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सुधीर सूरी की टारगेट किलिंग, हथियार और ड्रग्स की तस्करी... भारत को लेकर ISI के K-2 डेस्क का डेंजर प्लान

सुधीर सूरी का कत्ल होने के बाद एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं कि क्या बारूद की ढेर पर बैठा है पंजाब? क्या आतंकवाद की आग में फिर से झुलस सकता है पंजाब? क्या फिर सुलग सकती खालिस्तान की चिंगारी? हिंदूवादी नेता के क़त्ल का असली मास्टमाइंड कौन है?

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पिछले कुछ महीनों में इस तरह की कई आतंकी साजिशें बेनकाब भी की गई हैं
पिछले कुछ महीनों में इस तरह की कई आतंकी साजिशें बेनकाब भी की गई हैं

अमृतसर में शिव सेना नेता सुधीर सूरी के कत्ल में फिर से 'के-टू' कनेक्शन सामने आया है. वो कनेक्शन जो लंबे समय से कभी कश्मीर तो कभी पंजाब में घात कर हिंदुस्तान का माहौल खराब करने की कोशिश करता रहा है. क्योंकि अब तक की तफ्तीश ये इशारा करती है कि सुधीर सूरी का कत्ल कोई निजी रंजिश का नतीजा नहीं, बल्कि पंजाब में चल रही नफरती टारगेट किलिंग का हिस्सा है. तारीख भी गवाह है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में नफरती सोच को हवा देती रही है, बल्कि आईएसआई का के-टू डेस्क तो कश्मीर और खालिस्तान के नाम पर गड़बड़ी फैलाने के लिए ही बना है और इसी में लगा है.

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पंजाब को लेकर कई सवाल
सुधीर सूरी का कत्ल होने के बाद एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं कि क्या बारूद की ढेर पर बैठा है पंजाब? क्या आतंकवाद की आग में फिर से झुलस सकता है पंजाब? क्या फिर सुलग सकती खालिस्तान की चिंगारी? हिंदूवादी नेता के क़त्ल का असली मास्टमाइंड कौन है? क्या है शिवसेना नेता सुधीर सूरी के क़त्ल की इनसाइड स्टोरी? पाकिस्तानी एजेंसी ISI के 'प्लान खालिस्तान' का क्या है सच? कैसे ISI एक के बाद एक भारत में करा रहा है टारगेट किलिंग? क्या है ISI के बदनाम K-2 डेस्क का एक-एक सच? यही जानने की कोशिश कर रहे हैं हम.

खालिस्तानी सोच को हवा देने की कोशिश!
पंजाब की फिजा में एक बार फिर जहर घुलने का खतरा पैदा हो गया है और इस बार खतरा दोहरा है. एक तरफ तो जलती पराली का धुआं जहर बन कर सांसों को घोंट ही रहा है, दूसरी तरफ एक बार फिर पंजाब में खालिस्तानी सोच को हवा देने की कोशिश चल रही है. अमृतसर में शुक्रवार को हुए शिवसेना नेता सुधीर सूरी के कत्ल के पीछे कुछ इसी सोच और साज़िश की आशंका जताई जाने लगी है.

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आईएसआई के के-टू डेस्क की साजिश 
जानकारों की मानें तो सुधीर सूरी का कत्ल कोई इकलौती केस स्टडी नहीं है, जिसमें किसी दुश्मनी के चलते उन्हें निशाना बनाया गया, बल्कि बहुत मुमकिन है कि इसके पीछे पाकिस्तान की वो नापाक साज़िश हो, जिसके तहत वो एक बार फिर भारत को आतंक की आग में झोंकना चाहता है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का के-टू डेस्क पहले ही कश्मीर और खालिस्तान के नाम पर हिंदुस्तान में गड़बड़ी फैलाने का टार्गेट सेट कर चुका है और इस काम में वो बड़े ही शातिर तरीके से खालिस्तान से हमदर्दी रखनेवाले लोगों और हिंदुस्तान के गैंगस्टरों का मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहा है. 

