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प्यार वो हथियार है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन अपना काम साधने के लिए सदियों से करते आ रहे हैं. हालांकि, बदलते दौर के साथ इस धोखेवाले प्यार का नाम भी बदलता रहा है. फिलहाल, इसका एक नाम हनी ट्रैप है. हमारे देश के डीआरडीओ (DRDO) के एक नामी वैज्ञानिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के जाल में फंसकर कैसे हनी ट्रैप का शिकार हुए... जानिए इस मामले की पूरी कहानी.
पाकिस्तानी एजेंट जारा - बेबी, मैंने अभी इसे देखा... क्या तुम इसी पर काम कर रहे हो?
DRDO साइंटिस्ट प्रदीप - हां, मैं SAMs पर ही काम कर रहा हूं...
जारा - तुम ये आर्मी को दोगे या एयरफोर्स को?
प्रदीप - दोनों को...
जारा - तो क्या टेस्टिंग और ट्रायल पूरा हो गया?
जारा - अच्छा ये बताओ... क्या ब्रह्मोस भी तुम्हारा आविष्कार है बेबी?
जारा - ये खतरनाक है?
प्रदीप - मेरे पास शुरुआती डिजाइन्स की रिपोर्ट्स हैं (ब्रह्मोस की कुछ विशेष जानकारी उसमें नहीं है).
जारा - बेबी...
जारा - ये एयर लॉन्च्ड वर्जन था न? हमने इसके बारे में पहले बात की थी न?
प्रदीप - हम्म...
साइंटिस्ट ने साझा कर दिए टॉप सीक्रेट
ये उसी बातचीत का हिस्सा है, जो पाकिस्तानी एजेंट जारा और DRDO साइंटिस्ट प्रदीप के बीच तकरीबन रोज होती थी. और उस रोज उन दोनों के बीच कुछ ऐसी ही बातचीत हुई. इसके बाद बातचीत करने वाले DRDO साइंटिस्ट प्रदीप ने अपने दिल के साथ-साथ दफ्तर की फाइल भी मोहतरमा जारा के सामने खोल कर रख दी.
वो फाइल जिसमें ऐसे-ऐसे डिटेल्स दर्ज थे, जिन्हें सीक्रेट नहीं बल्कि टॉप सीक्रेट रखने की हिदायत दी जाती है. असल में फोन पर बातचीत करने वाले ये दोनों कोई मामूली लोग नहीं, बल्कि वो किरदार हैं, जिनकी ये बातचीत सुनने के बाद अब देश की तमाम खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ गई है. सरकार को समझ में नहीं आ रहा कि अब वो नुकसान की भरपाई करें, तो कैसे करें?
DRDO की पुणे इकाई के निदेशक थे प्रदीप
दरअसल, इस बातचीत में एक तरफ डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ के नामी साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर हैं. वहीं, दूसरी तरफ वो अंजान हसीना है, जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बताया जा रहा है.
प्रदीप कुरुलकर सिर्फ एक साइंटिस्ट ही नहीं, बल्कि डीआरडीओ की पुणे इकाई के डायरेक्टर भी रहे हैं. अब इतने संवेदनशील जगह पर होते हुए अगर कोई व्हाट्सएप पर अपने काम से जुड़ी जानकारियों का खुलासा करने लगे, तो फिर खुफिया एजेंसियों से लेकर सरकार तक के कान खड़े होना लाजिमी है.
1800 पन्नों की चार्जशीट
फिलहाल हालत कुछ ऐसी ही है. साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर के हनी ट्रैप में बुरी तरह फंसे होने की खबर सामने आने के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने न सिर्फ उन्हें गिरफ्तार कर लिया है, बल्कि अब तो एटीएस ने उनके खिलाफ पूरे 1800 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. मगर, कुरुलकर के हनी ट्रैप में फंसने की इस कहानी की पड़ताल करते हुए एटीएस को ऐसी-ऐसी जानकारियां पता चल रही हैं, जो दिमाग घुमाने वाली हैं.
जून 2022 में हुआ था कहानी का आगाज
तो आइए, सबसे पहले आपको डीआरडीओ के सीनियर साइंटिस्ट के हनी ट्रैप में फंसने की कहानी सिरसिलेवार तरीके से बताते हैं. बात जून 2022 की है. जब एक रोज अचानक प्रदीप कुरुलकर के मोबाइल फोन में एक मैसेज आता है.
