बिहार के भागलपुर में जिला अदालत ने 1989 के भागलपुर दंगे के नौ आरोपियों को बुधवार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. इस मामले की सुनवाई के दौरान 10 आरोपियों में से एक की मौत हो गई थी. एक आरोपी बंद हैं, तो शेष आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं.
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने भागलपुर दंगे से जुडे परबत्ती कांड मामले में नौ आरोपियों कामेश्वर यादव, सुशील मंडल, केदार मंडल, विशुन यादव, सुरेश मंडल, मनोज मंडल, घनश्याम गोस्वामी, अशोक मंडल और अरुण मंडल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
बताते चलें कि 24 अक्टूबर, 1989 के इस कांड में परबत्ती के अजहर अली लेन निवासी सैयद अफसर अली ने कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया था. गवाहों के बयान के आधार पर कामेश्वर यादव समेत दस के खिलाफ लूटपाट, आगजनी और हत्या कर लाश को गायब करने का आरोप था.
इस मामले में सरकार की ओर से दंगा कांड के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सलाउद्दीन खां और अपर लोक अभियोजक अतिउल्लाह ने 18 लोगों की गवाही करवाई थी. इनमें 14 लोग गवाही के दौरान मुकर गए थे. इस कांड के सूचक अफसर अली की गवाही के पहले स्वाभाविक मौत हो गई थी.