यूपी के तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में मेडिकल की एक स्टूडेंट की बेहद रहस्यमयी हालत में मौत हो जाती है. यूनिवर्सिटी प्रशासन बताता है कि लड़की ने पांचवीं मंजिल से छलांग लगा कर जान दी है लेकिन मौके पर ऐसा कोई भी सुराग नहीं मिलता जबकि उसे नीचे गिरता देखनेवाली एक चश्मदीद भी यूनिवर्सिटी में ही मौजूद है और जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आती है, पूरी कहानी पलट जाती है.
दिल्ली के नजदीब फरीदाबाद का भड़ाना परिवार इस वक्त गहरे सदमे में है. वजह है घर की छोटी बेटी नीरज की मौत का, लेकिन इस गम के माहौल में भी एक बात ऐसी है, जिसने इस परिवार को बुरी तरह उलझा दिया है और वो बात है उनकी बेटी की मौत का अजीबोगरीब तरीका.
दरअसल, नीरज की मौत उसके घर में नहीं बल्कि फरीदाबाद से 186 किलोमीटर दूर यूपी के शहर मुरादाबाद में हुई है. नीरज, पीतल नगरी के नाम से मशहूर इसी शहर में तीर्थंकर महावीर यूनिर्विसिटी में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थी लेकिन इसी यूनिवर्सिटी कैंपस में जिस हाल में नीरज की जान गई, उस पर उसके घरवाले तो क्या किसी के लिए भी यकीन करना मुश्किल होता.
नीरज की रूम मेट वर्षा का कहना है कि उसकी सहेली की मौत अपने हॉस्टल के पांचवीं मंजिल से नीचे गिरने की वजह से हुई और तो और उसने खुद अपनी आंखों से नीरज को ना सिर्फ नीचे गिरते हुए देखा बल्कि उसे बचाने की भी कोशिश की लेकिन नीरज का हाथ छूट गया और वो नीचे जा गिरी.
खुद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी इस सिलसिले में पुलिस में जो पहली शिकायत दी उसमें उन्होंने नीरज की मौत की वजह उसके पांचवीं मंजिल से गिरने को ही बताया था. बल्कि यूनिवर्सिटी का तो यहां तक कहना था कि उसने अपने ही कमरे की बॉलकनी से कूद कर खुदकुशी कर ली है.
मगर, सबसे चौंकानेवाली बात ये है कि इतनी ऊंचाई से गिरने के बावजूद ना तो नीरज के जिस्म की कोई हड्डी टूटी और ना ही मौका-ए-वारदात पर खून का एक भी कतरा पड़ा हुआ मिला, लेकिन सोचने वाली बात है कि क्या ऐसा भी कभी मुमकिन है कि कोई इतनी ऊंचाई से नीचे आ गिरे और उसके जिस्म की सारी की सारी हड्डियां बिल्कुल सलामत रहे. ये बात जितनी अजीब है, जमीन पर इतनी जोर से गिरने के बावजूद जिस्म से एक भी बूंद खून का ना निकलना भी उतना ही अजीब और जाहिर है, इन्हीं सवालों में नीरज की मौत की पहेली छिपी है. तो क्या नीरज ने वाकई पांचवीं मंज़िल से छलांग कर जान दी है या फिर उसकी मौत का राज कुछ और है.
यूनिवर्सिटी में हुई इस रहस्यमयी मौत का मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आने पर जैसे और भी उलझ जाता है क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट वो कहानी बयान नहीं करती, जो उसकी रूम मेट और यूनिवर्सिटी प्रशासन सुना रही है. अब सवाल ये है कि आख़िर लड़की को हुआ क्या है और इस पूरे वाकये का सच क्या है.
कैंपस में अब से कुछ देर पहले तक सबकुछ ठीक-ठाक था, लेकिन गर्ल्स हॉस्टल की इसी बालकन से जैसे ही एक लड़की के गिरने की खबर आई, पूरे टीएमयू में सन्नाटा पसर गया. वैसे तो यूनिवर्सिटी प्रशासन नीरज के पांचवीं मंजिल से कूद कर खुदकुशी करने की बात कह रहा था, लेकिन उसकी रूम मेट वर्षा के अलावा और ऐसा कोई भी नहीं था, जिसने शाम के वक्त हुई इस रहस्यमयी वारदात को देखा हो. यानी वर्षा के अलावा नीरज की मौत का दूसरा कोई चश्मदीद नहीं था.