सामने आया गोपाल चावला और लखबीर लंडा का नाम
लेकिन इससे पहले कि हम आईएसआई के खालिस्तानी सोच की इस साजिश का खुलासा करें, आइए एक नज़र डालते लेते हैं उन दो नामों पर, जो इस आतंकी साजिश में अहम रोल निभा रहे हैं. एक नाम है गोपाल चावला का और दूसरा है लखबीर सिंह लंडा. खालिस्तानी नेता गोपाल चावला जो कई सालों से पाकिस्तान की गोद में बैठकर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है, जबकि दूसरा है गैंगस्टर से आतंकी बनने की कोशिश कर रहा लखबीर सिंह लंडा जो इन दिनों कनाडा में छुपा बैठा है. इन दोनों के साथ खास बात ये है कि ये दोनों ही पर्दे के पीछे से छुपकर पीठ पर वार करते हैं, लोगों को भड़काते हैं, आग लगाते हैं, लेकिन खुद कभी सामने नहीं आते. 

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लंडा ने ली सूरी के कत्ल की जिम्मेदारी
अब सुधीर सूरी के कत्ल के बाद दोनों ने अपने वही पुराने जहरीले दांत दिखा फिर दिए हैं. गोपाल चावला ने जहां एक वीडियो जारी कर सूरी के कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार संदीप सिंह की तारीफ की है, वहीं लखबीर सिंह लंडा ने इस कत्ल की जिम्मेदारी खुद पर ली है. अपनी पोस्ट में गैंगस्टर लखबीर लंडा ने सुधीर सूरी का कत्ल अपने लड़कों से करवाने की बात कही है. साथ भी ये भी कहा है कि जो भी कौम या किसी भी धर्म के बारे में गलत बोलते हैं, वो भी अपनी तैयारी रखें. लंडा ने अपनी पोस्ट में ये भी लखा कि ये तो सिर्फ शुरुआत भर है. ऐसे लोग सिक्योरिटी लेकर ये समझने की गलती ना करें कि वो बच जाएंगे. अभी हक लेना बाकी है. 

RPG अटैक में भी आया था लंडा का नाम
जाहिर है लंडा की ये भाषा बता रही है कि उसके कंधे पर बंदूक रख कर बाहरी ताकतें भारत को नुकसान पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की साजिश कर रही हैं. लखबीर हरीके उर्फ लखबीर लंडा वही आतंकी है, जिसका पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग पर हुए आरपीजी अटैक में भी नाम सामने आ चुका है. सूत्रों के मुताबिक लंडा बार पाकिसतान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा से सीधा संबंध है. 

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लंडा के खिलाफ दर्ज हैं 20 से ज्यादा मामले
बीते दिनों तरनतारन में हुए एक कपड़ा कारोबारी के कत्ल में भी लखबीर लंडा का नाम सामने आया था और उस पर अकेले पंजाब में ही 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. पिछले दिनों अमृतसर के कटरा अहलूवालिया से पकड़े गए तीन आतंकियों ने भी पूछताछ में लखबीर लंडा के लिए काम करने का दावा किया था. इन आतंकियों ने बताया था कि उन्हें हिंदूवादी नेता सुधीर सूरी का कत्ल करने का काम सौंपा गया था. 

सुधीर सूरी के पास थी वाई कैटेगरी की सुरक्षा
कुछ इन्हीं हालात के मद्देनजर सुधीर सूरी को पंजाब पुलिस की वाई कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई थी. सुरी की सुरक्षा में 15 पुलिसकर्मी और एक पायलट जिप्सी हमेशा तैनात रहती थी. पांच पुलिसवाले उनके घर में हर वक्त रहते थे, इसके बावजूद शुक्रवार को जब वो अमृतसर में धरना दे रहे थे, उन पर भरी भीड़ के बीच पुलिसवालों की मौजूदगी में गोलियों से ताबड़तोड़ हमला हुआ. उन्हें पांच गोलियां मारी गईं और आखिरकार उनकी जान चली गई. सूरी साल 2010 से ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ भी खुलकर बोलते रहे थे. वैसे सूरी के कत्ल के लेकर आतंकवादियों ने अगर सिर्फ दावे ही किए होते, तो भी एक बार के लिए इस पर सवाल उठाए जा सकते थे. लेकिन पुलिस को हमले के आरोपी संदीप सिंह की गाड़ी और उसके सोशल मीडिया एकाउंट से जिस तरह की चीजें हाथ लगी हैं, वो उसके खालिस्तानी कनेक्शन की तरफ इशारे करते हैं.

