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Seema Haider-Sachin Love Story: यूपी पुलिस, एटीएस, आईबी समेत तमाम एजेंसियां सीमा हैदर का सच जानने की कोशिश कर रही हैं. यूपी एटीएस समेत कई एजेंसियां लगातार उससे पूछताछ कर रही थीं. और सीमा थी कि कभी अपने आशिक सचिन के साथ रील्स बना रही थी, तो कभी उसके परिवार वालों के साथ ठुमके लगा रही थी. ये मामला मुहब्बत और जासूसी के बीच उलझा नजर आ रहा था. लेकिन अब खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ दोनों मुल्कों के लोग इस स्टोरी का क्लाइमेक्स देखना चाहते हैं.
कायदे से सीमा की जगह कोई और होता तो उसकी सांसें हलक में अटकी जातीं लेकिन यहां सीमा है कि इन सारी बातों से बेफिक्र मुस्कुरा रही है, कभी हथेलियों से दिल के निशान बना रही है और कभी डांस स्टेप्स दिखा रही है.
जासूस या माशूका?
सवाल ये है कि ऐसा कौन कर सकता है? कोई स्मार्ट सीक्रेट एजेंट यानी मंझा हुआ जासूस? या फिर दुनियादारी से बेख़बर अपने आशिक की दुनिया में खोई कोई माशूका? सोचने पर आएं तो ये बातें दोनों पर फिट बैठने वाली लगती हैं. शायद यही वजह है कि सीमा के जासूस और माशूका होने पर भी लोगों की राय भी बंटी हुई है. लेकिन एजेंसियां राय से नहीं चलती, बल्कि सबूतों से चलती हैं और इसीलिए सीमा से लंबी पूछताछ की गई है. यूपी एटीएस और सेंट्रल एजेंसियों ने भी सीमा-सचिन से पूछताछ की है.
भारतीय सेना के कुछ जवानों को भेजी थी फ्रेंड रिक्वेस्ट
सीमा हैदर और सचिन मीणा से ATS ने दो दिन में करीब 15 घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान एटीएस ने को कई अहम जानकारी हासिल की हैं. अब सीमा हैदर के खिलाफ जांच तेज हो गई है. एटीएस ने सीमा हैदर के सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच की है. जिसमें पाया गया है कि सीमा के सोशल मीडिया अकाउंट से दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर लोग जुड़े हुए हैं. साथ ही यह भी पता चला है कि सीमा हैदर ने भारतीय सेना के कुछ जवानों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेजी थी. अब जांच टीम इसके पीछे का मकसद तलाश कर रही है.
हर एंगल से जांच कर रही है UP ATS
वहीं, सीमा हैदर ने कहा कि उसके नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाई गई होगी. एटीएस ने नोएडा पुलिस द्वारा की गई जांच रिपोर्ट की केस फाइल की भी जांच की है. फिलहाल एटीएस हर एंगल से इस मामले में जांच कर रही है. सीमा हैदर को लेकर उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार से जानकारी ली गई है. उसने कई सवाल पूछे, जिनके जवाब देते हुए उन्होंने कहा ''फिलहाल कुछ भी कहना ठीक नहीं है. यह मामला दो राष्ट्रों से जुड़ा हुआ है. जब तक पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिल जाते कुछ भी करना उचित नहीं है.''
स्पेशल डीजी ने कहा- सुरक्षा में चूक नहीं
प्रशांत कुमार ने यह भी कहा है कि सीमा को बाहर भेजने की जो विधित प्रक्रिया है. इसके लिए पहले से कानून तय है. उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. डिपोर्ट करेंगे या नहीं यह एजेंसी देखेगी. सुरक्षा में कहीं भी चूक नहीं है. नेपाल बॉर्डर खुला हुआ है. साथ ही डीजी से जब पूछा गया कि क्या सीमा हैदर एजेंट है तो उन्होंने कहा कि किसी के चेहरे पर नहीं लिखा है कि वो पाकिस्तानी है.