अपनी बेटी की मौत की खबर मिलने पर फरीदाबाद का भड़ाना परिवार बदहवासी के आलम में देर रात तक मुरादाबाद पहुंचा, लेकिन तब तक लाश मॉर्चरी में भिजवाई जा चुकी थी. उधर, घरवालों को टीएमयू की खुदकुशी वाली बात पर रत्ती भर भी यकीन नहीं था क्योंकि महज एक दिन पहले तक यानी 6 जुलाई को भी अपनी बेटी से उनकी बातचीत हुई थी और तब तक वो बिल्कुल ठीक थी. कहने का मतलब ये कि उसने तब भी अपने घरवालों से ऐसी कोई बात नहीं कही, जिसके चलते वो महज 24 घंटे के दरम्यान यूं खुदकुशी कर लेती.
अलबत्ता अपनी बेटी से हुई बातचीत के हवाले से नीरज के घरवाले टीएमयू प्रशासन पर ही कत्ल का इल्जाम लगा रहे थे. घरवालों का कहना था कि नीरज अक्सर टीएमयू में चल रहे गोरखधंधों के बारे में उनसे शिकायत करती थी, लेकिन वो अपनी बेटी को सारी बातों से निगाहें फेर कर चुपचाप अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने की बात कहते रहे. एक-आध बार तो नीरज ने अपने घरवालों से ये भी बताया था कि किस तरह यूनिवर्सिटी की कुछ लड़कियां कम अटेंडेंस होने के बावजूद आराम से ना सिर्फ रुपए देकर परीक्षा में शामिल होने, बल्कि पास करने का भी दम भर रही है. जबकि रिश्वत नहीं देने पर उसकी रिजल्ट के खराब कर दिए जाने का डर है.
भड़ाना परिवार को अपनी बेटी के कत्ल का शक तो था ही, लेकिन इसी बीच जैसे ही उन्हें नीरज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का पता चला उनका शक यकीन में बदल गया. क्योंकि ये रिपोर्ट ना सिर्फ मौत के वक्त नीरज के जिस्म की सभी हड्डियों के सलामत होने की बात कह रही थी, बल्कि ये भी बता रही थी कि उसकी मौत ऊंचाई से गिरने की वजह से बिल्कुल नहीं हुई. बल्कि यहां तो फॉरेंसिक जांच के दौरान नीरज के जिस्म पर नाखुनों से खंरोचें जाने के कई निशान मिले थे. जो इस बात की तरफ इशारा कर रहे थे कि मौत से पहले किसी ने नीरज के साथ ज्यादती की कोशिश की है और अगर यही सच था तो यूनिवर्सिटी प्रशासन और नीरज की रूम मेट उसके ऊंचाई से गिर कर मरने की बात क्यों कह रहे थे. कहीं ऐसा तो नहीं कि ये नीरज की मौत से जुड़े किसी राज को छिपाने की कोशिश थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आखिर उसके मौत की असली वजह क्या लिखी थी.
इतनी ऊंचाई से गिरने के बावजूद नीरज की एक भी हड़्डी का न टूटना अपने-आप में बहुत अजीब था लेकिन जैसे ही उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, मानों पूरा मामला ही बदल गया क्योंकि रिपोर्ट में कहीं भी नीरज के ऊंचाई से गिरने की बात कही ही नहीं गई थी बल्कि ये रिपोर्ट तो कुछ और ही इशारा कर रही थी.
पोस्टमार्टम में पता चला कि नीरज की मौत दम घुटने की वजह से हुई है. कुछ ऐसे जैसे किसी ने तकिये से सांस रोक कर उसकी जान ली हो. ऊपर से उसके जिस्म पर नाखुनों के निशान भी मौजूद थे. यानी नीरज के हॉस्टल में कोई ऐसा जरूर था, जिसने पहले तो नीरज के साथ ज्यादती की कोशिश की और फिर पोल खुलता देख कर सांस रोक कर उसकी जान ले ली. फिर सवाल ये था कि आखिर टीएमयू प्रशासन और उसकी रूम मेट झूठ क्यों बोल रही थी. अगर किसी ने हॉस्टल में घुस कर नीरज का मर्डर किया था, तो फिर उसके रूम मेट और टीएमयू को ये बात छुपाने की क्या जरूरत थी.
