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सगाई और शादी के बीच कत्ल... फ्रिज में निक्की की लाश छुपाकर बारात लेकर निकला था साहिल, छिनी 3 परिवारों की खुशियां

क्या निक्की की लाश को ठिकाने लगाने का आइडिया उसे श्रद्धा और अंजन दास केस से आया? और क्या निक्की का कातिल भी मौका मिलते ही लाश को ठिकाने लगाने के लिए लाश के टुकड़े करनेवाला था? नौ महीने के अंदर तीन फ्रिज से बाहर आई ये तीन कहानियां सवाल पूछ रही हैं.

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निक्की यादव का कत्ल उसके प्रेमी साहिल गहलोत ने कार में ही किया था
निक्की यादव का कत्ल उसके प्रेमी साहिल गहलोत ने कार में ही किया था

कहीं ऐसा ना हो कि अब दिल्ली के लोग फ्रिज खोलते हुए डरने लगें. पिछले 9 महीने में 3 अलग-अलग फ्रिज तीन लाशें उगल चुके हैं. जिनमें से दो फ्रिज से लाशों के टुकड़े मिले. जबकि एक फ्रिज से मिली लाश के टुकड़े होने बाकी थे. सोच कर ही अजीब लगता है कि एक शख्स अपनी सगाई के दिन अपनी महबूबा का कत्ल करता है और इसके बाद 24 घंटे के अंदर दूसरी लड़की के साथ शादी भी कर लेता है. इस दौरान उसकी गर्लफ्रेंड की लाश उसके घर से महज 700 मीटर दूर उसी फ्रिज में पड़ी थी. 

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18 मई 2022 - फ्रिज से निकली थी श्रद्धा की लाश

30 मई 2022- फ्रिज में कैद थी अंजन दास की लाश

10 फरवरी 2023- अब एक फ्रिज ने उगली निक्की यादव की लाश

ये बात है उन तीन फ्रिज की. जिन्होंने पिछले 9 महीने में सर्द कर देनेवाली तीन लाशों की शक्ल में कत्ल की तीन सनसनीखेज कहानियां उगली हैं. पहले दो फ्रिज ने जब दो लाशें उगली तो कायदे से दोनों ही मामलों में कातिल को ये पता ही नहीं था कि कत्ल के बाद लाश को छुपाने का उसका ये तरीका कोई और चुरा रहा है. वजह ये थी कि जब फ्रिज से श्रद्धा की लाश की कहानी जब बाहर आई तो तारीख थी 14 नवंबर 2022. इसके बाद दूसरी बार जब फ्रिज का दरवाजा खुलने पर अंजन दास के कत्ल की कहानी सामने आई तब तारीख थी 28 नवंबर 2022. और अब तीसरी बार जब फ्रिज ने लाश उगली है तब वो तारीख थी 14 फरवरी 2023, यानी वैलेंटाइन डे. इस हिसाब से अगर देखें तो निक्की यादव के कातिल को पहली दो फ्रिज की कहानी अच्छी तरह से मालूम थी.

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कत्ल और दो सवाल
अब ये सवाल उठता है कि क्या निक्की की लाश को ठिकाने लगाने का आइडिया उसे श्रद्धा और अंजन दास केस से आया? और क्या निक्की का कातिल भी मौका मिलते ही लाश को ठिकाने लगाने के लिए लाश के टुकड़े करनेवाला था? नौ महीने के अंदर अंदर तीन फ्रिज से बाहर आई ये तीन कहानियां दो सवाल पूछ रही हैं- 

पहला सवाल- क्या क्राइम के आइडिया भी चुराए जाते हैं? 
दूसरा सवाल- जब पता है कि फ्रिज का दरवाजा खुलते ही कातिल पकड़ा जाएगा, ऐसे में कातिल वही गलती क्यों दोहराता है? 

दो कहानी एक अंजाम
बस कुछ चीजों को छोड दें तो फ्रिज से बाहर आई सबसे ताजा कहानी ठीक वैसी ही है जैसी आफताब और श्रद्धा की कहानी थी. आफताब और श्रद्धा की पहली मुलाकात 2019 में हुई थी. दोनो लिव इन में रहते थे. श्रद्धा आफताब से शादी करना चाहती थी. यहां इस नई कहानी में निक्की यादव और साहिल गहलोत की पहली मुलाकात 2018 में हुई. ये दोनों भी घरवालों से छुप कर लिव इन में रह रहे थे. यहां निक्की भी साहिल से शादी करना चाहती थी. लेकिन श्रद्धा और निक्की दोनों का ही अंजाम बंद फ्रिज से बाहर निकला. 

