जिस उम्र में बच्चों के हाथों में खिलौने और किताबें होनी चाहिएं, उस उम्र में अगर कोई उन्हीं हाथों में मौत का सामान थमा दे, तो इसे आप क्या कहेंगे? आज वारदात में बात ऐसे मासूमों की, जो अल कायदा की आतंक फैक्ट्री में गोली-बंदूक से खेलना सीख रहे हैं. अल कायदा ने अपनी इस फैक्ट्री का जो वीडियो जारी किया है, उसे देख कर दुनिया सकते में है.
ये तस्वीरें चौंकाती हैं, रौंगटे खड़े करती हैं. ये तस्वीरें सोचने पर मजबूर करती हैं. क्योंकि ये कोई जंग का मैदान नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंवादी संगठन अल-क़ायदा की फैक्ट्री की सबसे ताजा तस्वीर है.
ये तस्वीर उस फैक्ट्री की है, जिसमें जेहादी और मानव बम तैयार होते हैं, लेकिन इस बार इस फैक्ट्री ने अपनी ब्रैंडिंग के लिए जो वीडियो जारी किया है, वो अब तक की तमाम तस्वीरों से दो कदम आगे बढ़ कर है. क्योंकि इस वीडियो में ऐसे छोटे-छोटे और मासूम बच्चों को ख़तरनाक हथियारों की ट्रैनिंग लेते हुए दिखाया गया है, जिन्हें दुनियादारी की समझ तो दूर, अभी ठीक से अपने कदमों पर चलना तक नहीं आता.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बॉर्डर पर ये वो गुनमान ठिकाना है, जहां पर दूर-दूर तक खामोशी है और ये सन्नाटा तभी टूटता है, जब आतंक की इस फैक्ट्री में असलहे आग उगलते हैं.
इतना तो साफ है कि अलकायदा ने इन बच्चों का जिहाद के नाम पर ब्रेनवॉश किया है. लेकिन आखिर ये बच्चे हैं कौन? इनके मां-बाप कौन हैं? ये कहां से आते हैं? और इतने कम उम्र में इन्हें ऐसे खतरनाक हथियार थमाने का मकसद क्या है? इन सवालों के जवाब हैरान करने वाले हैं.
जेहाद के नाम पर इंसान किस कदर पागल हो सकता है, अल-कायदा का ये लेटेस्ट वीडियो इस बात का सबसे बड़ा सुबूत है. अल-कायदा की इस आतंक फैक्ट्री में ये मासूम ऑटोमेटिक पिस्टल से फ़ायरिंग के गुर सीख रहे हैं. जिस बच्चे को दिखाया गया है वह अभी बेहद छोटा है. उम्र होगी सिर्फ़ 5 साल. और इसी छोटी उम्र में उसके हाथ में मौत का ये सामान किसी को सकते में डालने के लिए काफ़ी है.
जब वो बच्चा पहला फायर करता है और ट्रिगर दबाते ही पिस्टल के झटके से हिल जाता है. पहला झटके पर तो वो किसी तरह संभल जाता है, लेकिन फायरिंग के दूसरे झटके से उसका भी बैलेंस बिगड़ जाता है. यहां केवल एक नहीं, कई बच्चे इस तरह खतरनाक हथियार चलाना सीखते दिखाए गए हैं.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बॉर्डर पर अल-कायदा के एक गुमनाम ठिकाने में खुद आतंकवादियों ने ही इस वीडियो को शूट किया है. लेकिन आतंक की इस फैक्ट्री का सबसे चौंकाने वाला सच ये है कि मौत के मुंह में झोंके गए ये तकरीबन सभी के सभी मासूम यतीम हैं. फौजी और पुलिस की कार्रवाई में मारे गए आतंकियों की इन औलादों को अल-कायदा ने फिर से उसी रास्ते पर ला दिया है, जिस पर चल कर उनके पिताओं को मौत मिली थी. जाहिर है, आतंक की इस फैक्ट्री में इंसान और इंसानियत की कोई जगह नहीं.