मैसेज करने वाला या करने वाली, जो भी कहें... वो लिखती है, "मैं लंदन से एक खूबसूरत भारतीय लड़की आपकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूं. जो काम आप भारत के लिए कर रहे हैं, वो बेमिसाल है. मेरा नाम जारा दासगुप्ता है. मैं लंदन में रहती हूं और आपको सोशल मीडिया पर फॉलो करती हूं."
मैसेज पढ़ते ही दिल फिसल गया
बस, यही वो पहले दो मैसेज थे, जिसे पढ़ते ही 59 साल के बुजुर्ग साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर का दिल फिसल गया. मन में लड्डू फूटने लगे. और फिर तो इस अंजान मुरीद लड़की से कुरुलकर साहब कुछ ऐसी और इतनी चैट करने लगे कि सब गड्डमड्ड हो गया.
आखिरकार इन्हीं चैट ने कुरुलकर साहब को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. असल में चैट के लिए जिस व्हाट्सएप अकाउंट का इस्तेमाल किया रहा था, उसका नंबर +44 से शुरू होता था. ये कोड यूके का है. ये नंबर इसलिए चुना गया, ताकि कुरुलकर को लगे कि वो किसी ब्रिटिश भारतीय लड़की से बातचीत कर रहे हैं.
लड़की की बातों में फंस गए प्रदीप
धीरे-धीरे कुरुलकर साहब की इस लड़की से तकरीबन रोजाना बात होने लगी. उम्र के इस पड़ाव पर कुरुलकर भी खुद को अकेला महसूस करने लगे थे और फिर तो उस लड़की की चिकनी चुपड़ी बातों में जनाब ऐसे बहके कि बहकते ही चले गए.
लड़की ने बताया कि वो मूल रूप से अंबाला की रहने वाली है और साइंस की स्टूडेंट है. उसे डिफेंस रिसर्च से जुड़ी बातों में खास इंटरेस्ट है और इसी वजह वो उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो करती है. कुरुलकर साहब को उसकी हर बात अच्छी लग रही थी. धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगीं.
न्यूड तस्वीरें और सेक्स चैट का सिलसिला
फिर तो एक वक्त ऐसा आया, जब न्यूड तस्वीर और सेक्स चैट का सिलसिला शुरू हो गया. इन्हीं चैट के बदले में अब वो लड़की प्रदीप कुरुलकर से एक से बढ़कर एक जानकारियां निकलवाने लगी. एटीएस की तफ्तीश में वो जानकारियां भी सामने आई हैं, जो उस जासूस लड़की ने प्रदीप कुरुलकर से हथिया ली थीं.
हम उसकी भी बात करेंगे, लेकिन पहले कुरुलकर और उस जारा दासगुप्ता के नाम पर उन्हें फंसाने वाली लड़की के बीच हुई एक और चैट का हिस्सा देख लेते हैं, जिससे आपको समझ में आ जाएगा कि ये मामला कितना खतरनाक और संवेदनशील है.
पाकिस्तानी एजेंट जारा - आपका टेस्ट सफल रहा?
DRDO साइंटिस्ट प्रदीप - लॉन्चर मेरा डिजाइन है बेब.
जारा - टेस्ट कैसा रहा बेब?
जारा - सक्सेसफुल या नहीं?
प्रदीप - बड़ी सफलता.
जारा - मेरा मतलब है नए पैरामीटर या कोई बदलाव होता है?
जारा - और मैंने यह भी सुना है कि अग्नि 6 पर भी काम चल रहा है, उसका टेस्ट कब करना है?
प्रदीप - नाईट फायर.
प्रदीप - करेंगे, थोड़ा धीरज रखो.
जारा - बेब, रात की आग से आपका क्या मतलब है?
जारा - उसे बुरा कहा जाता है ये आर्मी या एयरफोर्स?
जारा को संवेदनशील जानकारी दे रहे थे प्रदीप
तो देखा आपने? हनी टैप में फंसे सीनियर साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर उस अंजान लड़की से क्या और कैसी बातें कर रहे थे. ये वो बातें हैं जिन्हें दुश्मन मुल्क की कोई एजेंट तो क्या, इतने संवेदनशील जगहों पर काम करने वाले साइंसदानों और अफसरों को अपने दोस्तों या घरवालों तक से साझा करने की इजाजत नहीं होती.
मगर, यहां तो सारी सीमाएं ही टूट चुकी थी. कुरुलकर अग्नि मिसाइल के बारे में एक से बढ़कर एक जानकारियां लीक करने में लगे थे. अग्नि के बाद मेटेओर मिसाइल, राफेल, एके सिस्टम और एस्ट्रा मिसाइल के बारे में भी बातचीत हुई.
