पाकिस्तान पहले से ही आतंकवादियों के लिए एक महफूज पनाहगाह रहा है. आप दुनिया के किसी भी आतंकी संगठन का नाम लें, तो उसका कोई ना कोई ताल्लुक पाकिस्तान से ज़रूर मिलेगा. खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुर्सी संभालते वक्त ये कहा था कि पाकिस्तान में करीब 40 हजार आतंकवादी हैं. सच ये है कि आज भी वहां की सूरत कुछ बदली नहीं है.
पाकिस्तान यानी पाक-स्थान. मतलब पाक जगह. लैंड ऑफ फ़ेयर पीपुल. यही असली मतलब है पाकिस्तान का. पाक फ़ारसी शब्द है जबकि स्थान हिंदी. इन दोनों शब्दों को मिलाकर बना था पाकिस्तान. पर अब? अब क्या है पाकिस्तान? आतंक का अड्डा. आतंकवादियों की पनाहगाह. आखिर कैसे एक पूरा मुल्क देखते ही देखते आतंक के चंगुल में फंस गया? कैसे एक पूरे मुल्क पर आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं ने कब्जा कर लिया?
जवाब जानने से पहले हिंदुस्तान के किसी भी ज़ख्मी शहर को याद कीजिए. 93 के लहूलुहालन मुंबई की कराह सुनिए. सबसे हरे ज़ख्म उरी की आह महसूस कीजिए. आतंकवादी संगठन और उनके आंकाओं के नाम याद कीजिए. देश के सबसे बड़े भगोड़े डॉन के बारे में सोचिए. बगदादी से पहले दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी के खात्मे के बारे में गौर कीजिए. कश्मीर में झांकिए. आपको जवाब मिल जाएगा.
दाऊद इब्राहिम, अंडरवर्ल्ड डॉन
हिंदुस्तान को आतंक का सबसे बड़ा और पहला ज़ख्म 1993 में लहूलुहान मुंबई की शक्ल में मिला था. पूरे मुंबई को धमाकों से दहला देने वाला चेहरा तभी आम हो गया था. पर दाऊद इब्राहीम तब तक चुपके से भाग चुका था. और फिर जाकर बस गया उसी पाकिस्तान में. वो कराची के घोषित पते पर आराम से रह रहा है.
मौलाना मसूद अजहर, जैश-ए-मोहम्मद
13 दिसंबर 2001 को पहली बार आतंक संसद की दहलीज तक पहुंच गया था. आतंकवादियों को संसद भवन तक पहुंचाया था, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के उसी मुखिया मौलना मसूद अज़हर ने जो कांधार प्लेन हाईजैकिंग में सौदेबाजी के बाद रिहा हो गया था. और रिहाई के बाद वो भी सीधे जा पहुंचा उसी आतंक की जन्नत में. यानी पाकिस्तान में.
हाफिज सईद, लश्कर-ए-तैयबा
26/11 को मुंबई के जख्मी सीने को फिर से छलनी किया गया था. गोलियां मुंबई में चल रही थीं, पर ट्रिगर दबाने का इशारा पाकिस्तान से हो रहा था. और इशारा कर रहा था आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का चीफ हाफिज सईद. दस मीलियन डॉलर का इनामी आतंकवादी. ये भी कहीं और नहीं वहीं पनाह लिए हुए है. यानी पाकिस्तान में. जहां वो भी खुलेआम रहता है.
बिन लादेन, अलकायदा
अमेरिका पर हमला कर इस आतंकी ने तो पूरी दुनिया को दहला दिया था. वो आतंकी संगठन अलकायदा का मुखिया था. पूरे दस साल तक अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में दुनिया भर की खाक छानती रहीं. पर आखिर में वो भी मिला उसी आतंक के अड्डे में. यानी पाकिस्तान में. वो था दुनिया का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी बिन लादेन. जिसे 2 मई 2011 में पाकिस्तान के ऐब्टाबाद में ही अमरिकी मरीन ने मार गिराया था.
दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान के वो तमाम ठिकाने मौजूद हैं, जहां आतंक की फैक्ट्री चलाई जाती हैं. जहां आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप हैं. हैरानी की बात ये है कि हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकवादियों को तो पाकिस्तान में कभी छुपने की ज़रूरत भी नहीं पड़ी. वे पकिस्तान में खुल्लमखुल्ला घूमते रहे हैं. अब भले ही पाकिस्तान की सरकार जो भी दावे करे, लेकिन वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई खुद आतंकियों को सरंक्षण देती है और उन्हें सरहद पार जाकर आतंक फैलाने के लिए प्रोत्साहित करती है. ये बात किसी से छुपी नहीं है.