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खालिस्तान समर्थक है सुधीर सूरी का हत्यारा
सूत्रों की मानें तो कपड़े का कारोबार करनेवाला संदीप सिंह शुरू से ही खालिस्तानी सोचवाला रहा है और मौका-ए-वारदात से बरामद उसकी गाड़ी में भी वारिस पंजाब दे नाम के संगठन का स्टिकर चिपका हुआ मिला है, जिसका झुकाव खालिस्तान की तरफ माना जाता है. लेकिन सिर्फ गाड़ी में लगा स्टिकर ही नहीं, उसकी सोशल मीडिया पोफाइल पर मौजूद चीजें भी उसकी इसी जेहनीयत की तरफ इशारा करती है. सोशल मीडिया पर मौजूद एक वीडियो में आरोपी संदीप सैंडी की वारिस पंजाब दे संगठन के जत्थेदार अमृतपाल सिंह से अपने बेटे को मिलवाता हुआ दिख रहा है. यही वजह है कि अब इस कत्ल के बाद अमृतपाल सिंह का नाम भी फिजाओं में हैं, लेकिन पंजाब पुलिस ने इस मामले पर अपना मुंह सी रखा है.

डीजीपी ने लिया मौका-ए-वारदात का जायजा
लेकिन ये मामला कितना नाजुक है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सुधीर सूरी के कत्ल के बाद खुद सूबे के सबसे पहले पुलिस अफसर यानी डीजीपी गौरव यादव को मामले का जायजा लेने के लिए राजधानी चंडीगढ़ से अमृतसर आना पड़ा. हालांकि मौका-ए-वारदात पर पहुंचने के बाद यादव ने लोगों को अफवाहों से दूर रहने की हिदायत दी और ये भी कहा कि अगर कोई सोशल मीडिया पर गलत जानकारी साझा करेगा, तो उस पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने हमलावर के कार से मिले स्टिकर और दूसरे दस्तावेजों की जांच का भरोसा दिया. 

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वैसे सुधीर सूरी के कत्ल को आईएसआई और खालिस्तानी सोच वाले लोगों से जोड़ कर देखे जाने के पीछे भी एक अहम वजह है. वजह ये कि पंजाब में धार्मिक नेता पहले भी ऐसे कट्टरपंथी ताकतों के निशाने पर रहे हैं-

- 18 जनवरी 2016 को लुधियाना के किदवई नगर में आरआरएस की शाखा पर गोलीबारी हुई. 
- 3 फरवरी 2016 को लोकल हिंदू नेता अमित अरोड़ा पर गोलियों से हमला हुआ.
- 3 मार्च 2016 को हिंदू नेता दुर्गा दास गुप्ता की हत्या कर दी गई, वो शिवा सेना के लीडर थे.
- 6 अगस्त 2016 को RSS के वॉइस प्रेसिडेंट जगदीश गंगनेजा की गोली मारकर हत्या हुई.
- 14 जनवरी 2017 को अमित शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वो हिंदू ताकत नाम के संगठन के जिला प्रचारक थे.
- 25 फरवरी 2017 को डेरा सच्चा सौदा के फॉलोवर सतपाल कुमार और उनके बेटे की गोली मारकर हत्या की गई.
- 15 जुलाई 2017 किश्चियन धर्म से ताल्लुक रखने वाले सुल्तान मसीह की हत्या हुई.
- 17 अक्तूबर 2017 को RSS लीडर रविंद्र गोसाईं की जान ले ली गई.
- 16 अक्टूबर 2020 को शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या हुई.
- 10 फरवरी 2020 को पंजाब में शिव सेना के यूथ विंग के लीडर हनी महाजन पर हमला हुआ. गोली लगी पर बाल-बाल बचे. 

