महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी की है. उन्हें तीन मार्च तक के लिए ईडी कस्टडी में भेज दिया गया है. इस एक गिरफ्तारी ने महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया है. बीजेपी नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग कर रही है.
महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि नवाब मलिक की अब गिरफ्तारी हो चुकी है, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. हम मांग करते हैं कि वे तुरंत अपना पद छोड़ें. महाराष्ट्र सरकार में कई ऐसे मंत्री हैं, जिन पर कई आरोप हैं. लिस्ट काफी लंबी है, मैं खुद बोलते-बोलते थक जाऊंगा. अभी के लिए इस मामले ने महाराष्ट्र सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है और खुद सीएम उद्धव ठाकरे एक्शन में आ गए हैं. उनकी शरद पवार संग बैठक जारी है. बैठक में कई मंत्री और विधायक भी शामिल हुए हैं.
खबर मिल रही है कि एनसीपी अभी नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं मांगने वाली है. राज्य सरकार के मुताबिक वे बीजेपी के आरोपों के सामने झुकने नहीं वाले हैं. वैसे जो फैसला मीटिंग में लिया गया है, वहीं बात बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शरद पवार के सामने रखी. बैठक से पहले ममता बनर्जी ने भी फोन कर शरद पवार से इस मुद्दे पर बात की थी. तब उन्होंने कहा था कि बीजेपी का सामना करने के लिए एक एकजुट विपक्ष बनाने की जरूरत है.
विवाद पर शरद पवार का बयान
इस पूरे बवाल पर शरद पवार ने भी बड़ा बयान दिया है. उनके मुताबिक बीजेपी पहले भी ऐसी कार्रवाई करती आई है. उन्होंने कहा कि नवाब मलिक पर जो कार्रवाई हो रही है वह कोई नई बात नहीं है. जिस तरह से सिस्टम का दुरूपयोग हो रहा है यह उसका उदाहरण है. आज या कल इस तरह की घटना होगी यह हमें पता था. नवाब मालिक सबके सामने खुलकर बोलते हैं इसलिए उन पर यह कार्रवाई की गई है. इसलिए इस पर ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है. नवाब मलिक पर कौन सा केस डाला जा रहा है यह पता नहीं. कोई भी कार्यकर्ता मुस्लिम होगा तो उसका दाऊद से कनेक्शन बताकर आरोप लगाए जाते हैं, यह कोई नई बात नहीं ऐसा ये लोग हमेशा ऐसा करते आ रहे हैं. लेकिन सच क्या है यह किसी को नहीं पता.
पवार ने आगे कहा कि मैं जब राज्य का मुख्यमंत्री था तब मुझ पर भी ऐसे ही आरोप लगाए गए थे. उसी तरह नवाब मालिक का 25 साल पुराना विवाद निकालकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. यह सत्ता का दुरूपयोग है. जो भी केंद्र सरकार के खिलाफ बोलते हैं उन्हें इसी तरह परेशान किया जाता है.
बताया गया है कि आज सुबह पांच बजे ईडी नवाब मलिक के निवास पर पहुंची थी. फिर सात बजे ईडी द्वारा उन्हें नोटिस दिया गया और 7.45 पर वे जांच एजेंसी के दफ्तर लाए गए. फिर वहां पर करीब आठ घंटे की उनसे पूछताछ हुई और दोपहर तीन बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
मलिक की गरिफ्तारी क्या बोलीं पार्टियां?
जानकारी के लिए बता दें कि ईडी द्वारा नवाब मलिक पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उनके अंडरवर्ल्ड से रिश्ते बताए गए हैं, बेनामी संपत्ति की बात सामने आई है और ये भी कहा गया है कि मलिक जांच में एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनसे करीब आठ घंटे की पूछताछ की गई थी, कई तरह के सवाल-जवाब हुए थे और फिर गिरफ्तारी हो गई. अब मलिक की गिरफ्तारी पर बीजेपी जरूर उनका इस्तीफा मांग रही है, लेकिन विपक्ष के दूसरे नेता मंत्री के समर्थन में आ गए हैं.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी हमेशा ऐसे ही करती है. बड़े नेताओं की गिरफ्तारी करवाकर उन्हें अपमानित करने का काम किया जाता है. वहीं NCP नेता सुप्रिया सुले ने कहा, नवाब मलिक के यहां ED के लोग आए थे. बहुत दिनों से बीजेपी के कार्यकर्ता, प्रवक्ता ट्वीट कर रहे थे कि नवाब मलिक और महाविकास अघाड़ी के खिलाफ ED का नोटिस आएगा. आज वह हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि महाविकास अघाड़ी के खिलाफ बीजेपी जो षड्यंत्र कर रही थी उसे आज पूरा महाराष्ट्र देख रहा है.
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने एजेंसी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा है कि सभी को जांच करने का हक है. वे कर सकते हैं, लेकिन फिर 2024 के बाद उन सभी की जांच भी की जाएगी. उनकी माने तो आने वाले दिनों में वे खुद सभी को एक्सपोज करने जा रहे हैं. एक ट्वीट कर भी संजय राउत ने बड़ा हमला बोला है.
उन्होंने लिखा है कि महाविकास आघाडी से आमने-सामने नहीं लड़ सकते, इसलिए पीछे से अफजलखानी युद्ध चल रहा है, चलने दो. अ किसी मंत्री को कपट से अंदर कर आनंदित हो रहे हैं, तो होने दो. नवाबसे इस्तीफा न ले. लड़ते रहें और जीतें. कंस और रावण भी मारे गए. यही हिंदुत्व है.
पूरा मामला क्या है?
इस मामले की बात करें तो 15 फरवरी को मुंबई में ईडी ने कई जगहों पर छापेमारी की थी. अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों को देखते हुए कई ठिकानों पर रेड डाली गई थी. इस लिस्ट में दाऊद की बहन हसीना पार्कर का ठिकाना भी शामिल था. बाद में दाऊद के भाई इकबाल कासकर को भी गिरफ्तार किया गया था. अब जांच में सामने ये आया है कि नवाब मलिक की दाऊद इब्राहिम के गुर्गे सरदार शाहवली खान और हसीना पारकर के बॉडीगार्ड सलीम पटेल के साथ कोई डील थी. कुछ महीनों पहले पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी आरोप लगाया था कि नवाब मलिक ने करोड़ों रुपये की प्रोपर्टी सिर्फ 30 लाख रुपये में खान और पटेल से खरीदी थी.