वैसे भी इस लड़की की रूम मेट और यूनिवर्सिटी प्रशासन नीरज की मौत की जो कहानी बता रहे थे, वो दोनों एक होने के बावजूद सवालों के घेरे में थी क्योंकि नीरज की रूम मेट वर्षा का कहना था कि उसने अपने कमरे से नीरज की चीख सुनी थी और जब वो दौड़ कर बालकनी की तरफ गई, तब उसने नीरज बालकॉनी से नीचे लटकते हुए देखा. ये देख कर उसने नीरज को बचाने की कोशिश की, उसका हाथ पकड़ना चाहा लेकिन इससे पहले कि वो ऐसा कर पाती, नीरज का हाथ छूट गया और वो नीचे चली गई.
अब सवाल ये भी है कि अगर नीरज ने वाकई अपने कमरे की बालकनी से कूद कर खुदकुशी की, तो फिर वो यूं पांचवीं मंजिल से लटक कैसे रही थी. क्योंकि ऊपर से कूद कर खुदकुशी करने के लिए तो आम तौर पर कोई भी सीधा नीचे छलांग ही लगा लेगा ना कि बचने के लिए शोर मचाएगा. बालकनी से लटकने की बात तो तब आएगी जब कोई किसी वजह से फिसल कर नीचे गिरे और खुद को बचाने के लिए लटक जाए. लेकिन यहां तो मामला खुदकुशी का बताया जा रहा था. जाहिर है, सवाल कई थे, लेकिन इन तमाम सवालों में एक सवाल ये भी था कि अगर नीरज का कत्ल किया गया, तो उसकी वजह क्या थी.
आखिर कोई यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में घुस कर किसी स्टूडेंट की जान कैसे ले सकता है. कहीं ऐसा तो नहीं कि नीरज ने इस यूनिवर्सिटी से ही जुड़े किसी शख्स का कोई ऐसा राज जान लिया था कि उसने इस राज़ को दफन करने के लिए ये साजिश रची. जाहिर है, वो जो भी था, कोई अंदर का था.
एक लड़की की मौत के इस मामले को जितना सीधा बताने की कोशिश की जा रही थी, ये मामला उतना सीधा नहीं था, क्योंकि बेटी की मौत का पता चलते ही घरवालों ने अपनी बेटी से हुई बातचीत का ज़िक्र करते हुए इल्जामों का ऐसा पिटारा खोला कि टीएमयू प्रशासन की शक के घेरे में आ गया. घरवालों ने टीएमयू के चेयरमैन समेत तमाम दूसरे अधिकारियों और यहां तक कि उसकी रूम मेट के खिलाफ थाने में में कत्ल की साजिश रचने की शिकायत करते हुए तहरीर दाखिल कर दी. घरवालों का तो यहां तक कहना था कि हॉस्टल में पहले भी लड़कियों के साथ ज्यादती होती रही है और इस बार उनकी बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश की गई और इसी सिलसिले में उसकी हत्या कर दी गई.
हालांकि वारदात के बाद टीएमयू के चेयरमैन सुरेश जैन ने पूरे मामले से खुद को बेखबर बताया. उनका कहना था कि जब लड़की की मौत हुई, तब वो कैंपस में मौजूद नहीं थे.वैसे अब घर के लोग इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के साथ-साथ इस मामले में नीरज की रूम मेट वर्षा से भी पूछताछ होनी चाहिए, जो खुद एक पुलिसकर्मी की बेटी है.
बहरहाल, तमाम इल्जाम और दलीलों के बीच बेशक कातिल के चेहरे से नकाब हटना अभी बाकी हो, लेकिन इतना तो साफ है कि किसी ने यूनिवर्सिटी के अंदर ही नीरज के कत्ल की साज़िश रची. अब सवाल ये है कि ये कत्ल सिर्फ नीरज से ज्यादती के सिलसिले में ही किया गया या फिर नीरज टीएमयू के अंदर का कोई ऐसा राज जान गई थी, जिसके चलते क़ातिल ने उसकी जान ले ली.