Nikki Yadav Murder Case: दिल्ली के निक्की यादव मर्डर केस में महज चंद दिनों की जांच ने पूरी कहानी पलट कर रख दी. इस संगीन वारदात की साजिश से जैसे-जैसे पर्दा उठता जा रहा है, आरोपी साहिल गहलोत के परिवारवालों की करतूतें भी सामने आती जा रही हैं. इस कत्ल की साजिश में साहिल के रिश्तेदार, दोस्त और एक पुलिसवाला भी शामिल था. अब हम आपको बताने जा रहे हैं इस केस में शादी से लेकर श्मसान तक की पूरी खौफनाक दास्तान.
कत्ल के पीछे गहरी साजिश
अभी तक की छानबीन में साफ हो चुका है कि निक्की यादव आरोपी साहिल गहलोत की गर्लफेंड नहीं बल्कि पत्नी थी. उन दोनों साल 2020 में गुपचुप तरीके से ग्रेटर नोएडा के आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली थी. पुलिस के मुताबिक, ये कत्ल अचानक नहीं हुआ था, बल्कि निक्की के कत्ल की गहरी साजिश रची गई थी. जिसमें साहिल के पिता, दोस्त, कजिन और एक पुलिसवाला भी शामिल था.
साहिल की शादी में पहुंचनेवाली थी निक्की
आरोपियों ने साजिश के तहत ऐसा प्लान बनाया था कि वे पहले निक्की की मौत को सड़क हादसा दिखाना चाहते थे. लेकिन उन लोगों को मौका नहीं मिला इसलिए साहिल गहलोत ने कार में ही निक्की यादव की हत्या कर दी थी. निक्की साहिल को धमकी दे दी थी कि वो उसकी दूसरी शादी के मंडप में पहुंचकर सबको सच बता देगी.
सबसे बड़ा श्मशान घाट
अब बात निगमबोध घाट की. जो दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान है. औसतन हर रोज वहां 70 से 80 अंतिम संस्कार होते हैं. जाहिर है हरेक अंतिम संस्कार के लिए दर्जनों लोग वहां जाते हैं. निगमबोध घाट में कार पार्किंग है. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बहुत सी महिलाएं भी निगमबोध घाट आती हैं. लेकिन वो चिता तक जाने की बजाय पार्किंग में अपनी गाडियों में इंतजार करती रहती हैं. जाहिर है वो एक श्मशान है, तो वहां मुर्दे ही लाए जाएंगे.
श्मशान घाट की पार्किंग में किया था कत्ल
लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि उसी श्मशान के अंदर कोई किसी का कत्ल कर दे तो. अमूमन ऐसा होता तो नहीं है, लेकिन दिल दहला देनेवाला सच यही है कि साहिल गहलोत ने निक्की यादव का कत्ल इसी निगमबोध घाट श्मशान की इसी पार्किंग में किया था. जी हां, निक्की यादव का कत्ल दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट के अंदर हुआ था और इस बात खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद साहिल गहलोत ने किया है.
सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दी साहिल की कार
इतना ही नहीं श्मशान घाट के अंदर पार्किंग में साहिल की वो सफेद हुंडई Verna कार भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी थी. वो फुटेज अब दिल्ली पुलिस के पास है. दरअसल, साहिल की इस कहानी के बाद कि उसने निक्की का कत्ल 10 फरवरी की सुबह नौ बजे कश्मीरी गेट इलाके में किया था, तभी से पुलिस ये पता लगाने में जुटी थी कि आखिर दिन के उजाले में बीच सड़क पर साहिल ने निक्की का कत्ल कैसे किया? इसी के बाद 15 और 16 फरवरी को साहिल को लेकर पुलिस ने हर उस जगह की रेकी की, जहां-जहां वो उस रात और सुबह गया था. इसी रेकी के दौरान साहिल ने पहली बार खुलासा किया कि उसने निक्की का गला निगमबोध घाट की पार्किंग में दबाया था.
