राजनीति. रणनीति. कूटनीति. दंडनीति. कुल मिलाकर अब ऐसी कोई नीति नहीं बची, जो अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर मार्शल किम जोंग उन को झुकाने के लिए न अपनाई हो. लेकिन अब जब सारी रणनीति नाकाम हो गई तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने निकाला है अपना खास ब्रह्मास्त्र. और ये ब्रह्मास्त्र है फूट डालो और राज करो. जी हां, जब सारी नीति फेल हो गई तो ट्रम्प ने नॉर्थ कोरिया की जनता को उसी के सुप्रीम लीडर के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि ट्रम्प की ये चाल मार्शल किम जोंग उन को बेचैन करने में कामयाब साबित होगी.
घर के भेदी लंका ढाए
उत्तर कोरिया के मार्शल किम जोंग उन को न अमेरिका से डर लगा. न उसकी सेना से. न उसके हथियारों से. उसे डर लग रहा है तो अपने गद्दारों से. कोरिया में एक पुरानी कहावत है. It’s dark directly under the lantern जिसे हिंदुस्तान में कहते हैं चिराग तले अंधेरा. कुल मिलाकर दुनिया जिसे काबू में करने के लिए बम बारूद से डरा रही थी. उसका डर तो उसी की नाक के नीचे पल रहा है. ये और कोई नहीं उसके अपने ही लोग हैं जो उसे मिट्टी में मिला सकते हैं.
विद्रोही नेताओं का इस्तेमाल
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया की कुल ढ़ाई करोड़ की आबादी में करीब 45 लाख लोग ऐसे हैं जो भुखमरी की कगार पर हैं. ये सब किम जोंग उन की हथियारों की सनक की वजह से है. जिसने उसके अपने ही लोगों को भूख से तड़पने के लिए मजबूर कर दिया है. लिहाज़ा अब इन्हीं लोगों को अमेरिका ने उनके विद्रोही नेताओं के ज़रिए अपने सुप्रीम लीडर के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है.
हथियारों की सनक का असर
नॉर्थ कोरिया की एक विद्गोही नेता जिहून पार्क के मुताबिक जनता ने जिस परिवार को पिछले 60 सालों में अपनी जान से ज़्यादा चाहा उसी ने उसे मरने के लिए छोड़ दिया. लिहाज़ा मौजूदा हालात में दोनों तरह से उनके पैर कब्र में ही लटके हैं. अगर युद्ध होता है तो वो उसमें मारे जाएंगे. नहीं हुआ तो किम जोंग उन के हथियारों की सनक की वजह से भूखे मारे जाएंगें.
अमेरिका की शह पर तख्ता पलट की तैयारी
एक तरफ युद्ध के हालात में जहां मार्शल किम जोंग उन एक के बाद एक न्यूक्लियर और मिसाइल टेस्ट में जुटा है तो वहीं दूसरी तरफ जनता 90 के बाद दूसरी सबसे बड़ी भुखमरी झेलने की कगार पर आ पहुंची है. लिहाज़ा अब इन लोगों के दिलों में सरकार के खिलाफ आग सुलगने लगी है और इस आग को विद्रोही नेता अमेरिका जैसे देशों की शह पर चिंगारी से भड़काने में लगे हुए हैं. अजब नहीं कि अमेरिका को बिना जंग शुरू किए हुए ही नॉर्थ कोरिया की सरकार का तख्ता पलट करने में कामयाबी मिल जाए.
बिना जंग के हल चाहते हैं ट्रंप
अपने एशियाई दौरे पर दक्षिण कोरिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प कह चुके हैं कि वो बिना जंग किए नॉर्थ कोरिया मसले का हल निकालना चाहते हैं. अपने बयान में न सिर्फ वो उत्तर कोरियाई जनता को बेहतर भविष्य का सपना दिखा रहे हैं बल्कि उन्हें भड़काने की कोशिश भी करते नज़र आ रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप की चाल
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नॉर्थ कोरिया अब वैसा नहीं रहा जिसका किम जोंग उन के दादा किम संग ने सपना देखा था. किम जोंग उन ने इस ज़मीन और यहां के लोगों के साथ जो ज़्यादती की, उसके बाद अब ये एक ऐसा नर्क बन चुका है जो किसी भी इंसान के रहने लायक नहीं बचा है. हम आपको एक बेहतर भविष्य मिलने के प्रति आश्वस्त हैं. लेकिन ये तभी मुमकिन हो सकता है जब आपकी सरकार हथियार की होड़ को छोड़े.
विद्रोहियों को मज़बूत करना अमेरिका की रणनीति
ज़ाहिर है जो परिस्थितिया अमेरिका के सामने सद्दाम या गद्दाफी के समय थी. वो किम के साथ नहीं हैं. इराक और लीबिया पर तो अमेरिका ने केमिकल हथियारों के अंदेशे में ही हमला कर दिया था. जबकि वहां ऐसे हथियार बरामद नहीं हुए थे. मगर अमेरिका को पता है कि किम जोंग उन के पास परमाणु हथियार मौजूद हैं लिहाज़ा वो उससे जंग का रिस्क नहीं लेगा. इसलिए अब अमेरिका ने उत्तर कोरियाई सरकार के विद्रोहियों को मज़बूती देना शुरू कर दी है ताकि वो जनता को अपने साथ शामिल कर किम जोंग उन का तख्ता पलट कर सकें.