आसाराम के बेटे नारायण साईं ने अपने इर्द-गिर्द नामकरण का एक ऐसा चक्रव्यूह बना रखा था, जिसमें फंस कर ना जाने कितनी ही लड़कियां गुमनाम हो गईं. नारायण साईं की राजदार गंगा ने पुलिस को बताया है कि साईं अपने आश्रम की हर उस लड़की का नाम बदल देता था, जिसके ऊपर वह बुरी नीयत रखता था. यहां तक कि गंगा और उसकी बहन जमुना का नाम भी उसी ने रखा था. गंगा की मानें तो जमुना से तो नारायण साईं का एक बेटा भी है.
आसाराम बापू को जैसे ही पुलिस ने पकड़ा, उनकी खास सेवादार और राजदार शिल्पी अचानक भाग खड़ी हुई. फिर जब भागते-भागते थक गई तो कोर्ट पहुंच कर खुद को कानून के हवाले कर दिया. आपको याद होगा शिल्पी सामने आई तो बाबा के कई किस्से सामने आए. अब बेटे नारायण साईं की शिल्पी यानी गंगा हाथ आई है तो जाहिर है साईं के भी कई नए फसाने जल्दी ही सामने होंगे.
आखिर गंगा कोई मामूली सेवादार नहीं है. साईं की हर बेशर्म हरकतों की गवाह है. बस देर है तो गंगा के मुंह खोलने की. सूरत के पुलिस कमिश्नर साहब राकेश अस्थाना का कहना है कि गंगा की बहन जमुना से नारायण साईं का एक बेटा है. पुलिस को ये जानकारी गंगा से मिली है. हालांकि पुलिस इस जानकारी को अभी पुख्ता कर रही है.
आपको बता दें कि नारायण साईं पहले से शादीशुदा है और उसकी पत्नी जानकी इंदौर में रहती है. हालांकि साईं की शामत आते ही वो भी तभी से रहस्यमयी तरीके से गायब है. गंगा ने बताया है कि आश्रम में यौन शोषण का खेल खेलने के लिए ही नारायण साईं अपने पिता आसाराम की तरह वहां आनेवाली हर लड़की का नाम बदल दिया करता था और तो और नारायण साईं ने खुद अपनी पत्नी शिल्पी का नाम बदल कर भी जानकी रख दिया था. इसी तरह खुद गंगा और उसकी बहन जमुना का असली नाम भी गंगा और जमुना नहीं है. गंगा का असली नाम धर्मिष्ठा है, जबकि जमुना का असली नाम भावना पटेल है पर आश्रम आने के बाद दोनों बहनों का नाम गंगा और जमुना नारायण साईं ने खुद रखे थे. इसके पीछे मकसद लोगों को उलझाने का था, ताकि किसी लड़की के विरोध करने या पोल खुलने पर नाम के सवाल पर ही लोगों को उलझा दिया जाए.
पुलिस की मानें तो धर्मिष्ठा उर्फ गंगा के साथ मिलकर जमुना भी लड़कियों को फांस कर नारयाण साईं के पास पेश करने में हमेशा शामिल रही और यही वजह है कि अब जमुना को भी उसी उतनी ही तेजी से तलाश रही है, जिस तेजी से वो नारायण साईं को ढूंढ़ रही है. कानून की आंखों में धूल झोंक रहे नारायण साईं पर शिकंजा कसने के लिए सूरत पुलिस ने उसे भगोड़ा करार का दिया है. सूरत पुलिस ने इसके लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने मुहर लगा दी अब नारायण की मुसीबत और बढ़नी तय है.