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साल 2016 से 2020 तक हुई ये वारदातें इस बात का सबूत है कि किस तरह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकियों और पंजाब के गैंगस्टर्स के जरिए लगातार हिंदुस्तान को लहूलुहान करने में लगे हैं.

भड़काऊ भाषणों को लेकर विवादों में रहे सूरी
सुधीर सूरी अपने भड़काऊ भाषणों को लेकर चर्चा में रहते थे. इस सिलसिले में उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुए थे और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. वह 2016 से खालिस्तानी नेताओं के निशाने पर थे और आखिरकार वही हुआ, जिसका डर सूरी और उनके घरवालों को था. शुक्रवार को उन्हें तब गोलियों का निशाना बनाया गया, जब कूडे में हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरें मिलने के बाद वो धरने पर बैठे थे.

एनआईए कर सकती है जांच
शिव सेना नेता सुधीर सूरी के कत्ल के मामले की जांच एनआईए कर सकती है. वजह सीधी सी है. सूरी के कत्ल में जिस तरह से खालिस्तानी नेताओं का कनेक्शन सामने आया है और जिस तरह से विदेश में बैठे कट्टरपंथी लोग और गैंगस्टर इस कत्ल पर जश्न मना रहे हैं, उसने देश की खुफिया एजेंसियों का ध्यान इस ओर खींच लिया है. ऐसे में बहुत मुमकिन है कि आनेवाले दिनों में एनआईए ही इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ले.

पाक एजेंसी आईएसआई की देन है के-टू डेस्क
के-टू यानी कश्मीर और खालिस्तान. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की बौखलाहट देखिए उसने के-टू के नाम बाकायदा एक डेस्क ही बना दिया है, जिसका काम ही कश्मीर और खालिस्तान के नाम पर पंजाब में गड़बड़ी फैलाना है. ये के-टू डेस्क ही है, जो ऐसे नफरती लोगों को हवा देता है, जो गैंगस्टरों को मोहरे की तरह इस्तेमाल करता है और हिंदुस्तान पर घात करता है. मोहाली में पंजाब इंटेलिजेंस के दफ्तर पर हुए आरपीजी अटैक से लेकर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल तक में इस के-टू डेस्क का नाम सामने आ चुका है. आखिर कैसे जुड़ता है ये कनेक्शन? आइए इसे भी जान लेते हैं.

कश्मीर और खालिस्तान है मकसद
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्लान K2 का राज पहले ही भारतीय एजेंसियों के सामने फाश हो चुका है. इस के टू में एक के कश्मीर के लिए है और दूसरा खालिस्तान के लिए. इस प्लान के तहत कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के साथ खालिस्तान को भी जिंदा रखने की पूरी तैयारी है. वैसे भी पाकिस्तान से कश्मीर और पंजाब दोनों के बॉर्डर सटे हुए हैं. जहां गड़बड़ी फैलाना इन आतंकियों और पाक खुफिया एजेंसियों को लिए थोडा आसान होता है. 

एनआईए ने दर्ज की थी एफआईआर
आपको याद दिला दें कि साल 2020 में पाकिस्तान के इशारे पर पंजा साहिब की परिक्रमा के दौरान सिख चरमपंथियों की तरफ से 'सिख रेफरेंडम 2020' के झंडे लहराने की बात सामने आई थी, जिसके बाद इस मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने 9 दिसंबर 2020 को 16 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की थी. अब पंजाब और आस-पास के इलाकों में जारी गड़बड़ी भी उसी का हिस्सा है.

