scorecardresearch
 

पेट्रोल पंप मालिक की सरेआम हत्या, CCTV में कैद वारदात

पेट्रोल पंप के मालिक लक्ष्मी नारायण सिंह कमरे में दाखिल होने वाले शख्स को बिलकुल नहीं जानते थे. अंदर दाखिल होते ही वो शख्स लक्ष्मी नारायण सिंह की कनपटी पर पिस्तौल तान देता है. मगर डरने के बजाए लक्ष्मी नारायण सिंह पूरी शिद्दत से उसका सामना करते हैं.

Advertisement
X
पेट्रोल पंप कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है
पेट्रोल पंप कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है

Advertisement

वो पांच थे और वो अकेला. पांचों ने उसे घेर रखा था. पांचों का इरादा भी एक ही था. किसी भी कीमत पर उसे मार डालना. वो अपने इरादे में कामयाब भी हो गए. उनमें से एक ने उसे गोली मार दी. हालांकि जब ये सब कुछ हो रहा था तो वहां और भी लोग मौजूद थे. मगर सबने अपनी आंखें मूंद रखी थीं. ऐसा लगा कोई कुछ देख ही नहीं रहा था. मगर एक चश्मदीद था जिसने अपनी आंखें नहीं मूंदी थीं. वो सबकुछ देख रहा था. पर वो भी सिर्फ देख रहा था. क्योंकि वो कुछ कर नहीं सकता था. मगर उसका बस देखना भर भी आखिर में कानून के लिए कारगर साबित हो गय़ा.

पेट्रोल पंप मालिक की गोली मारकर हत्या
मरने से पहले उसने बचने की कोशिश बहुत की. मगर जब पूरा का पूरा करीब आधा दर्जन लोग एक इंसान की जान के पीछे पड़ें हो तो किस्मत भी उसे कैसे बचाए. कहानी पेट्रोल पंप के हद में बने कमरे में शुरू हुई और इसी में खत्म भी हो गई. रात के वक़्त पेट्रोल पंप में गिने-चुने कर्मचारी थे. मगर छह-छह कैमरे पेट्रोल पंप के हर चप्पे को रिकार्ड कर रहे थे. बेगूसराय के हरदिया इलाके में सूर्य शिवम पेट्रोल पंप के इस दफ्तर में पंप का मुंशी उमेश दिन भर के हिसाब किताब में मशगूल था. क्योंकि कुछ ही देर में पंप के मालिक लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ छोटू जी आने वाले थे. मगर इस दिन उमेश की बेचैनी कुछ ज़्यादा ही झलक रही थी. पिछले 18 सालों में उमेश ऐसा कभी नहीं दिखा था. जैसा आज दिख रहा था. वो कभी बाहर जा रहा था. कभी अंदर आ रहा था.

Advertisement

मुंशी की भूमिका संदिग्ध
तभी लक्ष्मी नारायण सिंह कमरे में दाखिल होते हैं और दिन भर के हिसाब किताब को जांचने लग जाते हैं. उमेश वहीं खड़ा रहता है. फोन आता है और लक्ष्मी नारायण सिंह बात करने में मशगूल हो जाते हैं. थोड़ी ही देर में उमेश कमरे से बाहर निकल जाता है और कमरे से उसके निकलने के ठीक पांच मिनट बाद ही एक शख्स कमरे के अंदर दाखिल होता है. सिर पर कपड़ा बांधे ये कोई ऐसा शख्स था जिसे मालिक लक्ष्मी नारायण सिंह बिलकुल नहीं जानते थे. कमरे में दाखिल होते ही ये शख्स लक्ष्मी नारायण सिंह की कनपटी पर पिस्तौल तान देता है. मगर डरने के बजाए लक्ष्मी नारायण सिंह पूरी शिद्दत से उस शख्स का सामना करते हैं. एक बार को तो वो बिना डरे उसे ढकेलते हुए कमरे से ही बाहर निकाल देते हैं.

बदमाश ने सीने में मारी गोली
लिहाज़ा मामला बिगड़ते देख ये शख्स उनके सीने में गोली मार देता है. लक्ष्मी नारायण सिंह की टी-शर्ट खून से लाल हो जाती है, मगर उन्होंने हार नहीं मानी और वापस कमरे में घुसकर काउंटर से पैसे निकाल रहे हमलावर का सामना करने लगते हैं. यहां तक कि वो उसे ज़मीन पर पटक देते हैं. मगर इस खींचतान में उनका काफी खून बह चुका था और वो इसी हालत में औंधे मुंह ज़मीन पर गिर पड़ते हैं. महज़ 30 सेकेंड में लक्ष्मी नारायण सिंह ज़मीन पर एड़ियां रगड़ रहे थे और हत्यारा खून कर के फरार हो चुका था. तड़प-तड़पकर पेट्रोल पंप के मालिक ने दम तोड़ दिया. मगर उनके पंप का कोई कर्मचारी उन्हें बचाने नहीं आया बल्कि एक कर्मचारी कमरे की चौखट पर आकर उसी हालत में लक्ष्मी नारायण सिंह की फोटो खींचकर चला जाता है.