ऐसे हुई थी निक्की और साहिल गहलोत की मुलाकात
ये कहानी है निक्की यादव की. दिल्ली के बॉर्डर पर मौजूद झज्जर इलाके में उसका घर था. पिता सुनील यादव का गुरुग्राम में मोटर रिपेयर का कारोबार है. 12वीं की पढाई करने के बाद निक्की घर से बाहर निकली. शुरू में निक्की डॉक्टर बनना चाहती थी. मेडिकल एंट्रैंस एग्जाम, नीट की तैयारी के लिए उसने उत्तमनगर में एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया. ठीक उसी वक्त दिल्ली के नजफगढ़ में रहनेवाला एक कारोबारी पिता का बेटा साहिल गहलोत उत्तम नगर में ही एसएससी एग्जाम की तैयारी के लिए एक दूसरे कोचिंग सेंटर में पढाई कर रहा था. बस में आते-जाते निक्की और साहिल की मुलाकात हुई. मुलाकात दोस्ती में बदली और फिर दोस्ती प्यार में. 

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फेल हो जाने पर लिया था ग्रेटर नोएडा में दाखिला
निक्की नीट क्लीयर नहीं कर पाई. उधर साहिल भी एसएससी एग्जाम पास नहीं कर पाया. लिहाजा साहिल अब ग्रेटर नोएडा में गलगोटिया कॉलेज में दाखिल लेता है. अब वो फार्मा की पढ़ाई कर रहा था. साहिल के पीछे-पीछे निक्की भी इसी कॉलेज में बीए इंग्लिश ऑनर्स में दाखिला ले लेती है. चूंकि दोनों का घर ग्रेटर नोएडा से बहुत दूर था, लिहाजा दोनों ग्रेटर नोएडा में किराये के एक मकान में लिव-इन में रहना शुरू कर देते हैं. इसी बीच कोरोना दस्तक दे देता है. दोनों अपने-अपने घर लौट आते हैं. कोरोना खत्म होने के बाद निक्की उत्तम नगर में बिंदापुर इलाके में किराये के घर में रहने लगती है. जबकि साहिल अब अपने घर में रह रहा था. लेकिन दोनों की रोजाना मुलाकात होती थी. 

निक्की से छुपाई थी शादी की बात
अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था. मगर तभी साहिल का एक झूठ निक्की की दुनिया में तूफान ला देता है. दरअसल, वैलेंटाइन डे करीब था. निक्की साहिल के साथ गोवा में वैलेंटाइन डे मनाना चाहती थी. उसने टिकट तक बुक कर रखा था. मगर साहिल की जिंदगी और घर में एक नई कहानी जन्म ले चुकी थी. साहिल के घरवालों ने साहिल का रिश्ता कहीं और तय कर दिया था. 9 फरवरी को उसकी सगाई थी और 10 फरवरी को शादी. साहिल ने अपने घरवालों को निक्की के बारे में कभी कुछ बताया ही नहीं था. साहिल ने अपनी मंगनी और शादी की बात निक्की से छुपाई हुई थी. 

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निक्की के सामने आया साहिल का सच
साहिल के घर में शादी की तैयारियां जोरो-शोर से जारी थी. सगाई की तारीख 9 फरवरी आ चुकी थी. इत्तेफाक से ठीक 9 फरवरी को ही निक्की को साहिल की सगाई और शादी का सच पता चल गया. वो इस धोखे से आगबबूला हो गई. उसने साहिल को फोन कर मिलने को कहा. वो चाहती थी कि साहिल उस रिश्ते को तोड़ कर उससे शादी कर ले. यही बात करने के लिए उसने 9 फरवरी को साहिल से मिलने को कहा था.

सगाई के बाद निक्की से मिलने पहुंचा था साहिल
9 फरवरी की रात सगाई के बाद साहिल अपनी हुंडई वेरना कार में बिंदापुर में निक्की से रात करीब 11 बजे मिलने पहुंचा. इत्तेफाक से निक्की की बहन भी कुछ वक्त से निक्की के साथ रह रही थी. बहन के सामने दोनों मिलते हैं. इसके बाद निक्की साहिल के साथ कार में बैठ कर निकल जाती है. ये कहते हुए कि वो ट्रिप पर देहरादून मसूरी जा रही है. दरअसल निक्की को उम्मीद थी कि वो साहिल के साथ वैलेंटाइन मनाने गोवा चली जाएगी. मगर ऐसा होता नहीं हुआ. कार में बैठते ही निक्की साहिल से लड़ने लगी. वो उसे अगले दिन होनेवाली शादी तोड़कर उसके साथ शादी करने की जिद करने लगी. 

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कार में ही किया निक्की का मर्डर
हुंडई वेरना कार लगातार दिल्ली की सड़क पर दौड़ रही थी और कार के अंदर साहिल और निक्की झगड़ रहे थे. रात करीब 1 बजे कार आईएसबीटी के करीब कश्मीरी गेट पर थी. सड़क पर सन्नाटा था. साहिल ने कार सड़क किनारे रोक दी. दोनों में लड़ाई अब भी जारी थी. इसी बीच अचानक गुस्से में साहिल ने कार में लगे मोबाइल चार्जर के तार यानी डेटा केबल से निक्की का गला घोंटना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में निक्की ने दम तोड़ दिया. इसके बाद पहली बार साहिल घबराता है. उसे समझ नहीं आता कि वो क्या करे? 