श्मशान घाट में 33 मिनट
साहिल के बयान और निगम बोध घाट की सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस के सामने निक्की के कत्ल पूरी कहानी सामने आ चुकी थी. साहिल सुबह 8 बजकर 57 मिनट पर निगमबोध घाट की मेन गेट से अंदर पहुंचा. अंदर जाने के बाद उसने बाईं तरफ की पार्किंग में अपनी हुंडई Verna कार पार्क कर दी. निक्की यादव ड्राइवर के बराबर वाली सीट पर बैठी थी. कार के चारों शीशे टिंटेड ब्लैक थे. यानी कार के अंदर की चीजें बाहर से नहीं देखी जा सकती थी. इसी पार्किंग के अंदर साहिल और निक्की का फिर से झगड़ा हुआ. इसके बाद इसी पार्किंग में साहिल ने डेटा केबल से निक्की का गला दबा दिया. निक्की की मौत के बाद करीब साढ़े नौ बजे कार निगमबोध घाट से बाहर निकल गई. यानी साहिल निगम बोध घाट के अंदर करीब 33 मिनट तक रहा. और इसी 33 मिनट में निक्की का कत्ल हो गया.
गार्ड ने कार में देखी थी एक महिला
10 फरवरी की उस सुबह निगम बोध घाट के दो सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी पर थे. उन्होंने साहिल की कार देखी भी थी. लेकिन उन्हें कोई शक नहीं हुआ. वजह ये थी कि एक तो कार का शीशा काला था और दूसरा सिक्योरिटी गार्ड को ये पता होता है कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ज्यादातर महिलाएं जो श्मशान आती हैं, वो कार में ही बैठी रहती हैं. इसके अलावा नौ बजे के बाद श्मशान में भीड़ भी बढ़ जाती है. इनमें से एक सिक्योरिटी गार्ड ने बताया है कि उसने दस फरवरी की सुबह नौ बजे एक सफेद हुंडई Verna कार इसी पार्किंग में देखी थी. कार की अगली सीट पर ड्राइवर के बराबर में एक महिला बैठी थी. इससे ज्यादा वो कुछ नहीं देख पाया क्योंकि कार का शीशा काला था.
श्मशान घाट पर लगें हैं 44 कैमरे
निगम बोध घाट में कुल 44 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन इत्तेफाक देखिए कि जिस जगह पार्किंग में साहिल ने अपनी कार पार्क की थी, उस जगह को एक भी कैमरा कवर नहीं करता था. इसीलिए पुलिस को सिर्फ उन कैमरों में साहिल की कार कैद मिली, जिसमें वो श्मशान में आते और जाते दिख रहा है. दिल्ली पुलिस अब तक दो बार निगम बोध घाट के चक्कर लगा चुकी है. कैमरे के फुटेज और हार्ड डिस्क भी जांच के लिए वो अपने साथ ले गई है. साथ ही दोनों सिक्योरिटी गार्ड के बयान भी दर्ज कर चुकी है.
साहिल के बयान की तस्दीक
जांच में शामिल एक पुलिस अफसर के मुताबिक साहिल ने पूछताछ में बताया कि वो निगम बोध घाट से सुबह साढ़े नौ बजे निकला था. सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरें भी उसके इस बयान की तस्दीक करते हैं. निगमबोध घाट से निकल कर उसने करीब 44 किलोमीटर तक अपनी कार चलाई. इसके बाद सुबह 11 बजे के बाद वो मित्राऊ गांव में मौजूद अपने ढाबे पहुंचा. निगमबोध घाट से मित्राऊ गांव तक के रास्ते में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. पुलिस ने उन कैमरों के फुटेज भी हासिल कर लिए हैं. इन कैमरों में भी साहिल की सफेद हुंडई वैरना कार उन रास्तों पर जाती नजर आ रही है यानी साहिल का बयान सच है.