किस करवट बैठेगा ऊंट
इस मामले की जांच के दौरान पता चला है कि सीमा के नाम से एक नहीं दसियों सोशल मीडिया एकाउंट उग आए हैं. इंस्टाग्राम से लेकर फेसबुक तक हर जगह फिल्टर लगी तस्वीरों और वीडियोज की बा़ढ आ गई है, जो यूट्यूब चैनल चंद व्यूज़ के लिए तरस जाते थे, सीमा की ताबड़तोड़ स्टोरीज से उनके व्यूज़ और टाइम स्पैन का मीटर टूटा जा रहा है. और सच्चाई ये है कि ये सबकुछ तब चल रहा है, जब पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर को अभी भी भारतीय एजेंसियों की तरफ से कोई क्लीन चिट नहीं मिली है. यानी ना तो ये बात अब तक पूरी तरह साफ हुई है कि सीमा, सचमुच सचिन के इश्क में गिरफ्त होकर अपने चार बच्चों के साथ यहां आ पहुंची हैं और ना ही ये बात क्लीयर हुई है कि सीमा कोई पाकिस्तानी जासूस है. ऐसे में आनेवाले दिनों में इस कहानी का ऊंट किस करवट बैठेगा, ये फिलहाल कोई नहीं जानता.
शक पैदा करती हैं ये बातें
एटीएस के पास सीमा से पूछे जा रहे सवालों की एक लंबी फेहरिस्त थी और ये सिर्फ इसलिए नहीं है कि सीमा पाकिस्तान से चोरी-छिपे भारत में घुस आई है, बल्कि सीमा की हरकतें, उसकी बॉडी लैंग्वेज, लोगों से उसके बात करने का तौर-तरीका, इन सब में कुछ-न-कुछ ऐसा है, जो शक पैदा करता है. ऐसे में एटीएस समेत भारतीय एजेंसियां सीमा की सच्चाई को लेकर पूरी तरह तसल्ली कर लेना चाहती है. एटीएस ने इसी सिलसिले में सोमवार को सीमा, उसके आशिक सचिन और सचिन के पिता नेत्रपाल से करीब आठ घंटे पूछताछ की थी और मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ था.
सोशल मीडिया एक्टिविटी पर क्यों है शक?
सीमा को लेकर एटीएस की अब तक की तफ्तीश में जो बातें सामने आई हैं, वो भी गौर करनेवाली हैं. एटीएस सीमा हैदर के तमाम सोशल मीडिया एकाउंट खंगाल रही है और पता चला है कि सीमा के एकाउंट में ज्यादातर वो लोग कनेक्टेड हैं, जो दिल्ली एनसीआर के हैं. छानबीन में ये भी पता चला है कि हिंदुस्तान आने से पहले सीमा ने भारतीय सेना के कुछ जवानों को भी अपनी फेंड रिक्वेस्ट भेजी थी. यहां तक कि पब्जी खेलते हुए भी सीमा ने कई और भारतीयों से संपर्क किया था लेकिन फिर पब्जी खेलते हुए ही उसकी मुलाकात सचिन से हुई और फिर दोनों एक दूसरे से करीब आ गए. ऐसे में एटीएस ये जानना चाहती है कि कहीं सीमा किसी को अपनी जाल में फंसाने की कोशिश तो नहीं कर रही थी? एटीएस ने सीमा और सचिन से उनके सोशल मीडिया एकाउंट को लेकर भी सवाल पूछे. जिसमें दोनों ने अपने एकाउंट्स की जानकारी तो दी, लेकिन साथ ही ये भी बताया कि सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने फेक एकाउंट भी बना लिए हैं.