Advertisement

कर्मचारी मदद के बजाय खींच रहे थे फोटो
इस बात की हैरानी होने के बजाए कि बदमाश बड़े बेखौफ होकर पेट्रोल पंप में मालिक की हत्या कर के चले गए. कर्मचारियों उल्टा मालिक की लाश की फोटो खींचने में लगे हुए थे. लेकिन ये तो सिर्फ एक कैमरे की तस्वीरें थीं जिसने इस सनसनीखेज़ वारदात को रिकार्ड किया. पंप पर लगे बाकी कैमरे भी हत्यारों और उनके साथियों की हरकतों को रिकॉर्ड कर रहे थे. पंप में लगे अलग-अलग कैमरे अपने-अपने एंगल से हत्या के वक़्त बाहर की हरकतों को रिकॉर्ड कर रहे थे. कत्ल से पहले पंप में बने ऑफिस से निकलकर मुंशी उमेश बाथरूम जाता है मगर न तो वो बाथरूम की लाइट जलाता है और न ही उसके दरवाज़े को बंद करता है. तभी दो अपराधी मोटर साइकिल पर सवार होकर पंप पर पहुंचते हैं. ठीक 30 सेकेंड बाद शूटर भी इसी कैमरे में दिखाई देता है.

बदमाश ने किया था इशारा
वो इन बदमाशों की तरफ देखता है और मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे बदमाश उसे हाथ उठाकर इशारा करते हैं. जिस वक़्त हत्यारा ऑफिस के अंदर लक्ष्मी नारायण सिंह का कत्ल कर रहा था, ठीक उसी वक़्त उनका कर्मचारी अजीबो-गरीब तरीके वहां लगे एक बैनर को बेवजह ठीक करते हुए नज़र आया. बकौल पुलिस इसी ने हत्या के बाद लक्ष्मी नारायण सिंह की तस्वीर ली थी. इस पूरी वारदात में पंप के कर्मचारियों की हरकतें शको-शुब्हा करने वाली थी. पेट्रोल पंप के मालिक की हत्या हो जाती है मगर आरोपियों को पकड़ने या मालिक को बचाने के बजाए फोटो खींचते नज़र आ रहे थे. बेखौफ बदमाश सड़क किनारे पेट्रोल पंप के मालिक को मारकर चले जाते हैं और उसके अपने ही कर्मचारी उसे बचाने के बजाए उसके मरने के बाद मोबाइल में उसकी तस्वीरें लेते हुए सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड होते हैं.

Advertisement

क्या ये थी सोची-समझी साजिश?
साफ़ है इस मामले में कुछ तो ऐसा है जिसपर पर्दा है. वरना ये कैसे मुमकिन है कि गुंडे इतनी बड़ी वारदात को इतनी आसानी से अंजाम दे कर निकल जाएं और कोई उन्हें रोकने बीच में ही ना आए. बेगूसराय के हरदिया इलाके में सूर्य शिवम पेट्रोल पंप पर जिस तरह पंप के मालिक लक्ष्मी नारायण सिंह की हत्या की गई वो कई सवाल खड़े कर रहा है. लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ छोटू भैय्या के घरवालों का शक़ है कि हत्या की ये वारदात एक सोची समझी साज़िश है. क्योंकि जिस तरह बेखौफ होकर हत्यारे पंप में दाखिल हुए और जिस तरह मौके पर मौजूद पंप के कर्मचारियों की हरकतें कैमरे में दर्ज हुईं, वो उन्हें शक़ के दायरे में लाती हैं. कैमरे में रिकार्ड उस रात की वारदात में हत्या के वक़्त दो बाइक पर सवार होकर पांच लुटेरे आए थे.

सात लोगों को किया गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है. लेकिन बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है. घरवाले इसे लूट का मामला मानने से इनकार कर रहे हैं. हालांकि पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने के अलावा वारदात में इस्तेमाल किए गए हथियार और मोटर साइकिल बरामद कर ली है. पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ भी कर रही है. हालांकि पुलिस की दलील पर घरवालों को यकीन नहीं. परिवार को शक़ है कि पुलिस मुख्य आरोपियों को छोड़कर सिर्फ उन लोगों को ही गिरफ्तार कर मामले को खत्म कर देना चाहती है. जो कैमरे में दिखाई दे रहे थे. पुलिस ने जिस आरोपी राजा को पकड़ा है, वो पहले भी ऐसी कई घटनाओं में शामिल रहा है. सिर्फ बेगूसराय जिले में ऐसी कई वारदातें पेट्रोल पंप पर हो चुकी हैं.

Advertisement

CCTV में कैद हुई पूरी वारदात
पुलिस भले इस मामले को लूट के एंगल से देख रही हो मगर सीसीटीवी में जो तस्वीरें दर्ज हुईं है, उसके मुताबिक हत्या करने वालों की पैसा उठाने में उतनी दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही थी. पुलिस ने आरोपियों के अलावा पंप के कर्मचारी बमबम और उमेश को हिरासत में लिया था. मगर पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया. सीसीटीवी में कैद तस्वीरों में उनकी भूमिका काफी संदिग्ध नज़र आ रही है. बदमाशों की गोली का शिकार हुए पेट्रोल पंप मालिक लक्ष्मी नारायण अपने भाइयों में तीसरे थे, जिनकी मौत हो चुकी है. इससे पहले उनके दो भाई एक्सीडेंट में मारे गए, जिनमें से एक की ट्रेन से गिरकर मौत हुई. बेगूसराय में लगातार अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. लूट और हत्या जैसी वारदातें अब यहां आम होने लगी हैं.

Advertisement
Advertisement