ढाबे के फ्रिज में छुपाई निक्की की लाश
अब कार में निक्की नहीं, उसकी लाश थी. और साहिल कार को बदहवास दिल्ली की सड़कों पर इधर-उधर दौड़ाता फिर रहा था. इस दौरान एक बार भी किसी भी मोड या नाके पर किसी पुलिसवाले ने उसकी कार को नहीं रोका. ना रुकने का इशारा किया. कार भगाते- भगाते अचानक साहिल को ख्याल आया कि नजफगढ़ में उसके गांव मित्राऊ में उसका ढाबा बंद होगा. साहिल की शादी की वजह से ये ढाबा दो दिनों से बंद था. साहिल को लगा कि आज की रात निक्की की लाश ढाबे में ही छुपा दे. बाद में मौका मिलते ही लाश को कहीं और ठिकाने लगा देगा. इसके बाद वो कश्मीरी गेट से मित्राऊ गांव की करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय कर वो ढाबे पर पहुंचा. कार से लाश निकाली और ढाबे में मौजूद फ्रिज में ठूंस दी. ढाबा बंद होने की वजह से फ्रिज भी बंद था. इसके बाद साहिल घर लौट गया और उसी रात होनेवाली अपनी शादी की तैयारी में जुट गया. 

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नई दुल्हन के साथ घर आ चुका था साहिल 
10 फरवरी को यानी निक्की के कत्ल के 24 घंटे के अंदर-अंदर साहिल एक दूसरी लड़की के साथ सात फेरे ले रहा था. उधर, कुछ दूरी पर निक्की की लाश एक फ्रिज में बंद थी. शादी के बाद साहिल अपनी नई दुल्हन को लेकर घर पहुंच चुका था और उसके घर से सात सौ मीटर की दूरी पर इस फ्रिज में तब भी निक्की बंद थी. चौबीस घंटे हो चुके थे. तारीख बदल चुकी थी. 

निक्की के पिता ने किया था साहिल को फोन
कैलेंडर अब 11 फरवरी 2023 दिखा रहा था. पिछले 24 घंटे से निक्की ने अपने घरवालों को फोन नहीं किया था. जो उसका रुटीन था. निक्की के पिता परेशान थे, क्योंकि ऐसा उसने पहले कभी नहीं किया था. वो निक्की की बहन से पूछते हैं. बहन बताती है कि बिंदापुर अपने घर पर नहीं है. निक्की की एक दोस्त जो साथ रहती थी वो भी बताती है कि निक्की घर नहीं आई है. बाद में निक्की की बहन अपने पिता को बताती है कि निक्की आखिरी बार साहिल नाम के अपने दोस्त के साथ गई थी. वो साहिल का नंबर भी पिता को देती है. तब पहली बार निक्की के पिता साहिल को फोन करते हैं. मगर तीन दिन तक साहिल निक्की के पिता को टालता रहा. चूंकि निक्की की बहन ने भी ये कह दिया था कि वो ट्रिप पर देहरादून और मसूरी गई है, लिहाजा घरवालों ने निक्की की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी नहीं लिखवाई थी.

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कत्ल की कहानी में नया ट्विस्ट
लेकिन तभी कहानी में एक नया ट्विस्ट आता है. 14 फरवरी को मित्राऊ गांव का एक शख्स इसी गांव में रहनेवाले दिल्ली पुलिस के एक अफसर को फोन करता है. वो गुमनाम शख्स साहिल और निक्की के रिश्तों को जानता था. उसे ये बात बड़ी अजीब लगी कि साहिल की शादी कहीं और हो गई. और उससे भी अजीब ये कि पिछले कुछ दिनों से उसे निक्की दिखाई नहीं दी. उसे साहिल के ढाबे में कुछ गतिविधियों को लेकर भी शक हुआ. इसी के बाद पुलिस की एक टीम साहिल के बंद पडे ढाबे में पहुंची. ढाबे की तलाशी ली और इत्तेफाक से फ्रिज का दरवाजा खोल दिया. शायद श्रद्धा केस उन पुलिसवालों के जेहन में ताजा था. फ्रिज का दरवाजा खुलते ही निक्की की लाश बाहर आ जाती है. 

ऐसे पकड़ा गया कातिल आशिक
इसी के बाद पुलिस साहिल गहलोत तक पहुंच जाती है. फिर साहिल के जरिए नौ महीने के अंदर इस तीसरी फ्रिज से बाहर आई तीसरे कत्ल की पूरी कहानी सामने आ जाती है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक निक्की की लाश ढाबे में फ्रिज के अंदर रखने का आइडिया उसे आफताब की कहानी से आया था. आफताब और श्रद्धा की कहानी उसने न्यूज चैनल और अखबारों में देखा-पढ़ा था. पकड़े जाने के बाद साहिल गहलोत ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पुलिस ने आरोपी साहिल को अदालत में पेश किया. जहां से उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.

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