क्या इनाम में कोई बेटी जीत सकता है? क्या किसी को इनाम में कोई बेटी दे सकता है? आप कहेंगे कि ये क्या बेहूदा सवाल है. पर यकीन मानिए पाकिस्तानी टीवी के एक रियलिटी शो में जीतने वालों को इनाम में बेटियां दी जा रही हैं.
पाकिस्तानी टीवी के इस शो में हर एपिसोड मे बंपर प्राइज के तौर पर पालने में एक बच्ची को रखा जाता है और जीतने वाले को वो बच्ची किसी ट्रॉफी की तरह दे दी जाती है. दुनिया में अपने तरह के इस सबसे अनोखे शो ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है.
इस गेम शो में जीतने वाले बेऔलाद जोड़ों को शो के होस्ट आमिर लियाकत हुसैन कूड़े के ढेर पर फेंक दी जाने वाली लावारिस बेटियां बतौर इनाम बांट रहे हैं. पाकिस्तान में जैसे ही यो शो शुरू हुआ, पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया में खलबली मच गई. टीवी गेम शो के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा था कि इनाम में बच्ची दी जा रही थी.
इस शो के अब तक चार अलग-अलग एपिसोड आ चुके हैं और चारों एपिसोड में चार विजेता बेऔलाद जोड़ियों को चार बच्चियां इनाम में दी चुकी हैं. पाकिस्तान के इस सबसे मशहूर शो का नाम है अमान रमज़ान.
दरअसल, इस गेम शो के दो पहलू हैं एक अच्छा एक बुरा. हम आपको इस गेम शो के दोनों पहलुओं के बारे में बताएं, उससे पहले जान लें कि ये गेम शो असल में है क्या?
रमज़ान के मद्देनजर शुरू हुआ ये गेम शो सहरी यानी सुबह के वक्त से लेकर अफतार यानी शाम के वक्त तक करीब 7 घंटे टेलीकास्ट किया जा रहा है. इसका मक़सद लोगों को सहरी और अफतार करने के सही वक़्त और सही तरीके को बताते हुए उन्हें इंटरटेन करना है यानी इंफोटेनमेंट के कंसेप्ट वाले इस शो में लोगों को कुरआन और रमज़ान की अहमियत बताते हुए उनसे सवालात किए जाते हैं. शो में जीतने वाले को कार, ऑटो, टीवी, फ्रिज, मोबाइल और लैपटॉप जैसी चीज़ें बतौर इनाम दी जाती थीं पर सबसे बड़ा जैकपॉट है बेऔलाद जोड़ों को इनाम में बच्ची देना.
आमिर लियाकत के बारे में पारकिस्तान में मशहूर है कि वो अपने शोज को इस तरह से पेश करते हैं कि टीआरपी रिकॉर्ड तोड़ आती है. पाकिस्तान में रमज़ान के महीने को इस लिहाज से बहुत अहम माना जाता है. यहां रमजान के महीने में ज्यादातर लोग घरों में रहकर इबादत करना पसंद करते हैं और ऐसे में टीवी चैनलों में टीआरपी की खातिर जंग छिड़ जाती है और फिर शुरू हो जाते हैं टीआरपी कमाने के नए-नए स्टंट.
एक दंपति को जब बच्ची मिली तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना न रहा. महिला ने कहा, 'यकीन ही नहीं आ रहा था कि हमें ये बच्ची दी जा रही है, मैं बहुत खुश हूं.' आदमी ने कहा, 'पहले हम कम्प्लीट नहीं थे, इस बच्ची ने आकर हमें कम्प्लीट कर दिया. इस बच्ची के आने से हमारे घर में रौनक आई है.'
शो के होस्ट आमिर लियाकत हुसैन ने कहा कि इस शो में उन लोगों को शामिल किया जाता है जो बे-औलाद हैं. ऐसे लोगों से कई सवाल किए जाते हैं. फिर आखिर में उस जोड़े को बुलाया जाता है जिसे बच्ची सौंपी जानी है. जोड़े को लाइव टीवी पर बच्ची तोहफे के रूप में दी जाती है.
शो के खिलाफ उठी आवाज
वाकई क्या ये शो लावारिस बच्चियों को मां-बाप का साया दिलाने की नेक कोशिश है? बे-औलाद जोड़ों की गोद भरने की एक अच्छी पहल? या फिर बेसहारा बच्चियों को ईनाम के तौर पर बांट कर बस टीआरपी बटोरने के खेल? पाकिस्तानी टीवी शो के इस नए हथकंडे ने रातों-रात इस शो को मशहूर तो जरूर कर दिया है, लेकिन जितनी बातें इस शो के हक में हो रही हैं उससे कहीं ज्यादा बातें शो के खिलाफ भी हो रही हैं.
बच्चियों को गोद देने के इस तरह के तरीके पर अब सवाल उठ रहे हैं. ना सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया में पूछे जा रहे हैं. दुनिया भर के अखबारों और बेवसाइट्स पर इस शो को लेकर बहस छिड़ गई है.
'इस तरह तमाशा ठीक नहीं'
इसकी शुरुआत हुई पाकिस्तान से. पाकिस्तान के एक बड़े एनजीओ ईदी फाउंडेशन के अनवर काज़मी ने इस शो पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बच्चों को इस तरह से टीवी शो में गोद देना ठीक नहीं है. अगर ये करना ही है तो इसे चुपचाप करना चाहिए, इसे तमाशा नहीं बनाना चाहिए. इस तरह लाइव शो में बच्चे और गोद लेने वाले मां-बाप की पहचान सामने लाने से आगे काफी दिक्कत होगी. ना सिर्फ मां-बाप बल्कि बच्चे को भी समाज के ताने सहन करने पड़ेंगे, जो बिल्कुल ठीक नहीं है.
इस शो का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि किसी भी देश में बच्चे को गोद दिए जाने से पहले मां-बाप की अच्छी तरह से जांच पड़ताल की जाती है. ये जांच अनाथ आश्रम से शुरू होकर पुलिस तक पहुंचती है. जांच में पता लगाया जाता है कि जोड़ा बच्चे को मां-पिता की जिम्मेदारी संभाल पाएगा या नहीं. लेकिन सवाल है कि चैनल में माता-पिता किस बिनाह पर चुने गए हैं?
हम नेक काम कर रहे हैं: शो होस्ट
तमाम विरोध के बाद भी अमान रमजान शो के एंकर डॉक्टर लियाकत हुसैन को ये सब ठीक लगता है. उनका कहना है कि ये सब टीआरपी बटोरने के लिए नहीं किया गया है, बल्कि इसके पीछे नेक मकसद है. उन्होंने कहा, 'हमारा शो रेटिंग के मामले में पहले से ही नंबर वन है. ये बच्चे न तो कूड़ा हैं और न ही बेकार की चीजें हैं इसलिए हमने इन्हें कूड़ेदान से उठाकर एक जरूरतमंद दंपति के हवाले किया है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हम पाकिस्तान में लोगों को अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.'
विरोध के पीछे एक वजह पाकिस्तान का कानून
इस शो के विरोध के पीछे एक वजह पाकिस्तान का कानून भी है. यहां कानून इस तरह से बच्चों को गोद लेने की इजाजत नहीं देता है. लिहाज़ा ऐसे में जोड़े को बच्चियों के कानूनी अभिभावक बनने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ सकता है. भले ही दंपत्ति ने बच्ची को ले लिया है, लेकिन इन दोनों को लंबी लड़ाई जारी रखनी पड़ सकती है. कानूनी तौर पर इज़ाजत के बाद ही ये दोनों इस बच्ची के मां-बाप माने जाएंगे.