पंजाब के पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बीच गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह शक के घेरे में हैं. एनआईए की टीम मंगलवार से ही उनसे पूछताछ कर ही है. किडनैपिंग के बाद एसपी, उनके दोस्त और कुक के विरोधाभासी बयान, शक की असली वजह बताई जा रही हैं. इसी सिलसिले में बुधवार को उन्हें उस मजार पर ले जाया गया, जहां हमले से पहले वे लोग जाने का दावा कर रहे थे.
पठानकोट के एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों ने हमले से गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह, उनके दोस्त राजेश वर्मा और कुक मदनगोपाल को गाड़ी सहित अगवा कर लिया था. अपनी रिहाई के बाद इन तीनों ने किडनैपिंग की जो कहानी बताई है, उसके बाद वो खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं. एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने कहा कि सलविंदर का पल-पल बदलता बयान, शक के घेरे में ले जाता है.
...तो इसलिए शक के घेरे में हैं एसपी
- एसपी सलविंदर सिंह ने आतंकियों की संख्या चार-पांच, जबकि उनके दोस्त ने चार बताया था.
- एक टैक्सी ड्राइवर की हत्या करने वाले आतंकियों ने एसपी और उनके साथियों को बिना गंभीर नुकसान पहुंचाए कैसे छोड़ दिया.
- पठानकोट जैसी संवेदनशील जगह में बिना हथियार और पुलिस टीम लिए एसपी क्यों निकले.
एसपी ने कहा- पीड़ित हूं, संदिग्ध नहीं
एसपी सलविंदर सिंह ने बताया था वह खुद पीड़ित है, संदिग्ध नहीं. उनको गंभीर चोटें लगी हैं. वह किसी तरह मौत के मुंह से वापस आए हैं. पठान कोट के कोलिआं मोड़ पर उन लोगों ने गाड़ी रोकी थी. गाड़ी उनका दोस्त राजेश वर्मा चला रहा था. उसी समय अचानक आतंकी उनकी गाड़ी में घुस गए. उन्होंने अंदर की लाइट बंद करने के लिए कहा. उन्हें पीछे धकेल दिया. उनके हाथ सीट के पीछे बांध दिए. उन सभी को गन प्वाइंट पर ले रखा था.
दरगाह से लौटते वक्त हुआ था हादसा
उन्होंने बताया था कि आतंकियों के ये नहीं पता चला था कि वे पुलिस अफसर की गाड़ी में हैं. अगवा किए जाने के करीब 30-40 मिनट बाद पंजाब पुलिस की चेक पोस्ट पार करते ही आतंकियों ने सबसे पहले उनको गाड़ी से गिरा दिया. उस समय वह बेहोश थे. होश में आने के बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को आतंकियों की जानकारी दी, लेकिन पुलिस उनकी जानकारी पर यकीन नहीं हुआ. वह दरगाह पर मत्था टेकने के बाद वापस आ रहे थे.