संवेदनशील एजेंसियों में जागरुकता कार्यक्रम
अब सवाल ये है कि इतने अहम और संवेदनशील जगह पर इतने सीनियर पोस्ट पर होते हुए भी कुरुलकर हनी ट्रैप के इस जाल में कैसे फंस गए? तो जांच एजेंसियां फिलहाल इसी बात का पता लगाने में जुटी हैं.
हैरानी इस बात है कि ऐसे महकमों में काम करने वाले अफसरों और मुलाजिमों के दरम्यान बीच-बीच में ऐसे जागरुकता प्रोग्राम किए जाते हैं, जिसमें हनी ट्रैप का तौर तरीका समझाने के साथ-साथ उससे बचने के टिप्स भी दिए जाते हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि कुरुलकर जब इस जाल में फंसे, उससे बमुश्किल चंद महीने पहले ही उन्होंने खुद हनी ट्रैप के तौर तरीकों पर एक प्रोग्राम करवाया था. पुणे की अपनी डीआरडीओ इकाई में उन्होंने हनी ट्रैप से बचने के उपाय पर भी चर्चा की थी.
इन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे प्रदीप कुरुलकर
कुरुलकर ने जासूस लड़की से क्या और कैसी जानकारियां साझा कीं, ये जानने से पहले आप ये जान लीजिए कि कुरुलकर डीआरडीओ में होते हुए किन-किन और कैसे-कैसे प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए थे. जांच एजेंसियों के मुताबिक कुरुलकर न्यूक्लियर वेपन यानी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि मिसाइल, एंटी सैटेलाइट मिसाइल शक्ति और ब्रह्मोस मिसाइल के प्रोजेक्ट से भी जुड़े हुए थे.
जांच एजेंसियों की मानें, तो उस लड़की ने कुरुलकर से ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी कई अहम जानकारियां निकलवा ली हैं. मसलन भारत के पास मौजूद इन मिसाइलों की तादाद कितनी हैं और उन्हें कहां-कहां लगा कर रखा गया है. भारत के पास मिसाइलों का कुल जखीरा कितना बड़ा है और इन्हें कैसे-कैसे अपग्रेड किया जा रहा है.
इसी तरह अग्नि मिसाइल और एंटी सैटेलाइट मिसाइलों का काम किस स्टेज पर है. जाहिर है ये वो जानकारियां हैं, वो बेहद गोपनीय और संवेदनशील हैं. मगर, एजेंसियों की मानें तो लड़की के हाथों अपना दिल हार चुके कुरुलकर साहब ने ये सारी जानकारियां उससे शेयर कर चुके हैं.
पहले भी हनी ट्रैप का शिकार बन चुके हैं भारतीय अफसर
जांच एजेंसियों की मानें, तो हनी ट्रैप के जरिए भारत के इंटेलिजेंस अफसरों, आर्मी ऑफिशियल्स, डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और बड़े पदों पर काम करने वाले राजनयिकों को फंसाना या फंसाने की कोशिश करना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की पुरानी मॉडस ऑपरेंडी है. इससे पहले भारत के कई अफसर और कर्मचारी इस जाल में फंस कर मामला गुड़ गोबर कर चुके हैं.
ये है शिकार का भरोसा जीतने की तरकीब
मगर, अब आईएसआई ने हनी ट्रैप का जो नया हथकंडा अपनाया है, वो थोड़ा नए किस्म का है. इस हथकंडे के मुताबिक, आईएसआई के एजेंट चाहे वो पुरुष हो या महिला, वो खुद को एक खूबसूरत लड़की के तौर पर ही अफसरों के सामने इंट्रोड्यूज करते हैं. फिर बातचीत शुरू होते ही ये बता देते हैं कि वो कट्टर देशभक्त किस्म की लड़की है.
उसके दिल में हमेशा अखंड भारत का सपना पलता है. और फिर इसी के साथ वो भारत के डिफेंस मैकेनिज्म, टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस में खास इंटरेस्ट रखती है. असल में इन जासूसों का खुद को इस तरीके से इंट्रोड्यूज करने के लिए पीछे एक ही मकसद होता है कि वो हर हाल में अपने संभावित शिकार का भरोसा जीत ले, ताकि उससे हर जानकारी आसानी से निकलवाई जा सके.
