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एक सिरफिरे की सनक से दहल गया पाक

पाकिस्‍तान की राजधानी इस्लामाबाद के जिन्ना एवेन्यू में खुलेआम हथियार लहरा रहा था एक सनकी शख्स, जिसने हथियारों के दम पर पुलिस को भी बेबस कर दिया. सिरफिरे को समझाने की हर कोशिश रही नाकामयाब. अत्याधुनिक हथियारों से वो सिरफिरा बार-बार बरसाता रहा गोलियां.

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इस्‍लामाबाद में सिरफिरे ने मचाई सनसनी
इस्‍लामाबाद में सिरफिरे ने मचाई सनसनी

पाकिस्‍तान की राजधानी इस्लामाबाद के जिन्ना एवेन्यू में खुलेआम हथियार लहरा रहा था एक सनकी शख्स, जिसने हथियारों के दम पर पुलिस को भी बेबस कर दिया. सिरफिरे को समझाने की हर कोशिश रही नाकामयाब. अत्याधुनिक हथियारों से वो सिरफिरा बार-बार बरसाता रहा गोलियां. सिरफिरे को समझाने के लिए इस्लामाबाद पुलिस के बड़े-बड़े अफसर भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन उस सिरफिरे ने किसी की भी बात नहीं मानी.

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पूरे छह घंटे तक उस सनकी ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को दहलाए रखा. छह घंटे तक हथियारबंद सिरफिरे का ही हुक्म चलता रहा. फिर छह घंटे बाद आखिर खत्म हुआ ड्रामा, वो भी गोली के साथ, वो गोली जो छह घंटे बाद मौका मिलते ही पहली बार पुलिस ने चलाई थी.

जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- शाम 5 बजे

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद का पॉश इलाका जिन्ना एवेन्यू..यहां शाम 5 बजे तक जिंदगी अपनी रफ्तार पर थी लेकिन यहां मौजूद किसी शख्स को पता नहीं था कि कुछ ही मिनटों बाद पूरे इलाके में सनसनी फैलने वाली है. एक सिरफिरे की सनक जिन्ना एवेन्यू के साथ-साथ पूरे इस्लामाबाद को हिला देने वाली है.

5 बजकर कुछ मिनट हुए थे जब जिन्ना एवेन्यू के नाके पर मौजूद पुलिसवालों ने एक कार को रोकने की कोशिश की और इस कोशिश के साथ ही शुरू हो गया वो ड्रामा, जिसने पूरे 7 घंटे तक पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सनसनी मचाए रखी. एक अजीब और ख़ौफनाक ड्रामा, जिसने सबको सकते में डाल दिया.

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नाके पर मौजूद पुलिसवालों ने जब काले रंग की टोयोटा कार को रोकने की कोशिश की, तो एक शख्स कार से असलहों के साथ बाहर निकला. उसके दोनों हाथों में हथियार थे और सिर पर सवार था जुनून. इसीलिए कार से बाहर निकले उस शख्स ने अपने हाथों के हथियार पुलिस वालों पर तान दिए. पहले लगा कि वो सिरफिरा शख्स पुलिसवालों पर ही गोलियां चलाने वाला है लेकिन उसने हथियार लहराते हुए पुलिस वालों को सिर्फ अपने पास ना आने की धमकी दी.

पुलिस इस शख्स के तेवर से जितनी हैरान थी, उसके साथ मौजूद लोगों को देख कर उतनी ही परेशान. दरअसल, खतरनाक हथियारों के साथ पुलिस को डरानेवाला ये शख्स अकेला नहीं था बल्कि उसके साथ कार में मौजूद थे एक महिला और दो बच्चे और उनके सिर पर सवार था वो सिरफिरा, जिसके दोनों हाथों में हथियार मौजूद थे.

पुलिस जानती थी कि जरा सी चूक भी जानलेवा हो सकती है. महिला और दो मासूम बच्चों की जान पर बन सकती थी, लिहाजा पुलिस के लिए सनकी शख्स की बात मानना मजबूरी था. मंजर रोंगटे खड़े करनेवाला था, लिहाज़ा पुलिस ने कार से दूरी बनाना ही सही समझा, लेकिन इसके बाद उसे दूर से ही समझाने-बुझाने की कोशिश शुरू कर दी गई.