सीमा आराम से पढ़ लेती हैं अंग्रेजी
सीमा की हिंदी पर तो लोग हैरान हैं ही, सीमा की इंग्लिश भी सोचने पर मजबूर करती है. लिए एक पल को अगर ये मान भी लिया जाए कि सीमा ने भारतीय फिल्में देख कर और सचिन से बात कर अपनी हिंदी मजबूत कर ली, लेकिन महज पांचवीं पास होने का दावा करनेवाली सीमा जिस तरह अपनी बातचीत में इंग्लिश के शब्दों का इस्तेमाल कर रही है, वो उस पर एजेंसियों का शक उस पर गहराने की एक वजह है. ही कारण है कि सोमवार को जब एटीएस ने सीमा को पूछताछ के लिए बुलाया, तो उसकी इंग्लिश के ज्ञान को समझने के लिए एटीएस के अफसरों ने उसे इंग्लिश लिखे कुछ पन्ने पढ़ने को दिए और एटीएस सूत्रों की मानें तो सीमा ने इन्हें आराम से पढ़ लिया.
एटीएस की टीम ने पुलिस अधिकारियों से ली जानकारी
सोमवार को इस मामले की जांच अपने हाथों में लेते ही एटीएस ने सबसे पहले नोएडा पुलिस के उन जांच अधिकारियों से बातचीत की, जिन्होंने सीमा को लेकर शुरुआती तफ्तीश की थी. इसके साथ ही एटीएस ने सीमा को लेकर नोएडा पुलिस की केस डायरी भी मांगी और उसे गौर से पढ़ा. ध्यान देनेवाली बात है कि नोएडा पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की शुरुआत जांच में सीमा को लेकर एक तरह से क्लीन चिट दे दी गई थी. यही वजह है कि जासूसी के शक में गिरफ्तार होने के बावजूद सीमा को गिरफ्तारी के तीसरे ही दिन अदालत से जमानत मिल गई थी. और ये अपने-आप में एक अनोखा मामला है.
गिरफ्तारी के तीन दिन बाद ही मिल गई थी जमानत
ग्रेटर नोएडा की पुलिस ने सीमा को 4 जुलाई को गिरफ्तार किया था और जेवर कोर्ट ने उसे 7 जुलाई को कुछ हिदायतों और शर्तों के साथ जमानत पर रिहा कर दिया. खास बात ये रही कि नोएडा पुलिस ने अदालत में उसकी जमानत की अर्जी की सुनावाई के दौरान अपनी तरफ से कोई विरोध भी नहीं किया. यानी ये इशारा सीमा को नोएडा पुलिस और आईबी की ओर से क्लीन चिट दिए जाने का ही था. लेकिन अब जब एटीएस इस मामले की जांच कर रही है, तो वो अपनी तरफ से कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती.
बेफिक्र होकर दिए थे जवाब
एटीएस सूत्रों की मानें तो सीमा ने अब तक की पूछताछ में एटीएस के सारे सवालों के जवाब बड़े ही बेशिकन तरीके से दिए हैं. ठीक उसी तरह जैसे वो अब तक मीडिया से खुल कर बात करती रही थी. ऐसे में एटीएस ये समझने की कोशिश कर रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने सीमा को बिल्कुल सीखा-पढ़ा कर भारत रवाना किया और कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई अब भी उसकी मदद कर रहा है?
भारत आने का रूट मैप समझना चाहती है ATS
असल में सीमा पर शक करने की एक वजह सीमा का भारत में घुसने का तरीका भी है. सीमा ने खुद को पांचवीं पास बताया है. लेकिन इसके बावजूद वो पब्जी के ज़रिए पहले सचिन के संपर्क में आती है. भारत आने की प्लानिंग करती है. रुपये-पैसों के लिए अपने परिवार की जमीन का हिस्सा बेच देती है. अपना और अपने चारों बच्चों के पासपोर्ट बनवाती है. ट्रैवल एजेंट की मदद से टिकट बुक करती है. सस्ते टिकट के लिए कराची से पहले शारजाह और फिर वहां से नेपाल की फ्लाईट पकड़ती है. शारजाह एयरपोर्ट में घंटों कनेक्टिंग फ्लाइट का इंतजार करती है और फिर नेपाल उतर कर सड़क के रास्ते एसएसबी और इमिग्रेशन के अफसरों को धोखा देकर भारत में ग्रेटर नोएडा पहुंच जाती है. ये सबकुछ कोई आसान काम नहीं है. और इसीलिए अब एटीएस सीमा के कराची से लेकर ग्रेटर नोएडा तक के पूरे रूट मैप को समझना चाहती है.