बिना चेहरा देखे ही कुरुलकर ने दे दी सारी जानकारी
एक चौंकाने वाली बात ये भी है कि कुरुलकर को अपने जाल में फंसा चुकी ये लड़की उन्हें अपनी न्यूड तस्वीरें तो भेज रही थी, लेकिन उसने एक बार भी कुरुलकर को अपना चेहरा नहीं दिखाया. हैरानी ये है कि बगैर चेहरा देखे हुए सिर्फ किसी लड़की की अश्लील तस्वीरें देखकर कुरुलकर साहब ने आखिर उससे इतनी अहम जानकारियां कैसे साझा कर दीं? एजेंसियां फिलहाल इसका पता लगाने में जुटी हैं.
क्या विदेश में उस लड़की से मिले थे प्रदीप?
जांच में पता चला है कि जब कुरुलकर साहब हनी ट्रैप में फंसे थे, लड़की को तमाम संवेदनशील और खुफिया जानकारियां लुटाने में लगे थे, उन्हीं दिनों उन्होंने कम से कम छह देशों की यात्राएं भी की थीं. इस बीच लड़की ने उनसे लंदन में मिलने का वादा भी किया था.
कुरुलकर ने भी उसे पहले रूस के दौरे पर जाने और फिर वहां से लंदन जाकर उससे मिलने की बात कही थी. मगर, ये मौका हाथ नहीं लग सका. अब एजेंसियां ये पता लगाने में भी जुटी है कि कहीं कुरुलकर ने लड़की से कोई खुफिया मुलाकात तो नहीं की.
DRDO गेस्ट हाउस में भी अनजान लड़की से मिले थे कुरुलकर
जांच में ये भी पता चला है कि कुरुलकर ने पुणे के ही डीआरडीओ गेस्ट में किसी गुमनाम लड़की को अपनी गेस्ट के तौर पर एंटरटेन किया था. अब एजेंसी ये जानने में लगी है कि आखिर वो गुमनाम लड़की कौन थी?
कहीं ऐसा तो नहीं कि वो लड़की भारत में ही मौजूद कोई पाकिस्तानी सीक्रेट एजेंट हो जो कुरुलकर से आमने-सामने मिलकर कोई और जानकारी जुटा ले गई हो? एटीएस के मुताबिक, साइंटिस्ट कुरुलकर और पाकिस्तानी एजेंट जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे.
कुरुलकर ने ब्लॉक कर दिया था जारा का नंबर
कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ ने जांच शुरू की. मगर, इससे ठीक पहले कुरुलकर ने फरवरी 2023 में जारा नाम की उस लड़की का नंबर ब्लॉक कर दिया. इसके बाद एक एक दूसरे अंजान भारतीय नंबर से उन्हें एक वॉट्सएप पर मैसेज भेजा गया.
इसमें उसने पूछा, 'आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया?' चार्जशीट के मुताबिक, चैट रिकॉर्ड से ये भी पता चला है कि कुरुलकर ने उस एजेंट लड़की से अपने पर्सनल प्रोग्राम और जगहों की जानकारी शेयर की थी. यह जानते हुए भी कि ऐसी जानकारियां उन्हें किसी के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए.
ISI का पुराना हथियार है हनी ट्रैप
हनी ट्रैप पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का पुराना हथियार है. खुफिया सूत्रों की मानें, तो पाकिस्तान ने इस काम के लिए बाकायदा सात मॉड्यूल तैयार कर रखे हैं, जिसमें 25 से ज्यादा लड़कियां अलग-अलग रोल में अलग-अलग टाइम पर हिंदुस्तानी जवानों और अफसरों को टार्गेट कर रही हैं. तो अब आइए सिलसिलेवार तरीके से आपको पाकिस्तानी फौज और वहां की खुफिया एजेंसी के हनी ट्रैप रैकेट का एक-एक सच बताते हैं.
लड़कियों को ट्रेनिंग देती है ISI
आईएसआई और पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस कराची, लाहौर और हैदराबाद जैसे शहरों में खूबसूरत लड़कियों और सेक्स वर्कर्स को इस काम के लिए तैयार करती है. इन लड़कियों के सेलेक्शन का सबसे पहला पैमाना उनकी खूबसूरती ही होता है. कई बार इस काम के लिए कॉलेज गर्ल्स को भी अलग-अलग किस्म का लालच देकर तैयार कर लिया जाता है.