आईएसआई के संपर्क में हैं पंजाब के कई गैंगस्टर
पंजाब में पिछले साल सितंबर से दिसंबर तक यानी चार महीनों में कुल 6 बम धमाके हुए. इसके अलावा टारगेट किलिंग और करोड़ों रुपये की ड्रग तस्करी के मामले भी आए. इसी साल 100 दिनों के भीतर कुल 158 हत्याएं हुई। 14 मार्च को इंटरनेशनल कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल का मर्डर हुआ. और 29 मई को पंजाबी  सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल कर दिया गया. खुफिया एजेंसियों के अनुसार पंजाब में इस वक्त 1 दर्जन से ज्यादा गैंग सक्रिय हैं, जिनमें से 6 से ज्यादा गैंग के लीडर विदेश में छुपे बैठे हैं और वहीं से बैठ-बैठे ऑपरेट कर रहे हैं. और अब नई जानकारी ये है कि ये अब फंडिंग और हथियार के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसएस के संपर्क में हैं.

आईएसआई का खास मोहरा है हरविंदर सिंह रिंदा 
इस पूरे नेक्सस का सबसे बड़ा चेहरा और मोहरा गैंगस्टर से खालिस्तानी आतंकी बना हरविंदर सिंह रिंदा है, जो इन दिनों पाकिस्तान में बैठा है और आईएसआई की गोद में खेल रहा है. ये आतंकियों और गैंगस्टरों के संपर्क की सबसे बड़ी कड़ी है. इसका काम आतंक को बढाने के लिए नौजवानों का ब्रेनवॉश करना है. पंजाब और उत्तर भारत में ऐसे 70 से ज्यादा गैंग्स एक्टिव हैं और 500 से ज्यादा गैंगस्टर गुर्गे. इस काम के लिए ये वैसे लड़कों टार्गेट करता है, जिनकी सोच बेहद कट्टर हो और जो किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हों. गन कल्चर, ड्रग्स और शोशेबाजी के चलते पंजाब के नौजवान ऐसे आतंकियों के सॉफ्ट टार्गेट बन चुके हैं, जिन्हें ये आतंकी रिझाने में लगे हैं.

भारत में गड़बड़ी फैलाने की साजिश
हरविंदर सिंह रिंदा के जरिए आईएसआई सरहद पार बैठकर गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गैंग, गोल्डी बराड़ ग्रुप, लकी पटियाल गैंग, देवेंदर बंबीहा गैंग, सुक्खा काहलों गैंग सरीखे क्रिमिनल सिंडिकेट्स को टार्गेट कर रहे हैं और भारत में गड़बड़ी फैलाने के लिए उन्हें मुंह मांगी कीमत देने का वादा कर रहे हैं. इनके जरिए और भी नौजवानों को जोड़कर सेलिब्रिटीज को निशाना बनाया जा रहा है, ताकि ज्यादा गड़बड़ी और ज्यादा अशांति फैलाई जा सके.

ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई
पंजाब इंटेलिजेंस ने सुरक्षा एजेंसियों और सतर्कता विभाग को हाल में एक बड़ा इनपुट दिया है. जिसके अनुसार पंजाब के ऐसे 6 गैंगस्टर हैं, जो किसी ना किसी तरीके से पाकिस्तानी एजेंसी के संपर्क में हैं. इनमें से 3 अमेरिका, जर्मनी और कनाडा में हैं जबकि 2 पाकिस्तान और एक बेल्जियम में हैं. वहां बैठकर वे भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. इनके जरिए ही आधुनिक हथियार से लेकर ड्रग्स और गोला-बारूद तक पंजाब में पहुंचाएं जा रहे हैं.

हालात के मद्देनजर खुफिया एजेंसियां चौकस
पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी आईएसआई शुरू से ही भारत में गड़बड़ी फैलानी को कोशिश करती रही है. लेकिन अब उसने भारत के नौजवानों को हथियार और नशे का लालच देकर अपने नापाक इरादों को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश शुरू कर दी है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब के नौजवानों को पैसे कमाने के शार्टकट का लालच दिखाकर हेरोइन के साथ हथियार भी भेज रही है. हथियार कहां और किसे पहुंचाना है, ये भी उन्हें कोडवर्ड में बताया जाता है. ताकि कोई खुफिया एजेंसी उनकी बातों को ना पकड़ सके. पंजाब और भारत-पाक के सरहदी इलाकों में इस तरह के कुछ वाकयों के बाद अब खुफिया एजेंसियां चौकस हो गई हैं.

