मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद अब सलाखों के पीछे पहुंच गया है. लेकिन उसका हिसाब होना अभी बाकी है. पडोसी मुल्क पाकिस्तान में बैठकर हाफिज सईद ने भारत के खिलाफ कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है. दरअसल, हाफिज भारत का बड़ा दुश्मन है, जिसे भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां कई वर्षों से पकड़ने की फिराक में हैं. भारत ने पाक को उसके खिलाफ पुख्ता सबूत भी दिए हैं, लेकिन पाक केवल हाफिज पर कार्रवाई का दिखावा करता रहा.
भारत में कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने वाले इस आतंकी के संगठनों जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा को संयुक्त राष्ट्र ने 2008 में प्रतिबंधित कर दिया था. पाकिस्तान सरकार ने कई बार दबाव में आकर उसे गिरफ्तार तो किया लेकिन हर बार वह अदालत के सहारे छूटकर बाहर आ गया. भारत के आग्रह पर उसके खिलाफ इंटरपोल ने 25 अगस्त 2009 को रेड कार्नर नोटिस जारी किया था.
बावजूद इसके वह अभी तक पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा था. वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में अक्सर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा. मुंबई में 26-11 के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई. वो इतना शातिर है कि जब लश्कर-ए-तैयबा पर पाबंदी लगी तो इसने जमात-उद-दावा के नाम से नया आतंकवादी संगठन बनाया.
हाफिज सईद की गिरफ्तारी पाकिस्तान का दिखावा है. इससे पहले भी पाक सरकार ने ऐसा ड्रामा किया है- उज्ज्वल निकम
हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने के लिए पैसे का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज है. इसी के चलते लाहौर पुलिस ने हाफिज सईद के घर और मदरसे समेत हर ठिकाने की जांच पड़ताल शुरु की. और इसी के बाद टेरर फंडिंग के मामले में हाफिज़ सईद को लाहौर से गिरफ्तार कर लिया गया.
पाकिस्तानी सेना और सरकार हाफिज की नस नस से वाकिफ हैं. लेकिन जब अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ जांच शुरू की और उस पर टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय किए, तब हाफिज सईद ने इन आरोपों को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दे डाली.
इस पर लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी सरकार, पंजाब सरकार और काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट को नोटिस जारी कर दिया. बता दें कि पंजाब पुलिस के काउंटर टैररिज्म डिपार्टमेंट ने जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ 23 एफआईआर दर्ज की थी. उन पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अलग अलग शहरों में आतंकवाद बढ़ाने के लिए धन मुहैया करवाया था. लेकिन अब हाफिज की गिरफ्तारी के साथ ही ये तय हो गया है कि पाकिस्तान दबाव में है और हाफिज के खिलाफ कार्रवाई करना उसकी मजबूरी बन गया है. देखना ये है कि उसके खिलाफ पाक सरकार अब क्या एक्शन लेगी.
उधर, वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल निकम ने आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सब पाकिस्तान का दिखावा है. इससे पहले भी पाक सरकार ने कई बार उसे हिरासत में लेने का ड्रामा किया, उसे नजरबंद भी किया गया. लेकिन आखिरकार वो हर बार छूटकर बाहर आ जाता है.