एक फिल्म थी प्रियतमा. उसके गीतकार थे अनजान और उस फिल्म में संगीत था राजेश रौशन का. उस फिल्म का एक गीत है 'मैं जो बोलूं हां तो हां, मैं जो बोलूं ना तो ना'. इस गीत को आवाज़ दी थी किशोर कुमार और ऊषा मंगेश्कर ने. और ये गीत कराची के एक नबंर पर कॉल करने के बाद कॉलर ट्यून में सुनाई देता है. क्या आप जानते हैं वो नंबर किसका है.
हम आपको बताते हैं, वो नंबर है भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का. उसके फोन का कॉलर ट्यून ये बताने के लिए काफी है कि दाऊद इब्राहिम खुद को जज भी मानता है और अदालत भी. मगर कॉलर ट्यून के उस पार जब दाऊद फोन उठाता है तब वो क्या होता है? क्या तब भी वो जज और अदालत ही होता है? जी नहीं. बिल्कुल नहीं. तब वो कभी डॉन होता है तो कभी दब्बू.
कभी फोन कॉल से डर जाता है तो कभी अपनी बीवी को आंखें दिखाता है. दाऊद के इन्हीं सब अलग-अलग रूप को आप उसकी आवाज़ में देख सकते हैं. और इस आवाज का खुलासा हुआ आजतक के हाथ लगे टेप से जिसमें दाऊद की वो आवाज मौजूद है, जो एक साथ कई राज़ से पर्दा उठाती है.
डी कंपनी में ये कॉलर ट्यून ये बताने के लिए काफी है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को किसी और की हां या ना पसंद नहीं है. उसकी बोली जुबान आखिरी है. उसकी हां मतलब हां. उसकी ना का मतलब ना. टेप में मौजूद आवाज़ जो पिछले 24 सालों से हिंदुस्तानी कानून के कानों में तो गूंजती है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियो को सुनाई भी देती है. पर वो खुद कभी दिखाई नहीं देता.
मुंबई की एक चाल से निकले छोटे से टपोरी को इतना बड़ा बना देने वाली पुलिस, मीडिया और बॉलीवुड को भी पहली बार पता चला कि डॉन डरता भी है. पहली बार पता चला कि डॉन घबराता भी है. पहली बार पता चला कि डॉन अपनी बीवी को आंखें भी दिखाता है.
टेप में उसकी आवाज तो सुनाई देती है पर बोलने वाला कभी खुद कहीं दिखाई नहीं देता. ना कभी सामने आया. 24 साल पहले हिंदुस्तान के सबसे जिंदा दिल शहर मुंबई को लहूलुहान करने के बाद से वो ऐसा भागा कि बस हाथ ही नहीं आया. मुंबई की फिजाओं में आज भी तब मुर्दनी छा जाती है जब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नाम की चर्चा होती है. ये शहर भूल नहीं पाता कि दाऊद की साजिश और करनी ने इस शहर को खून के आंसू रुलाया था. 24 साल गुजर गए लेकिन ये शहर अपने सुलगते जख्मों को छुपाकर आज भी पूछता है कि कहां है दाऊद?
कहां है दाऊद? कहां है मुंबई को सबसे ज्यादा खून के आंसू रुलाने वाला? कहां है हिंदुस्तानी कानून का सबसे बड़ा गुनहगार ? 24 साल का वक्त कोई छोटा-मोटा अरसा नहीं होता. लेकिन हकीकत ये है कि इतने सालों में अब तक पाकिस्तान में उसके होने की बस कहानिय़ां सुनने के साथ ये पहेली ही हम बूझते आए हैं कि दाऊद इब्राहिम कहां है?
मनमोहन सिंह की पिछली सरकार से लेकर मोदी सरकार बनने तक यही कहा जाता रहा कि दाऊद पाकिस्तान में है. और एक दिन हम उसे पाकिस्तान से लाकर रहेंगे. इस दौरान दाऊद के पाकिस्तान में होने के तमाम सबूत और यहां तक कि कराची में उसके ठिकानों की तस्वीरें और मोबाइल नंबर समेत उसकी आवाज तक के नमूने सामने लाए गए. अलबत्ता बस सामने नहीं लाया जा सका तो खुद दाऊद.
हमारे पास भी दाऊद की केवल आवाज हैं. वो आवाज़ जो गवाही दे सके कि वो इस वक्त कहां है? क्या कर रहा है? कहां रह रहा है? तो इन सारे सवालों के जवाब खुद दाऊद की जुबान से मिला. टेप में दाऊद ही बोल रहा है. वो अलग-अलग लोगों से बात करता है. कभी अपने भांजे से. कभी अपने पार्टनर से. कभी अपने गुर्गे से. उस टेप में कहीं कहीं डॉन की बीवी की भी आवाज़ सुनाई देती है.