उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग उन ने अपने दुश्मनों को मात देने के लिए ज़मीन के अंदर एक ऐसी साजिश बुनी है कि दुनिया हैरान है. हैरान है कि कोई देश अपने पड़ोसी मुल्क में घुसने के लिए इतनी बड़ी और चौड़ी सुरंग कैसे बना सकता है, जिसमें पूरी ट्रेन दौड़ जाए. उत्तर कोरिया ने अब तक ज़मीन से लेकर आसमान और आसमान से लेकर समंदर तक कोहराम मचा रखा था. मगर अब ज़मीन के अंदर से बाहर आई ये सुरंगी साज़िश उसके खतरनाक मंसूबों की पोल खोल रहे हैं.
तबाही मचा सकते हैं किम के हथियार
बंदूकें, तोप, मिसाइलें और परमाणु बम कुल मिलाकर दुनिया में तबाही मचाने वाला ऐसा कोई हथिय़ार नहीं, जो तानाशाह मार्शल किम जोंग उन के ज़खीरे में नहीं है. नार्थ कोरिया के तहखाने हथियारों से अटे पड़े हैं. मगर फिर भी ये हथियारों की भूख है कि मिटती नहीं. अब भी किम जोंग उन का मुल्क मिसाइलों के परीक्षण से दुनिया को दहला रहा है. अब भी ये दुनिया को धमका रहा है. मगर ये तो तबाही के वो सामान हैं जो दुनिया जानती हैं. आज हम आपको दिखाएंगें नॉर्थ कोरिया की वो हकीकत जिसे दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा.
किम की साजिश से खतरा
दरअसल, ये किम जोंग उन का प्लान बी है. अगर उसके घातक हथियार काम नहीं आए तो ये तानाशाह अपने इस प्लान बी का इस्तेमाल कर अपने सबसे नज़दीकी दुश्मन दक्षिण कोरिया तो को अपना निशाना बनाएगा. लिहाज़ा साउथ कोरिया को डर सिर्फ किम जोंग उन की मिसाइलों से नहीं बल्कि उन खुफिया साजिशों से है, जो नार्थ कोरिया अब से नहीं बल्कि कोरिया के दो टुकड़े होने के बाद से ही लगातार करता रहा है.
दुश्मन देश तक सुरंग
नार्थ और साउथ कोरिया के बार्डर पर भले भारत पाकिस्तान बार्डर की तरह गोलीबारी न होती हो, लेकिन दुनिया का ये सबसे खतरनाक बार्डर कई भयंकर साजिशों का गवाह रहा है. नार्थ कोरिया अपने पड़ोसी मुल्क पर कब्ज़ा करने के लिए ज़मीन के अंदर ही अंदर साज़िश रचता रहता है. नार्थ कोरिया की साजिशों की कहानियां साउथ कोरिया के बार्डर पर सुरंगों की शक्ल में भरी पड़ी हैं. एक दो नहीं चार चार सुरंगों के जरिए अलग अलग वक्त पर नार्थ कोरिया ने बार्डर के नीचे से साउथ कोरिया के अंदर तक रास्ता बना लिया था.
बड़ी साजिश का ताना बाना
नार्थ कोरिया ने कोरियाई युद्ध के बाद से ही साउथ कोरिया पर कब्ज़ा करने की कोशिशें शुरु कर दी थीं. 1978 में नार्थ कोरिया की सबसे बड़ी सुरंग पकड़ी गई. साउथ कोरिया को इस सुरंग के बारे में जब पता चला तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई थी, क्योंकि नार्थ कोरिया की ये तीसरी टनल इतनी बड़ी थी, कि इसमें न सिर्फ ट्रेन दौड़ायी जा सकती थी, बल्कि इस सुरंग के ज़रिए 30 हज़ार सैनिक एक घंटे में साउथ कोरिया की राजधानी सीओल के पास पहुंच सकते थे. बार्डर पर तो दोनों देशों की फौज तैनात थी ही, लेकिन साज़िश का ताना बाना ज़मीन के अंदर से भी बुना जाता रहा है.
अमेरिकी बेस को मिटाने की कोशिश
एक के बाद एक नार्थ कोरिया ने बार्डर के नीचे से सुरंगें बनाना शुरु कीं, वो भी खुफिया तरीके से. सिर्फ किम जोंग उन ही नहीं बल्कि अपने अपने वक़्त में उसके पिता और दादा भी साउथ कोरिया पर कब्ज़े की भरसक कोशिशें कर चुके हैं. ताकि अमेरिका का बेस अपने पड़ोस से खत्म कर सकें.
जुटाए खतरनाक हथियार
सीओल के उत्तर में किम जोंग उन पिछले छह साल से आक्रामक रुख अपनाए हुए है. 2011 में जब किम जोंग उन के पास सत्ता की बागडोर आई, तो उसका सनकपन भी बढ़ता गया. दुनिया को अपनी ताकत दिखाने और अमेरिका को डराने के चक्कर में उसने अपने हथियारों का ज़खीरा इतना बढ़ा लिया कि पड़ोस में बैठा साउथ कोरिया भी सहम गया है.
साउथ कोरिया को किम से खतरा
साउथ कोरिया को खतरा इसलिए भी है क्योंकि उसकी राजधानी सीओल की दूरी नार्थ कोरिया के बार्डर से महज़ 45 किलोमीटर है, जाहिर है इसके लिए नार्थ कोरिया को किसी लंबी दूरी की मिसाइल की ज़रूरत नहीं है. इसीलिए साउथ कोरिया अपनी राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए उसकी किलेबंदी कर रहा है.