सीमा पार से आ रहे हथियार और नशे की खेप
खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि पिछले एक साल 90 बार ड्रोन पाकिस्तान की सीमा पार कर भारत आए हैं. इन ड्रोन के जरिये हेरोइन, टिफिन बम और विस्फोटक सामग्री पंजाब पहुंचाई गई है. कुछ समय पहले ही खेमकरण सेक्टर की मियांवाली पर बीएसएफ जवानों ने एक खेत में पीपल के पेड़ के पास एक लिफाफे में हेरोइन के चार पैकेट, एक पिस्तौल और 37 कारतूस बरामद किए थे. यानी यहां हेरोइन के साथ पिस्तौल भी भेजी गई थी. इसी तरह तरनतारन में भारत-पाक सीमा पर से हथियार और नशे की खेप मिली थी. यहां पुलिस टीम ने 22 पिस्तौल, 44 मैगजीन, 100 कारतूस और करीब एक किलो हेरोइन बरामद की थी. इसके बाद 17 फरवरी 2022 को बीएसएफ ने हेरोइन के साथ-साथ चीन में बनी एक पिस्तौल, दो मैगजीन और 26 गोलियां बरामद की थीं. बीएसएफ जवानों ने फिरोजपुर सेक्टर से हथियार, गोला-बारूद करीब चार किलो हेरोइन बरामद की थी.

नशे की खेप के साथ हथियार भी बरामद
खुफिया सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने अब अपने काम करने का तौर तरीका बदल लिया है. वो पंजाब के नौजवानों को हेरोइन के साथ-साथ हथियार भी थमाने लगा है, ताकि उन्हें नशे के दलदल में फंसा कर आतंक के काम लिया जाए. यही वजह है कि हाल के दिनों में जितनी बार भी नशे की खेप पकड़ी गई है, साथ में हथियार भी पकडे गए हैं. पुलिस ने फरीदकोट में चार हथियारबंद बदमाशों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से एक किलो हेरोइन के साथ चार पिस्टल और कारतूस भी मिले थे. इससे पहले जनवरी में भी बीएसएफ के सर्च ऑपरेशन में सरहदी इलाकों से 22 किलो हेरोइन के साथ पिस्तौल व कारतूस भी मिले थे. 

मूसेवाला मर्डर में भी विदेशी हथियारों का इस्तेमाल
फिलहाल, हालत ये है कि पंजाब गैंगस्टरों के हाथ में मौजूद ज्यादातर हथियार पाकिस्तान से ही आ रहे हैं. अब सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस को ही ले लीजिए. मूसेवाला की हत्या में एके-47 के अलावा कई विदेशी हथियारों का इस्तेमाल हुआ और सूत्रों की मानें तो ये सभी के सभी हथियार कभी ना कभी तस्करी कर सरहद पार यानी पाकिस्तान से ही भारत लाए गए थे. सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान चीन में बने हथियार गड़बड़ी फैलाने के लिए भारत भेज रहा है और इसके पीछे पाकिस्तान में बैठे गैंगस्टर से आतंकी बने हरिंदर रिंदा का दिमाग काम कर रहा है. वैसे अकेले पंजाब ही नहीं सरहदी सूबे राजस्थान में भी आईएसआई इसी तरीके से हथियार और नशे की खेप पहुंचाने में लगा है. इस काम में वो अपराधियों के साथ-साथ किसानों को भी पैसों का लालच देकर उनसे तस्करी में मदद ले रहा है. इस साल अप्रैल से जून तक ऐसी तस्करी के कई मामलों का खुलासा हुआ है.
 

 

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