Balochistan Jaffar Express Train Hijack: मशकफ टनल में खड़ी ट्रेन को लेकर पाकिस्तानी सेना ने अब बड़ा दावा किया है. सेना का कहना है कि उसने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के चंगुल से सभी बंधकों को रिहा करा लिया है और ये रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है. जबकि, बीएलए ने दावा किया है कि अभी भी 150 से ज्यादा यात्री उनके कब्जे में है. लेकिन इसी दौरान एक बड़ी खबर भी सामने आई है. जिसके मुताबिक, बोलान की पहाड़ियों पर सौ से ज्यादा लाशें पड़ी हैं. चलिए जान लेते हैं, इस घटनाक्रम की पूरी कहानी.
वो ट्रेन पहाड़ियों के बीच खड़ी है. ट्रेन के बाहर बंधंक यात्री बंदूक के निशाने पर हैं. क्वेटा से वहां दो सौ ताबूत मंगवाए गए हैं. पाकिस्तान की सबसे बड़ी ट्रेन हाईजैकिंग को क्वेटा से 157 किलोमीटर दूर अंजाम दिया गया. जहां मशकफ़ टनल में पिछले करीब 45 घंटे से पाकिस्तान रेलवे की एक पूरी की पूरी ट्रेन हाईजैक हो कर खड़ी है. और उसमें सवार मुसाफिर ट्रेन के बाहर तीन अलग-अलग ग्रुप में खड़े और बैठे हैं. उन मुसाफिरों की तरफ तनी हैं बीएलए यानी बलोच लिब्रेशन आर्मी के लड़ाकों की बंदूकें.
इससे पहले जो तस्वीर सामने आई, उसमें चारों तरफ पहाड़ ही पहाड़ हैं. और उन्हीं पहाड़ियों के बीच से जाफर एक्सप्रेस ट्रेन जाती हुई दिखाई देती है. और ये तस्वीर हाईजैक से ऐन पहले की. ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी कि तभी अचानक ट्रेन के इंजन के करीब एक रॉकेट लॉचर आकर गिरता है. निशाना इंजन को ही बनाया गया था ताकि ट्रेन रुक जाए. इधर, ट्रेन पर हमला हुआ और कैमरा दूर पहाड़ियों की तरफ घूमता है. पहाड़ों के दामन में अब बीएलए के लड़़ाके नज़र आते हैं.
फिर तस्वीर फिर बदलती है. अब जाफर एक्सप्रेस रुकी हुई है और सारे मुसाफिर ट्रेन के बाहर ताीन अलग-अलग ग्रुप में बंधक बने हुए हैं. बंधकों के तीनों ही ग्रुप के साथ बीएलए के सुसाइड बॉम्बर भी तैनात हैं. हर सुसाइड बॉम्बर ने एक्सप्लोसिव वेस्ट पहन रखी है. यही पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक की पहली तस्वीर थी. और ये तस्वीर खुद बलोच लिब्रेशन आर्मी याानी बीएलए ने जारी की थी.
11 मार्च 2025, सुबह 9 बजे
इसी तारीख पर जब जाफर एक्सप्रेस क्वेटा रेलवे स्टेशन से चली थी, तब इसमें कुल 450 मुसाफिर सवार थे. हालांकि क्वेटा से पेशावर तक अलग-अलग स्टेशन से कुल 750 मुसाफिरों का जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में रिजर्वेशन था. पाकिस्तानी सिक्योरिटी फोर्सेस ने दावा किया है कि वो अब तक 155 मुसाफिरों को रेस्क्यू कर चुके हैं. जिनमें औरते, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं. सिक्योरिटी फोर्सेस का ये भी दावा है कि मुठभेड़ में अब तक BLA के 27 लड़ाकों को वो ढेर कर चुके हैं. इस मुठभेड़ में 37 मुसाफिर भी घायल हुए हैं, जिन्हें पास के अस्पातलों में इलाज के लिए ले जाया गया है.
हालांकि सिक्योरिटी फोर्सेस ने इस एकाउंटर में उनके कितने लोग मारे गए? ये साफ नहीं किया है. लेकिन पाक मीडिया के मुताबिक, अब तक की मुठभेड़ में 10 लोगों की जान गई है, जिनमें जाफर एक्सेप्रेस ट्रेन का ड्राइवर और 9 सिक्योरिटी फोर्सेस के जवान और अफसर शामिल हैं. हालांकि जिन बंधकों को बचा लिया गया है. उनमें से कइयों का कहना है कि उन्हें पाक फोर्सेस ने नहीं बल्कि खुद BLA ने रिहा किया है.