लाश के साथ 44 किमी का सफर
एक लाश को एक कार की अगली सीट पर सीट बेल्ट से बांध कर साहिल चवालीस किलोमीटर का सफर तय करता है. साहिल की कार के शीशे काले हैं यानी टिंडेट ग्लास हैं. जो कि ट्रैफिक नियम के खिलाफ है और जिसके लिए बाकायदा चालान कटते हैं. अब यहां सवाल ये है कि साहिल काले शीशे वाली कार के साथ चवालीस किलोमीटर तक दिल्ली की सडकों पर घूमता है मगर एक भी रेड लाइट, नाके या बैरिकेड के इर्द गिर्द एक भी पुलिसवालों ने उसे नहीं रोका. अगर टिंटेड ग्लास की वजह से उसकी कार रोक ली जाती, तो दस फरवरी की सुबह ही निक्की यादव के कत्ल का राज खुल चुका होता.
लगभग ऐसी ही गलती करीब दो महीने पहले दिल्ली पुलिस ने तब दोहराई थी, जब अंजलि नाम की एक लड़की को लगभग 12 किलोमीटर तक एक कार के नीचे कार सवार घसीटते रहे थे और एक भी पुलिसवाले को ये दिखाई नहीं दिया था.
शादी के बाद रात में वापस लौटी बारात
इसके वो ढाबे पर अपनी कार छोड़ देता है, जिसकी डिग्गी में लाश थी. इसके बाद वो अपने घर चला जाता है. घर पहुंचने के बाद साहिल कपड़े बदलता है फिर शादी से पहले की तमाम रस्मों में हिस्सा लेता है. बारात निकलने का वक्त करीब आ गया था. साहिल की बारात मित्राऊ गांव से मंडोथी गांव जानी थी. बारात धूमधाम से निकली और रात करीब 9 बजे अपनी मंजिल पर जा पहुंची. तमाम दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी शादी में शामिल थे. शादी हो जाने के बाद रात करीब एक बजे साहिल की बारात नई नवेली दुल्हन को लेकर मित्राऊ गांव वापस लौटी.
आधी रात के बाद ढाबे पर पहुंचा साहिल
बारात से लौटकर घरवालों के साथ-साथ सभी मेहमान थक चुके थे. साहिल उनके सोने का इंतजार करता है. इसके बाद तड़के करीब साढ़े तीन बजे जब सब सो गए तो वो चुपचाप अपनी टाटा नेक्सॉन कार में बैठकर घर से सात सौ मीटर की दूरी पर मौजूद अपने उसी ढाबे पर पहुंचा, जहां दूसरी कार में उसने निक्की की लाश छुपा रखी थी.
लाश फ्रिज में डालकर वापस घर आया साहिल
रात के अंधेरे में उसने वहां खड़ी अपनी Verna कार की डिग्गी से निक्की की लाश निकाली और उसे ढाबे के अंदर एक कमरे में ले गया. कमरे में नीले रंग का एक फ्रिज रखा था. साहिल ने उस फ्रिज की सारी ट्रे बाहर निकाली और उसमें निक्की की लाश ठूंस दी. इसके बाद उसने फ्रिज का दरवाजे वाला हिस्सा दीवार की तरफ घुमा दिया. ताकि दरवाजा खुल भी जाए तो लाश बाहर ना निकले. निक्की के दोनों बैग को भी वो फ्रिज के पास ही रख देता है. मगर उसका फोन वो अपने पास रखता है. फोन रखने से पहले वो फोन से खुद के सारे चैट और कॉल डिटेल डिलीट कर देता है. इसके बाद वो चुपचाप घर वापस लौट आता है.
नहीं मिला लाश ठिकाने लगाने का मौका
अगले दो दिनों तक यानी 11 और 12 फरवरी को साहिल दो बार फिर से ढाबे पर जाता है. सिर्फ ये देखने के लिए कि फ्रिज में लाश अपनी जगह रखी हुई है. उसका इरादा ये था कि जैसे ही मौका मिलेगा, वो लाश को फ्रिज से निकाल कर उस बड़े बैग में ठूंस देगा, जो निक्की घर से लेकर आई थी. फिर बैग ले जाकर किसी नदी में फेंक आएगा. मगर लाश ठिकाने लगाने का मौका उसे नहीं मिल रहा था. क्योंकि घर में शादी का माहौल था और तमाम मेहमान हर वक्त साहिल को घेरे हुए थे.