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जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- शाम 6 बजे

पुलिसवाले उस सनकी शख्स को समझाने में लगे थे, उससे बात करने की भी कोशिश कर रहे थे लेकिन वो शख्स कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था. पुलिस धीरे-धीरे जब उस सिरफिरे को समझाने के बहाने उसकी तरफ बढ़ी तो सनकी शख्स ने एक के बाद एक हवा में कई राउंड फायर किए. इसके साथ ही उस शख्स के खतरनाक इरादे पुलिस के सामने भी जाहिर हो गए.

जब इस शख्स ने पहली बार गोलियां चलाईं, तो उसके पास मौजूद महिला ने घबरा कर अपने कानों पर हाथ रख लिए, जबकि दोनों बच्चे कार की पिछली सीट पर दुबक गए. पुलिस जान चुकी थी कि सिरफिरा शख्स किसी भी हद से गुजर सकता है.

मौके की नजाकत को समझकर आनन-फानन में तमाम बड़े अफ़सरों को मौके पर बुलाया गया. फिर बिना किसी बुलेटप्रूफ जैकेट या खास तैयारी के पुलिस ने उससे बातचीत की शुरूआत की.

जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- शाम 7 बजे

वक्त गुजरता जा रहा था और सिरफिरे का ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था. आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और वो सनकी शख्स बातचीत के लिए तैयार हुआ. उसने सबसे पहले उसने महिला को बातचीत के लिए पुलिस वालों के पास भेजा. सिरफिरे की पत्नी ने ही बताया कि वो सिकंदर नाम के इस शख्स की पत्नी है और कार में मौजूद दोनों बच्चे उनके ही बच्चे हैं, इस जवाब से पुलिस भी चकरा गई कि फिर सनकी शख्स ऐसा क्यों कर रहा है.

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अत्याधुनिक हथियारों से लैस सिरफिरा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के सबसे पॉश इलाके जिन्ना एवेन्यू में सीना ताने खड़ा था और उसकी पत्नी से बात कर रही इस्लामाबाद पुलिस हैरान-परेशान थी.

जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- रात 8 बजे

तीन घंटे बीत चुके थे और पुलिस की समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो शख्स अपने बीवी बच्चों को ढाल बनाकर क्यों हथियार लेकर जिन्ना एवेन्यू में घुसा है. आगे बढ़ना खतरनाक था क्योंकि हथियारों से लैस सनकी शख्स के खतरनाक इरादे पहले ही पुलिस के सामने आ चुके थे.

सिरफिरे की तरफ से बातचीत करने आई उसकी बीवी को पुलिस ने सरेंडर के समझाया लेकिन हाथों में हथियार लिए वो सनकी शख्स किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं हुआ.

जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- रात 9 बजे

चार घंटे बीत चुके थे लेकिन इस सनकी शख्स का इरादा पुलिस की समझ से अभी तक बाहर था. सिकंदर नाम का ये सनकी शख्स कभी पाकिस्तानी फौज के बड़े अफसरों से बात करने की ज़िद करता, तो कभी मुल्क में शरिया कानून लागू करने की मांग रखता.

इस बीच, सिरफिरे की सनक की खबर लगते ही हजारों की भीड़ भी मौके पर जमा होने लगी. इस दौरान, उस सनकी शख्स ने भी बातचीत की पहल की. उसने कागज पर अपनी बात लिख कर बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाने की कोशिश की.

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जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- रात 10 बजे

रात के 10 बजते-बजते सिरफिरे की सनक हद पारकर गई. कुछ पुलिस वाले जब चुपचाप उसकी तरफ बढ़े तो उसने पुलिसवालों पर सीधी गोली चला दी. हालांकि खुशकिस्मती से इस फायरिंग में किसी को गोली नहीं लगी. इस बीच, पाकिस्तान में एनकेएन पार्टी के सांसद नबील गबूल ने भी सिरफिरे शख्स से बात की, सनकी शख्स को सरेंडर के लिए समझाया लेकिन सिरफिरे पर सांसद साहब की बातों का भी कोई असर नहीं हुआ.

जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- रात 11 बजे

शाम को 5 बजे से शुरू हुआ इस सिरफिरे का ड्रामा रात के 11 बजे तक जारी था. पुलिस भी अब तक समझ चुकी थी कि सिकंदर नाम के इस सनकी शख्स को समझाना नामुमकिन है लेकिन पुलिस को उसके पास जाने का कोई मौका नहीं मिल रहा था.