दरअसल, हाईजैक ट्रेन तक पहुंचने और उसमें सवार मुसाफिरों और पाक फोर्सेस के लोगों को बचाने में कई दिक्कतें आ रही थीं. इनमें सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि जिस जगह ये ट्रेन खड़ी थी, उसके आसपास कोई सड़क नहीं है. पूरा पहाड़ी इलाका है. असल में क्वेटा और जैकोकाबाद के बीच नेशनल हाईवे 65 और रेलवे लाइन साथ-साथ है. लेकिन बोलान एरिया में दाखिल होते ही मशकफ शहर से पहले हाईवे कट जाता है. वहां से पूरे इलाके का रास्ता बेहद दुश्वार हो जाता है.
इसके अलावा रेस्क्यू ऑपरेशन में एक दिक्कत ये भी आ रही है कि BLA के लड़ाके आसपास की पहाड़ियों में भी मोर्चा लिए हुए हैं. उनके पास रॉकेट लॉंचर से लेकर तमाम तरह के अत्याधुनिक हथियार थे. इसके अलावा उनके पास सबसे बड़ा हथियार बंधकों को कवच थे. साथ ही खबरों के मुताबिक, हाईजैक हुई ट्रेन में कम से कम 200 सिक्योरिटी ऑफिशियल भी थे. जिन बंधकों को रिहा किया गया है, उनके बयान के बाद अब ये कहानी भी सामने आ गई है कि आखिर जाफर एक्सप्रेस को कैसे हाईजैक किया गया?
क्वेटा रेलवे स्टेशन, सुबह 9 बजे
39 अप जाफर एक्सप्रेस क्वेटा रेलवे स्टेशन से पेशावर कैंट जाने के लिए स्टेशन से रवाना हो जाती है. क्वेटा से पेशावर कैंट तक की 1600 किलोमीटर तक की दूरी साढ़े 36 घंटे में पूरी होनी थी. इस दौरान जाफर एक्सप्रेस को कुल 44 स्टेशनों पर रुकना था. जाफर एक्सप्रेस के कुल 9 डब्बों में करीब 400 मुसाफिर सवार थे. इनमें बड़ी तादाद में औरते और बच्चे भी थे. इस ट्रेन के साथ हमेशा सिक्योरिटी गार्ड भी चलते थे. वजह ये थी कि इससे पहले भी बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस पर कई बार हमले हो चुके हैं.
क्वेटा के आगे अगले कई घंटों तक ये ट्रेन पहाड़ी इलाकों से गुजरती है. दरअसल, ये इलाका बलूचिस्तान में पड़ता है. क्वेटा से रवाना होने के बाद ट्रेन कोलपुर, माछ, अबीग़म स्टेशन पार कर चुकी थी. अब अगला स्टेशन सिबी था. सिबी भी बलूचिस्तान का एक हिस्सा है. पहाड़ों और टनल से घिरा हुआ. ट्रेन अपने तय वक्त पर आगे बढ़ रही थी. पर तभी इस टनल के आगे ट्रेन के करीब एक धमाका होता है. धमाके की आवाज सुनते ही जाफर एक्सप्रेस का ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक देता है. ट्रेन के रुकते ही पहाड़ियों में छुपे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी यानि BLA के लड़ाके ट्रेन पर कब्जा कर लेते हैं.
हालांकि इससे पहले ट्रेन में सवार पाकिस्तान सिक्योरिटी फोर्सेस और BLA के जवानों के बीच गोलीबारी होती है. लेकिन आखिर में BLA के लड़ाके पूरी ट्रेन पर कब्जा कर लेते हैं. तब दोपहर के करीब 2 बजे थे. जिस जगह ये ट्रेन रुकी और जिस जगह पर BLA ने ट्रेन पर कब्जा किया वो सिबी स्टेशन से पहले बोलानपास ढाडर का इलाका है. चूंकि ट्रेन टनल में ही रुक गई थी. इसलिए ट्रेन में सवार सिक्योरिटी फोर्सेस को पता ही नहीं चला कि BLA के लोग कब किधर से ट्रेन में सवार हो गए थे.
