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शर्मनाक: फर्जी आतंकी बनाती है दिल्ली पुलिस!

देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस में शुमार दिल्ली पुलिस के दामन पर एक बदनुमा दाग लग गया है. एनआईए की 26 पन्नों की ताजा रिपोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर बहुत संगीन आरोप लगाए हैं. एनआईए की चार्जशीट में साफ तौर पर लिखा गया है कि हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी लियाकत शाह की गिरफ्तारी फर्जी थी और पुलिस ने इसके लिए पहले एक पूरा प्लान बनाया था. मामले में छह पुलिवालों को नामजद किया गया है.

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देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस में शुमार दिल्ली पुलिस के दामन पर एक बदनुमा दाग लग गया है. एनआईए की 26 पन्नों की ताजा रिपोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर बहुत संगीन आरोप लगाए हैं. एनआईए की चार्जशीट में साफ तौर पर लिखा गया है कि हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी लियाकत शाह की गिरफ्तारी फर्जी थी और पुलिस ने इसके लिए पहले एक पूरा प्लान बनाया था. मामले में छह पुलिवालों को नामजद किया गया है.

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी की रिपोर्ट में तीन ऐसे मोबाइल नंबरों का भी जिक्र है, जिसने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और उसके कामकाज के तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लियाकत शाह के मामले में तफ्तीश करने वाली एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि स्पेशल सेल के अधिकारी संजीव यादव इन्हीं नंबरों के जरिए अपने खबरी असलम हकला से बातचीत करते थे. यही नहीं, इन्हीं नंबरों पर हकला से बातचीत के बाद संजीव यादव और उनके साथी पुलिस अफसरों ने लियाकत को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार करने का पूरा प्लान बनाया था, वह भी गिरफ्तारी दिखाने के काफी दिन पहले.

रिपोर्ट बताती है कि मामले में अपनी कामयाबी दिखाने और वाहवाही लूटने के लिए आरोपी अफसरों ने लियाकत को आतंकवादी साबित करने का ब्लू प्रिंट तैयार किया था. संजीव यादव को हकला के जरिए ही लियाकत के बारे में पूरी जानकारी मिली थी. असलम हकला 15 मार्च से ही स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के संपर्क में था. एनआईए की चार्जशीट खुलासा करती है कि श्रीनगर से रवाना होते वक्त असलम हकला ने संजीव यादव से बात की थी और उसके बाद ही असलम ने नेपाल होते हुए दिल्ली पहुंचने का अपना रास्ता तय किया था.

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एनआईए के पास एक सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें जामा मस्जिद के पास हाजी अराफात गेस्ट हाउस से सामने एक संदिग्ध शख्स दिखाई दे रहा है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साबित करने की कोशिश की कि वह संदिग्ध और कोई नहीं बल्कि‍ लियाकत का साथी आतंकी है और वही भारी मात्रा में विस्फोटक लेकर दिल्ली पहुंचा था. चार्जशीट में कहा गया है कि वह संदिग्ध कोई और नहीं बल्कि स्पेशल सेल के अफसरों का मुखबिर साबिर खान पठान था, जिसे स्पेशल सेल ने लोधी कॉलोनी थाने से फरार करवा दिया था.

एनआईए ने तफ्तीश के दौरान जब स्पेशल सेल के पुलिस अफसरों का फोन रिकॉर्ड खंगाला गया तो पता चला कि पठान स्पेशल सेल के अफसरों के संपर्क में था. अफसरों ने उसे पुलिस और जांच एजेंसियों की नजरों से दूर भगाने में काफी मदद की, हालांकि अब पुलिस मामले में बैकफुट पर है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी मामले में बस इतना कहते हैं कि वह अभी मामले की जानकारी ले रहे हैं और जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

एनआईए उस वक्त हैरान रह गई जब उसे पता चला कि पठान जिस नंबर से स्पेशल सेल के अधिकारियों से बात करता था, वह सिम कार्ड लोधी कॉलोनी थाना के पते पर रजिस्टर्ड है. एनआईए की तफ्तीश में यह भी खुलासा हुआ है कि जिस वक्त पठान हाजी अराफात गेस्ट हाउस में विस्फोटक प्लांट करने गया था. उस दौरान वो लगातार स्पेशल सेल के एक कांस्टेबल के संपर्क में था और दोनों के बीच 34 दफा बात हुई. दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस की टीम ने छापा मारकर गेस्ट हाउस से जो विस्फोटक और सीसीटीवी फुटेज हासिल किया था वह सब पहले से प्लान का हिस्सा था.

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