अमेरिका और भारत के तमाम ऐतराज़ों के बावजूद दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी हाफिज़ सईद न सिर्फ पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है बल्कि उस मुल्क का प्रधानमंत्री उसे साहेब कह कर पुकार रहा है. यानी एक बात तो तय है कि पाकिस्तान किसी भी सूरत में हाफिज़ सईद को आतंकवादी मानने को तैयार नहीं है. वहीं अपने हुकमरानों से मिली इसी शह की वजह से ऑपरेशन ऑलऑउट से ज़ख्मी हुए अपने मंसूबों पर इसने न सिर्फ मरहम लगाना शुरू कर दिया है. बल्कि आतंक की अगली खेप तैयार करने की भी तैयारी शुरू कर दी है.
1 करोड़ डॉलर का इनाम
आज हाफिज सईद दुनिया का नंबर वन ज़िंदा आतंकवादी है. हाफिज सईद 1 करोड़ डॉलर का इनामी आतंकवादी है. हाफिज सईद 26/11 मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड है. हाफिज सईद दुनियाभर में आतंकवादियों का देवता माना जाता है. वो युवाओं के दिमाग में जहरीले विचार बोकर अपना उल्लू सीधा करता है. हर वक्त भारत के खिलाफ साजिशें रचता है.
हाफिज सईद को आतंकी नहीं मानता पाकिस्तान
दुनिया कहती है तो कहती रहे, सबूत देती है तो देती रहे. पाकिस्तान को आतंकवादियों की पनाहगार मानती है तो मानती रहे. पाकिस्तान अपनी जान दे देगा. लेकिन हाफिज सईद को आतंकवादी नहीं मानेगा. इसका सार्वजनिक ऐलान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हाल ही में कर चुके हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अब्बासी ने कहा था कि भले ही दुनिया कुछ भी कहे, लेकिन पाकिस्तान में हाफिज सईद साहब के खिलाफ कहीं कोई मामला दर्ज नहीं है.
तो जिस देश का प्रधानमंत्री आतंकवादी हाफिज सईद को साहेब की पदवी प्रदान करे. उस देश में हाफिज सईद एक बार जो कह दे. उसे कोई टाल दे ऐसा कैसे हो सकता है. इसलिए समूचे पाकिस्तान में हाफिज सईद के आदेश पर कश्मीर एकजुटता अशरा शुरु किया गया है.
कश्मीर कब्जाने की नाकाम कोशिश
यहां बात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की एकजुटता की नहीं है. जहां पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं. बल्कि उस कश्मीर की है. जिसे पाकिस्तान हथियाने के सपने देखता है. और हाफिज सईद जैसे आतंकवादी. इस सपने को पूरा करने की कसमें खाते हैं.
हाफिज की मददगार पाकिस्तान सरकार
हाफिज सईद अगर पाकिस्तान में कश्मीर के नाम पर देशव्यापी रैलियों पर आह्वान करता है. तो इसलिए क्योंकि पाकिस्तान का उस पर अटूट विश्वास है. वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि जिस हाफिज सईद के संगठनों पर चैरिटी लेने की रोक लगी है. वो पूरे पाकिस्तान में रैलियों का आयोजन करवा सके. कोई बच्चा भी सीना ठोंककर दावा कर सकता है कि हाफिज सईद की इस प्लानिंग को पूरा करने के लिए पाकिस्तानी सरकार तन-मन और धन से जुटी है.
पाक का आतंकी प्रेम
अब सवाल ये है कि जिस हाफिज सईद के चक्कर में पाकिस्तान का नाम पूरी दुनिया में आतंकवादियों की पनाहगार के तौर पर काबिज हो चुका है. उसकी जी-हूजूरी करके पाकिस्तान की सरकार अपना बेड़ा गर्क करवाने पर क्यों तुली है. क्या पाकिस्तान अपने आतंकवादियों के प्यार में इतनी गहराई तक उतर चुका है कि डूबने की नौबत आने पर भी हाथ-पैर तक नहीं मार पा रहा. या फिर भारत से दुश्मनी निभाने के लिए पाकिस्तान इतना मरा जा रहा है कि उसे अपना भला भी नहीं सूझ रहा.
आतंकी के सामने नतमस्तक पाक सरकार
हाफिज सईद कुछ बोल दे तो उसकी बात को काटने की गुस्ताखी तो पाकिस्तान की सरकार भी नहीं कर सकती. और हाफिज को ये ताकत खुद पाकिस्तान ने दी है. यही वजह है कि अमेरिका से बार-बार लताड़ और अफगानिस्तान से सबूतों की बौछार होने के बावजूद पाकिस्तान की सरकार हाफिज सईद के लिए अपनी जान की बाजी लगाने के लिए तैयार है. हालांकि पाकिस्तानी सरकार के पास अब हाफिज सईद की जी-हुजूरी करने के अलावा कोई विकल्प बचा भी नहीं है.