ऐसे खुला साहिल का राज
इससे पहले कि साहिल ढाबे से लाश को निकाल पाता, खुद उसका राज खुल गया. और इस तरह लाश ठिकाने लगाने से पहले ही वो पकड़ा गया. अब यहां तक कि कहानी तो खुद साहिल ने पुलिस को सुनाई. लेकिन साहिल के राज के खुलने की कहानी कैसे सामने आई, इसके दो पहलू हैं. एक पहलू दिल्ली पुलिस का है और दूसरा खुद निक्की के पिता का. तो पहले दिल्ली पुलिस की कहानी आपको बताते हैं.
13 फरवरी 2023
रात करीब दस बजे राजौरी गार्डन क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेकटर सतीश कुमार को एक मुखबिर ने फोन किया. वो मुखबिर साहिल और निक्की के रिश्तों को जानता था. उसे ये बात बड़ी अजीब लगी कि साहिल की शादी कहीं और हो गई. और उससे भी अजीब ये कि पिछले कुछ दिनों से उसे निक्की दिखाई नहीं दी. पुलिस का ये मुखबिर एक भरोसेमंद मुखबिर था. लिहाजा क्राइम ब्रांच के मुलाजिम ने ये ख़बर फौरन अपने अफसरों को दी. इसी के बाद पुलिस की टीम साहिल के घर पहुंची. मगर साहिल घर पर नहीं था.
14 फरवरी 2023
कुछ देर बाद उसकी लोकेशन पता चली और 14 फरवरी की सुबह करीब 9 बजे पुलिस ने साहिल को हिरासत में ले लिया. इसके बाद जब उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने सारा सच उगल दिया. इसी के बाद वो पुलिस को लेकर ढाबे पहुंचा. पुलिस ने साहिल की मौजूदगी में ही ढाबे के अंदर मौजूद नीले रंग के 165 लीटर के फ्रिज का दरवाजा खोला और निक्की यादव की लाश उनके सामने थी.
पिता और दोस्तों की थी कत्ल की जानकारी
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक दस फरवरी की सुबह निगम बोध घाट में जब साहिल ने निक्की का कत्ल किया, उसके फौरन बाद ही इस कत्ल की जानकारी उसके दो दोस्तों, दो कजिन और पिता को मिल चुकी थी. साहिल ने सबसे पहले ये बात अपने दोनों दोस्तों को बताई थी. निक्की के कत्ल के बाद साहिल जब हुंडई Verna कार में लाश के साथ पश्चिम विहार पहुंचा. तब तक एक दूसरी कार में उसके दोनों कजिन और दोस्त वहां पहुंच चुके थे.
ढाबे पर पहुंची थी दो कारें
इसके बाद दोनों कार एक साथ मित्राऊ गांव साहिल के ढाबे पर पहुंची. इस दौरान साहिल के पिता लगातार घर पर थे. दरअसल, उसी दिन शादी थी. घर पर तमाम मेहमान थे. शादी की रस्मों के लिए दूल्हे का घर पर होना जरूरी था. इसीलिए साहिल के पिता जानबूझ कर घर पर रहे, ताकि मेहमानो को शक ना हो. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक निक्की की लाश को ढाबे में रखने का सुझाव साहिल के पिता ने ही दिया था.
2020 में हो चुकी थी शादी
दरअसल निक्की और साहिल की एक अक्टूबर 2020 में ही शादी हो चुकी थी. दोनों ने ये शादी गुपचुप तरीके से नोएडा के आर्य समाज मंदिर में की थी। मगर इस शादी की खबर अगले डेढ साल तक दोनों ने सबसे छुपाए रखी. 2020 के बाद 2021 में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर टूटा था. तब साहिल और निक्की अपने-अपने घरों में रह रहे थे, इसलिए भी किसी को इनकी शादी की भनक नहीं लगी.