इन लड़कियों को ट्रेनिंग के बाद इंडियन फोर्सेज के जवानों और अफसरों से बातचीत करने के लिए तैयार किया जाता है. इस ट्रेनिंग में उन्हें इंडियन फोर्सेज के बारे में जानकारी दी जाती है. अफसरों की रैंक, यूनिट के बारे में जानकारी और उनकी लोकेशन के बारे में बताया जाता है.
हनी ट्रैप के इस पूरे खेल के दौरान मिलिट्री इंटेलिजेंस के अफसर भी उन्हें मॉनिटर करते रहते हैं. यानी इन लड़कियों का रोल एक कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होता, जिन्हें बाद में या तो हटा दिया जाता है या फिर नया काम सौंप दिया जाता है.
ऐसे होती है हनीट्रैप की तैयारी
पाकिस्तानी हनी ट्रैप की इस साजिश के टार्गेट पर इंडियन आर्मी के साथ-साथ एयरफोर्स, नेवी, डीआरडीओ, रेलवे और बीएसएफ से जुड़े जवान और अफसर शामिल होते हैं. इस पूरे मिशन में इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है कि लड़कियों को अपने टार्गेट के सामने ऐसे पेश किया जाए, जिससे टार्गेट को दूर-दूर तक उन पर शक न हो और उनकी असलियत पता न चले.
इसके लिए ट्रेनिंग के बाद लड़की आर्मी कैंट या वहां के किसी कॉलेज में एक कमरा दे दिया जाता है. इसे वो लड़की अपने कमरे के तौर पर टार्गेट को दिखाती है. कमरे की दीवारों पर भगवान की तस्वीरें, पूजा पाठ की सामग्री रखी होती है. यहां तक कि इस दौरान लड़कियों को सिर्फ और सिर्फ इंडियन ड्रेस पहनने की ही इजाजत होती है.
वीडियो कॉल में ये चीजें देखकर इंडियन आर्मी से जुड़े जवानों और अफसरों को इन लड़कियों के हिंदू होने का पूरा यकीन हो जाता है. असल में ऐसा करने के पीछे फोकस पाकिस्तान से हिंदुस्तान शिफ्ट करने का होता है, ताकि किसी भी कीमत पर लड़कियों की पोल खुलने न पाए.
PAK एजेसियों की मॉडस ऑपरेंडी
अब बात मॉडस ऑपरेंडी यानी अफसरों और जवानों को फंसाने के तौर तरीके की करते हैं. इसकी शुरुआत होती है दोस्ती से. पाकिस्तानी हनी ट्रैप रैकेट में शामिल ये लड़कियां पहले सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर जवानों और अफसरों की तलाश करती हैं और फिर उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं.
प्लानिंग के मुताबिक, रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही बातचीत, दोस्ती, प्यार मुहब्बत का सिलसिला शुरू हो जाता है. यहां तक कि इस दौरान जवानों और अफसरों से शादी का वादा तक किया जाता है. भरोसा जमाने और उसे बनाए रखने के लिए ऐसी लड़कियां जरूरत के मुताबिक बगैर कपड़ों के भी वीडियो चैट शुरू कर देती हैं.
इस तरह के न्यूड टॉक के दौरान तमाम तरह की कहानियों के साथ जाल में फंस चुके जवानों या अफसरों से गोपनीय जानकारियां जुटा ली जाती हैं. अगर कहीं शिकार जानकारी या तस्वीरें देने से इनकार कर दें, तो फिर ये जासूस उन्हें ब्लैकमेल करने लगती हैं.
पाकिस्तान के सात जासूसी मॉड्यूल
इसके लिए ये लड़कियां पहले अपने टार्गेट से व्हाट्सएप की ओटीपी हासिल कर लेती हैं और फिर उसी नंबर से चैट करती हैं, ताकि किसी को भी नंबर भारत के एसटीडी कोड +91 से शुरू हो और चैट करने वाली लड़की भी भारत की ही लगे. पाकिस्तान में इस काम के लिए जो सात मॉड्यूल एक्टिव हैं...
- पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई
- आर्मी इंटेलिजेंस लाहौर
- पाकिस्तान मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट 412
- आईएसआई कराची
- मालिर कैंट यूनिट
- पाकिसतान एयरफोर्स 552 मॉड्यूल
- चकलाला कैंट रावलपिंडी
फिलहाल हनी ट्रैप के इस लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए अब इंडियन आर्मी समेत हमारे देश की तमाम संवेदनशील इकाइयों ने इसके लिए जवानों और अफसरों को अलग से जागरूक करना शुरू कर दिया है.