इसी बीच सिकंदर नाम का सिरफिरा अपने साथ लाई बोतल से पानी पीता रहा तो कभी फिक्र को धुएं में उड़ाता रहा. उसके सहमे से दो बच्चे कार की पिछली सीट पर बैठ कर सबकुछ देखते रहे.

जगह- जिन्ना एवेन्यू, इस्लामाबाद
दिन- 15 अगस्त, 2013
वक्त- रात 12 बजे

आधी रात होने वाली थी लेकिन इस सिरफिरे की सनक से पूरा इस्लामाबाद जाग रहा था. इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता जमरुद खान ने उससे बातचीत शुरू की और मौका मिलते ही उसके हाथ में मौजूद हथियार छीनने के लिए झपट पड़े लेकिन सिरफिरा शख्स पीछे हट गया और गन सामने तान दी.

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इसके बाद पता नहीं क्या हुआ अचानक ही सिरफिरे शख्स ने अपने दोनों हाथ ऊपर किए जैसे सरेंडर करना चाहता हो, सिरफिरे के हाथ ऊपर करते ही मौका मिला और पुलिस ने सटीक निशाना लगाया. पहली गोली उसके पेट में लगी और दूसरी गोली पैर में, सिरफिरा गिर पड़ा और पुलिस ने उसे दबोच लिया. आखिर 7 सात घंटे बाद खत्म हुआ एक सनकी की सनक से फैला आतंक.

सात घंटे तक मलिक सिकंदर नाम का ये शख्स इस्लामाबाद की सड़कों पर हथियार लेकर ड्रामा करता रहा और इन सबके बीच सात घंटे तक कसकती रहीं तीन जिंदगियां, इसकी बीवी कंवल औऱ कार में बैठे इसके ये दो बच्चे, बेटा अब्दुल्ला और बेटी फरवा.

इनका एक एक पल खौफ के साये में गुजर रहा था. नहीं पता था कि अगले पल में क्या हो जाए, क्योंकि एक तरफ सनकी मलिक सिकंदर अपने हथियारों का मुंह खोल रहा था तो दूसरी तरफ हथियार बंद पुलिस इसके तमाशे को बिना खून खराबे के खत्म करना चाहती थी, क्योंकि पुलिस इन तीनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती थी.

मलिक सिकंदर के सनक भरे ड्रामे के पीछे का सच बेहद पेचीदा है जो अब तक सामने नहीं आ सका है और उसके पीछे सवालों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त भी.

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पाकिस्तान के हफीजाबाद का रहने वाला मलिक सिकंदर पिछले 25 साल से दुबई में रहता है. इसके पास एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में अच्छी खासी नौकरी भी है लेकिन अचानक वो पाकिस्तान में नजर आता है और फिर बंदूक के साये में पाकिस्तान में शरिया कानून निजाम-ए-मुस्तफा को लागू करने की मांग करने लगता है.

वहीं दूसरी तरफ वो एक लोकल टीवी चैनल को बयान देता है कि वो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को मारने के लिए पिछले पांच दिनों से इस्लामाबाद में है.
सवाल ये है कि आखिर एक शख्स ने सिर्फ शरिया कानून लागू करवाने के लिए अपने साथ साथ बीवी बच्चों की जिंदगी दांव पर क्यों लगाई.

मलिक सिकंदर पिछले 25 साल से दुबई में आराम की जिंदगी गुजार रहा था फिर उसे ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि वो पाकिस्तान आकर शरिया कानून की मांग करने लगा. मलिक सिकंदर की बीवी कंवल की भूमिका भी संदेह के घेरे में है जो बार-बार पुलिसवालों से मलिक की बात करवा रही थी. खबरें ये भी हैं कि मलिक की दिमागी हालत बहुत अच्छी नहीं थी, फिर क्यों मलिक की बीवी ने खुद अपने पति को पकड़वाने में पुलिस की मदद नहीं की.

परिवार के साथ सात घंटे तक चले मलिक सिकंदर के ड्रामे के बाद इस तरह के कई और सवाल इस्लामाबाद की सड़कों पर कौंध रहे हैं, जिनका जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है.

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