि वो हितेश से प्यार करती है और उसी ने अपने पति कमलकांत का कत्ल अपने आशिक हितेश के साथ मिलकर किया है, ताकि उसकी मौत के बाद वो उसी के पैसों पर अपने प्रेमी के साथ मजे की जिंदगी गुजार सके.
काजल ने धीमा जहर देने की बात कबूली
पुलिस की पूछताछ में काजल ने अपने पति कमलकांत को खाने में आर्सेनिक और थैलियम की खुराक मिला कर देने की बात कबूल की और बताया कि इसके लिए उसे उसके प्रेमी हितेश ने ही आइडिया दिया था. असल में कमल और हितेश दोनों बचपन के दोस्त थे. काजल की अपनी शादी से करीब दस साल पहले कमलकांत से दोस्त हितेश से मुलाकात हुई थी. लेकिन इतेफाक से शादी के बाद कमलकांत और काजल में अनबन होने लगी, दोनों एक दूसरे से दूर जाने लगे और हितेश काजल के करीब आने लगा.
7 महीने की साजिश का असर
बीच में काजल अपने बच्चों के साथ पति का घर छोड़ कर चली गई थी, लेकिन फिर प्लानिंग के तहत 15 जून को वापस ससुराल लौटी और पति और सास को खमोशी से जहर देने लगी. इस तरह सात महीने की प्लानिंग के बाद आखिरकार जहर ने अपना असर दिखाया और कमलकांत की जान चली गई.
हितेश ने सुनाई अपहरण की झूठी कहानी
पुलिस के हाथों काजल तो गिरफ्तार हो चुकी थी, लेकिन अब उसके आशिक हितेश को अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा था और इसी डर में उसने पुलिस से बचने के लिए एक और साजिश रची. उसने अपने किडनैप होने की झूठी कहानी गढ़ दी और जब तक पुलिस उस तक पहुंची, उसने बताया कि वो खुद जुर्म का शिकार है. उसे कुछ लोगों ने किडनैप कर लिया था और उसे बुरी तरह मारपीट कर शाहपुर में नासिक रोड पर फेंक दिया. जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, तो उसके शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान थे.
गिरफ्तारी से बचने के लिए बोला था झूठ
हालांकि जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछकी, तो पता चला कि ये उसने खुद ही अपने शरीर को जख्म दिए थे. ताकि वो पुलिस को अपनी झूठी कहानी से उलझा सके और गिरफ्तारी से बच सके. मगर ऐसा हो ना सका और वो कानून की गिरफ्त में आ गया.
क्या होता है आर्सेनिक और थैलियम?
अब आइए जान लेते हैं कि आखिर ये आर्सेनिक और थैलियम क्या बला हैं? जानकारों की मानें तो आर्सेनिक किसी इंसान के शरीर में खाना पचाने से लेकर क्रियाओं के लिए पैदा होनेवाले एंजाइम को खराब कर देता है. जिससे शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. वहीं, थैलियम भी पानी में घुलने वाला केमिकल है. ये भी कोई रंग नहीं छोड़ता और ना ही इसमें स्वाद होता है. इनका इस्तेमाल पूरी दुनिया में साइलेंट किलर के तौर पर किया जाता है.
कई तानाशाहों से लेकर कई नेताओं की हत्या इन्हीं केमिकल से हुई है. ये शरीर में धीरे-धीरे असर करते हैं जिससे तुरंत नहीं पता चलता है. जब शरीर के अंग खराब हो जाते हैं तब उल्टी, पेट में दर्द और सिर दर्द की शिकायत होती है. जिसके बाद शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और मौत हो जाती है. आर्सेनिक और थैलियम के इस्तेमाल से 15 से 25 दिन में ही आर्गन फेल हो जाते हैं.