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अब पाकिस्तानी सेना भी बनेगी मेड इन चाइना, चीन ने खेला CPEC का दांव

CPEC यानी चीन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरीडोर. दरअसल, ये सीपेक तो बहाना है. दरअसल, चीन को पाकिस्तान ग्वादर पर अपना कब्ज़ा जमाना है. सीपेक पाकिस्तान के जी का जंजाल हो गया है.

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चीन CPEC के नाम पर पाकिस्तान में एक पूरा शहर बना रहा है
चीन CPEC के नाम पर पाकिस्तान में एक पूरा शहर बना रहा है

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दुश्मनी का पुराना उसूल है कि दुश्मन के दुश्मन को दोस्त बना लो और अपनी ताकत बढ़ा लो. सरहद के उस पार पाकिस्तान भी अब इसी उसूल पर अमल कर रहा है. हालांकि पाकिस्तान और चीन की दोस्ती के तमाम किस्से बीच-बीच में आते रहते हैं. पाकिस्तान में चीनी करंसी से लेकर चीनी शहर तक बसाने की खबरें आ चुकी हैं. पर अब जो नई खबर है वो ये कि अब पाकिस्तानी आर्मी को भी मेड इन चाइना बनाने की कोशिश चल रही है. जी हां, पाकिस्तान ने अपनी सेना को मजबूत करने के लिए चीन का हाथ थाम लिया है. अब चीन ही पाकिस्तान को सिखा रहा है कि सरहद की हिफाजत कैसे करते हैं.

भारत-पाकिस्तान युद्ध 1948, नतीजा- हार. भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965, नतीजा- हार. भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971नतीजा- हार. भारत-पाकिस्तान युद्ध 1999, नतीजा- हार.

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आज़ादी के बाद से इतनी बार पाकिस्तान ने कोशिश की मगर हर बार उसने मुंह की खाई. उसे समझ में आ गया कि हिंदुस्तान से जीत पाना मुमकिन नहीं है. लिहाज़ा उसने दुश्मन के दुश्मन यानी चीन को अपना दोस्त बना लिया. और उसी को बड़ा भाई मानकर उसके पीछे आड़ ले ली है. अब जैसा जैसा चीन कहता जाता है वैसा वैसा पाकिस्तान करता जाता है. मगर ये चीन है. जो चूं भी करता है तो उसके पीछे भी उसका कोई ना कोई मकसद ज़रूर छिपा होता है.

आजकल चीन की सेना यानी पीपल्स लिब्रेशन आर्मी पाकिस्तान को अपने बॉर्डर एरिया को मज़बूत करने के टिप्स दे रहा है. साथ ही इसके लिए वो पाकिस्तान के सैनिकों को ट्रेनिंग भी मुहैय्या करा रहा है. मक़सद साफ है भारत को टेंशन देना. मगर भारत इससे बिलकुल भी परेशान नहीं है. हालांकि इस एक मकसद से भारत के दो दो दुश्मनों का फायदा ज़रूर हो रहा है. और दोनों एक हो गए हैं. साथ ही चीन भारत के खिलाफ इस्लामाबाद को मजबूत करने की कोशिश भी कर रहा है.

इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक चीन पाकिस्तान के सैनिकों को ट्रेनिंग देकर इंटरनेशनल बॉर्डर पर मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. इतना ही नहीं पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के 15 से 20 सैनिकों की टीम ने पाकिस्तान के ओकारा में 14 इंफेंट्री डिविजन हेक्वॉटर का दौरा किया. साथ ही पीएलए के सैनिक बसीरपुर और सुलेमनकी के बीच फॉरवर्ड एरिया भी गए. खबरों के मुताबिक पीएलए की तरफ से ये ट्रेनिंग पाकिस्तान की 23 सिंध/ 21 सिंध ब्रिगेड के लोगों को दी गई है. जिस एरिया में पीएलए का दौरा हुआ और ट्रेनिंग दी गई, वो भारत के फजिल्का के बेहद करीब है.

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बॉर्डर एरिया को मज़बूत करने के अपने प्लान के तहत पाकिस्तानी आर्मी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बड़े-बड़े ब्रिज भी बना रही है ताकि ऊंची जगह से भारतीय सेना पर नजर रखी जा सके. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की रणनीति में ये बदलाव चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद आया है. साथ ही चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य संबंध और गहरे हो रहे हैं.

चीन-पाकिस्तान को हर मुमकिन मदद देता रहा है. चीन और पाकिस्तान की मिलिट्री पार्टनरशिप भी लगातार बढ़ रही है जिसे लेकर भारतीय सेना सतर्क है. चीन न सिर्फ पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय पर मजबूत करने की कोशिश कर रहा है बल्कि भारतीय नौसेना से मुकाबले के लिए भी तैयार कर रहा है.

चीन से पाकिस्तान 8 अटैक सबमरीन भी खरीद रहा है जिसकी पहली डिलीवरी 2023 में होने की बात कही जा रही है. चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर को बनाने में चीन की सेना भी शामिल है. भारत सीपीईसी को लेकर अपनी चिंताएं कई बार जाहिर कर चुका है. कुछ दिन पहले अमेरिकी मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि चीन, पाकिस्तान में फाइटर जेट और दूसरे मिलिटरी हार्डवेयर बनाने के सीक्रेट प्लान कर काम कर रहा है. जिसके बाद पाकिस्तान की तरफ से सफाई दी गई कि सीपीईसी एक इकनॉमिक प्रॉजेक्ट है और इसके कोई मिलिट्री डाइमेंशन नहीं है.

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जब से अमेरिका ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देना बंद किया है तब से ही पाकिस्तान छटपटा रहा है. उसकी अर्थव्यवस्था हिचकोले खा रही है. लिहाज़ा उसे चीन में ही अपना मददगार नज़र आ रहा है. मगर मदद के चक्कर में पाकिस्तान चीन की चाल को समझ नहीं पा रहा है. और पाकिस्तान धीरे धीरे चीन को छोड़कर अपने सारे दरवाज़े बंद कर रहा है. और किसी पर इतना ज़्यादा निर्भर होना गुलामी की सबसे बड़ी अलामत है.

इसमें शक़ नहीं है कि चीन पाकिस्तान के बुरे वक्त में उसके साथ खड़ा है मगर इसके बदले में पाकिस्तान को चीन के सामने अपना ज़मीर भी गिरवी रखना पड़ रहा है. चीन पाकिस्तान को सैन्य और आर्थिक रूप से मज़बूत करने के बदले भारी कीमत वसूल रहा है.

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