निक्की ने मैसेज भेजकर दी थी धमकी
बाद में साहिल के दोस्तों और कजिन को ये बात पता चल गई. लेकिन जब साहिल के पिता ने साहिल की दूसरी शादी तय कर दी, तो ये बात साहिल ने निक्की से छुपा ली. लेकिन 9 फरवरी को सगाई के दिन साहिल और निक्की की एक कॉमन फ्रेंड ने सगाई की तस्वीर निक्की को व्हाट्सएप पर भेज दी. सच्चाई पता चलते ही निक्की भड़क उठी. उसने फौरन साहिल को फोन किया. साहिल सगाई में बिजी था. उसने फोन नहीं उठाया. इस पर निक्की ने उसे मैसेज भेजा. मैसेज में धमकी दी कि वो अगले दिन यानी 10 फरवरी को शादी के मंडप में पहुंच कर सबको सच बता देगी. मैसेज पढ़ते ही साहिल घबरा उठा. उसने निक्की को फोन किया और रात को मिल कर सबकुछ ठीक कर देने का वादा किया. वादे के मुताबिक ही वो रात करीब डेढ़ बजे बिंदापुर निक्की के घर पहुंचा.
ऐसे बनाया था निक्की के कत्ल का प्लान
साहिल और निक्की की शादी और निक्की की शादी के मंडप में पहुंचने की धमकी की खबर साहिल के पिता वीरेंद्र सिंह को भी लग चुकी थी. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक बिरादरी में बदनामी के डर से वीरेंद्र सिंह ने ही साहिल के दोनों कजिन और दोस्तों को सबकुछ ठीक करने को कहा. ये भी इशारा कर दिया कि वो सके तो निक्की को निपटा दो. ठीक शादी वाले दिन निक्की का कत्ल कर साहिल फंसना नहीं चाहता था. पर उसे पता था कि निक्की शादी के मंडप में पहुंच कर हंगामा जरूरी करेगी. लिहाजा उसने तय किया कि वो निक्की को अपनी हुंडई Verna कार से धक्का दे देगा. ताकि किसी गाड़ी के नीचे आकर उसकी मौत हो जाए. और मामला रोड एक्सीडेंट का लगे. लेकिन ये मौका साहिल को मिला नहीं और तभी उसे निगम बोध घाट की पार्किंग का ख्याल आया. जहां उसने निक्की का कत्ल किया.
सामने आ गया कत्ल का मोटिव
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक निक्की के कत्ल का मोटिव उन्हें मिल चुका है और मोटिव यानी कत्ल का मकसद यही था कि साहिल निक्की यानी अपनी पहली पत्नी को अंधेरे में रख कर दूसरी शादी करने जा रहा था. लेकिन जब निक्की ने शादी के मंडप में पहुंच कर खुद की शादी का राज खोल देने की धमकी दी, तो साहिल और उसका पूरा परिवार घबरा गया. क्योंकि उन्हें लगा कि इससे बिरादरी में उनकी बदनामी होगी और बस इसी बदनामी के डर से निक्की को रास्ते से हटा दिया. पुलिस को मुताबिक साहिल और निक्की की शादी के तमाम दस्तावेज उन्होंने बरामद कर लिए हैं. दोनों की शादी की तस्वीरें भी उनके पास हैं. आर्य समाज मंदिर के जिस पंडित ने साहिल और निक्की की शादी करवाई थी, उस पंडित का बयान भी दर्ज किया जा चुका है.
लाश को फ्रिज से निकालकर फेंकने का था प्लान
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में इस बात का खुलासा किया है कि वो ढाबे के फ्रिज में रखी निक्की की लाश को मौका मिलते ही किसी बैग में रख कर कहीं गहरी खाई या नदी में फेंक देते. मगर चूंकि घर में शादी का माहौल था, तमाम मेहमान और पडोसियों का आना जाना लगा हुआ था, ऐसे में उन्हें ढाबे में जाकर लाश निकालने का मौका ही नहीं मिल रहा था. हालांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक अगर 14 फरवरी की सुबह ये राज़ ना खुलता, तो बहुत मुमकिन है उसी दिन निक्की की लाश कहीं ठिकाने लगा दी जाती.
