कानपुर रेल हादसे और घोड़ासहन रेलवे स्टेशन पर बम लगाने में शामिल तीन संदिग्ध आतंकियों को पटना की विशेष एनआईए कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया है. पेशी के बाद मनोज कुमार सिन्हा की स्पेशल कोर्ट ने यह फरमान सुनाया.
गौरतलब है कि तीनों संदिग्ध आतंकवादी मोतीलाल पासवान, मुकेश यादव और उमाशंकर पटेल ने पिछले साल एक अक्टूबर को ट्रेन उड़ाने के इरादे से घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के पटरी पर बम लगाया था, लेकिन समय रहते पुलिस ने इस बम को बरामद कर निष्क्रिय कर दिया था.
इसी मामले में पुलिस ने इन तीनों संदिग्धों को इसी साल जनवरी के महीने में गिरफ्तार किया था. चौकाने वाली बातें तब सामने आईं, जब जांच के दौरान तीनों संदिग्धों ने इस बात की ओर इशारा किया की कानपुर के पास पुखरायां में 20 नवंबर को इंदौर पटना एक्सप्रेस रेल हादसे में इन तीनों का हाथ था.
कानपुर रेल हादसे में 150 लोगों की मौत हो गई थी. इन तीनों संदिग्धों ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि 28 दिसंबर को सियालदह अजमेर एक्सप्रेस रेल हादसे में भी इनका हाथ था. नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के अधिकारी उमाशंकर पटेल नाम के संदिग्ध आतंकवादी की जांच कर रहे हैं.
बताया जाता है कि पटेल के संबंध पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट शम्सुल हुदा से हैं. हुदा एक नेपाली नागरिक है जो अब दुबई में रहता है. सूत्रों के मुताबिक हुदा ने ही भारत में रेल हादसे कराने के लिए बृज किशोर गिरी नामक नेपाली नागरिक से संपर्क साधा था और आगे चलकर गिरी ने ही इन तीनों संदिग्ध आतंकवादियों को यह काम सौंपा था.
एनआईए ने पिछले हफ्ते ही कानपुर में हुए रेल हादसे और घोड़ासहन में रेलवे ट्रैक पर बम मिलने के मामले को अपने हाथ में लिया है. अब इस मामले की जांच चल रही है. तीनों संदिग्ध आतंकवादियों को एनआईए की टीम जल्द ट्रांजिट रिमांड पर लेकर उत्तर प्रदेश ले जाएगी, ताकि कानपुर रेल हादसे की जांच में तेजी आ सके.