SSB और इमिग्रेशन के अधिकारियों से मांगी जानकारी
एटीएस ये जानना चाहती थी कि कहीं इस पूरे रूट में पाकिस्तान की किसी एजेंसी या उसके अफसरों ने सीमा की मदद तो नहीं की? उसे किसी मिशन के लिए भारत में प्लांट तो नहीं कर दिया? एटीएस ने गोरखपुर सिद्धार्थनगर बॉर्डर पर तैनात एसएसबी और इमिग्रेशन के अफसरों से भी सीमा की इंडिया में एंट्री को लेकर जानकारी मांगी है.
सीमा के मोबाइल की फॉरेंसिक जांच
एटीएस सूत्रों की मानें तो सीमा एटीएस के सवालों के जवाब तो खुल कर दे रही है. लेकिन इसमें कितना सच है और कितना झूठ, ये जानने समझने के लिए एटीएस ने सीमा के मोबाइल फोन की जांच शुरू कर दी है. सीमा के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच चल रही है. ताकि अगर उसके फोन से जानबूझ कर कोई तस्वीर या जानकारी डिलीट की गई हो, तो उसका भी पता लगाया जा सके. आपको याद होगा कि जब नोएडा पुलिस ने सीमा को गिरफ्तार किया था, तो उसके पास से दो वीडियो कैसेट, चार मोबाइल फोन, एक सिम और एक टूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद किया था. एटीएस इन सबकी जांच करवा रही है. साथ ही सीमा के पास से जब्त दस्तावेजों की सच्चाई जानने के लिए उन्हें भी फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवाया गया है.
सीमा की सच्चाई परखने की कवायद
सीमा का मामला अपने-आप में संवेदनशील तो है ही, एटीएस ने पाकिस्तानी महिला जासूसों की मॉडस ऑपरेंडी का जिक्र करते हुए पिछले दिनों जो एडवाइजरी जारी की थी, सीमा की कहानी उससे मिलती जुलती है. ऐसे में एटीएस अपने उस पैमाने पर भी सीमा की सच्चाई परखना चाहती है. एटीएस की उस एडवायजरी के मुताबिक पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव यानी पीईओ यानी पाकिस्तानी जासूस लड़कियां फेक प्रोफाइल के लिए जरिए अपनी पहचान हिंदू बना कर भारतीय सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसी या फिर सरकारी महकमों से जुड़े साइंटिस्टस् से दोस्ती करती हैं. उन्हें प्यार के जाल में फंसाती हैं और फिर उनसे खुफिया जानकारी हासिल करती हैं.
सचिन से मुहब्बत कोई मिशन तो नहीं?
सीमा जासूस हो या ना हो, उसका नाम भी हिंदू नाम से मिलता जुलता है. उसने भी सोशल मीडिया पर हिंदुस्तानी लड़के से दोस्ती की है. यहां आकर हिंदू बनने का दावा कर रही है. ऐसे में कहीं उसकी ये पूरी की पूरी हरकत ही किसी मिशन का हिस्सा तो नहीं है, एटीएस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है. एटीएस ने साफ किया है कि इस मामले में उसकी जांच पूरी होने के बाद पहले वो अपनी जांच रिपोर्ट लखनऊ के पुलिस मुख्यालय में भेजेगी और फिर रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से साझा की जाएगी. जिसके बाद ही सीमा पर कोई आखिरी फैसला होगा.