साहिल के पिता आपराधिक इतिहास
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक कॉल डिटेल, मोबाइल की लोकेशन और दूसरे तकनीकी एविडेंस के जरिए ये बात साफ हो गई है कि निक्की का कत्ल करने और ढाबे में लाश को छुपाने की पूरी साजिश अकेले साहिल की नहीं थी. बल्कि इस साजिश में उसके अलावा कुल पांच लोग और शामिल थे. इनमें साहिल का पिता भी है. साहिल के पिता वीरेंद्र सिंह पर 1997 में एक कत्ल का इल्जाम लग चुका है. जमीन जायदाद के झगडे में वीरेंद्र सिंह ने एक शख्स की हत्या कर दी थी. निचली अदालत ने वीरेंद्र सिहं को सजा भी सुनाई थी. मगर बाद में दिल्ली हाई कोर्ट से वो बरी हो गया था.
निक्की के पिता ने सुनाई ये कहानी
पुलिस की कहानी से हटकर भी एक और कहानी है. और ये कहानी निक्की के पिता सुनील दत्त ने सुनाई है. सुनील दत्त के मुताबिक निक्की हर रोज कम से कम एक बार अपनी मां से फोन पर जरूर बात करती थी. ये उसका रूटीन था. आखिरी बार निक्की तीन हफ्ते पहले घर आई थी. उसके बाद से वो अपनी छोटी बहन के साथ बिंदापुर में रह रही थी. लेकिन जब नौ और दस फरवरी को निक्की का फोन नहीं आया, तो उन्हें अजीब लगा. उन्होंने अपनी छोटी बेटी यानी निक्की की बहन, जो उसी के साथ रह रही थी, उससे पूछा. निक्की की बहन ने कहा कि वो यहां भी नहीं है. घरवालों ने निक्की की दोस्तों से भी पूछा. पर निक्की का कहीं कोई पता नहीं चला. उसका मोबाइल भी बंद था. तब भी निक्की की छोटी बहन ने बताया कि वो आखिरी बार नौ और दस फरवरी की रात अपने दोस्त साहिल के साथ घर से निकली थी.
'निक्की शायद अब इस दुनिया में नहीं'
इसके बाद निक्की की छोटी बहन ने किसी तरह साहिल का नंबर लेकर अपने पिता को दे दिया. जब निक्की के पिता ने साहिल को फोन करना शुरू किया तो लगातार वो उन्हें घुमाता रहा. कभी कहता कि वो देहरादून में है तो कभी ऋषिकेश में. दो दिन बाद तो उसने फोन उठाना ही बंद कर दिया. तब निक्की के पिता ने साहिल के पिता को फोन किया. निक्की के पिता के मुताबिक 14 फरवरी की सुबह साहिल के पिता ने ही उन्हें पहली बार कहा कि साहिल ने शायद कुछ गड़बड़ कर दी है और पुलिस के सामने खुद को सरेंडर कर दिया है. साहिल के पिता ने ही तब पहली बार निक्की के पिता को कहा कि उन्हें लगता है कि निक्की अब इस दुनिया में नहीं है.
क्या साहिल ने पुलिस के सामने किया सरेंडर?
साहिल के पिता की ये बात सुनकर निक्की के पिता अभी कुछ समझ पाते तभी थाने से एक पुलिसवाले का उनके पास फोन आता है. उन्हें थाने बुलाया जाता है. थाने पहुंचते ही पहली बार उन्हें पता चलता है कि उनकी बेटी का कत्ल हो गया है. यानी निक्की के कत्ल की खबर पुलिस से पहले ही साहिल के पिता ने उन्हें दे दी थी. अब यहां सवाल ये है कि अगर साहिल के पिता ने ये खबर निक्की के पिता को पहले दी तो क्या उनका वो बयान भी सच है, जिसमें उन्होंने कहा था कि साहिल ने सरेंडर कर दिया है.