करीब आधे घंटे की गोलीबारी के बाद पूरी ट्रेन पर अब BLA का कब्जा था. हालांकि कब्जे के कुछ देर बाद उन्होंने ट्रेन में सवार औरतों, बच्चों और बलूचिस्तान के नागरिकों को तो छोड़ दिया. लेकिन पाक सेना के जवानों को बंधक बना लिया. जिन बंधकों को रिहा किया गया वो वहां से पैदल ही सिबी स्टेशन की तरफ चले गए. इस ट्रेन हाइजैकिंग के कुछ देर बाद बलोच लिबरेशन आर्मी की तरफ से एक बयान जारी किया गया. ये बयान BLA के प्रवक्ता जीयांद बलोच की तरफ से जारी किया गया था.
बयान में कहा गया था कि BLA ने जाफर एक्सप्रेस के 182 मुसाफिरों को बंधक बना रखा है. जबकि गोलीबारी में पाकिस्तान मिलिट्री के 11 लोग मारे गए हैं। BLA ने ये भी दावा किया कि उसने पाक आर्मी का एक ड्रोन मार गिराया है और ट्रेन पर पूरी तरह से उसका कब्जा है. बयान में आगे कहा गया है कि बंधकों में ज्यादातर पाकिस्तान आर्मी, पुलिस, ISI और ATF के स्टाफ हैं. BLA के इस बयान के मुताबिक औरते, बच्चे, बुजुर्ग और बलोच नागरिकों को रिहा कर उन्हें जाने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैया कराया गया है.
इस बयान में धमकी दी गई थी कि अगर पाकिस्तानी मिलिट्री ने बंधकों को छुड़ाने की कोशिश की या उन पर कोई हमला किय़ा तो वो सभी बंधकों को मार देंगे. बयान में बाकायदा BLA के उन यूनिट्स का नाम भी बताया गया है, जिन्होंने इस ट्रेन को हाईजैक किया. बयान के मुताबिक, ट्रेन को हाईजैक करने वालों में BLA के मजीद ब्रिगेड, STOS, फतेह स्क्वॉड और जीरब यूनिट शामिल है. जिस जगह टनल में ये ट्रेन खड़ी है, वो इलाका सड़क से बहुत दूर है और रास्ते बेहद दुश्वार.
खबरों के मुताबिक, शाम तक पाकिस्तान की सिक्योरिटी फोर्सेस मौके पर पहुंच चुकी थी. उन्होंने पूरे इलाके को अपने घेरे में ले रखा था. इसके साथ ही क्लियरेंस ऑपरेशन भी शुरु हो चुका था. दरअसल, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी पिछले दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से पाकिस्तानी मिलिट्री से लोहा ले रही है. BLA की मांग है कि बलूचिस्तान को एक अलग देश घोषित किया जाए. सूत्रों को मुताबिक BLA के पास इस वक्त 6 हजार से ज्यादा फाइटर है. रॉकेट लॉंचर से लेकर तमाम आधुनिक हथियार भी उनके पास है.
अब आई बड़ी खबर
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सेना के ऑपरेशन के दौरान बोलान की पहाड़ियों में बड़ी तादाद में बंधकों की लाशें मिली हैं. जिनमें से अधिकतर लाशें सैनिकों की हैं, जो छुट्टियों पर थे. स्थानीय और सैन्य सूत्रों का कहना है कि 100 से ज्यादा शव बोलान की पहाड़ियों पर मिले हैं. इस बीच मृतकों की कुल संख्या अभी भी रहस्य बनी हुई है. बोलान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्रीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि बीएलए ने अभी भी पाकिस्तानी सेना के कई सैन्यकर्मियों को बंधक बना रखा है.
बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान में हाईजैक हुई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से सभी बंधकों को छुड़ाने का दावा किया है. सेना ने दावा किया है कि बंधकों की रिहाई को लेकर उनका रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. लेकिन BLA का दावा सेना के दावे से बिल्कुल अलग है. इस बीच एक पंजाबी फौजी ने सेना की पोल खोल दी है.
बलूचिस्तान पहुंचे PM
इसी बीच पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. शहबाज शरीफ के साथ उपप्रधानमंत्री इशाक डार, संघीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार, संघीय योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल, संघीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नवाबजादा मीर खालिद मगसी और अन्य लोग भी बलूचिस्तान पहुंचे हैं.