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उमेश पाल हत्याकांड: अतीक के गुर्गे, हत्याकांड में इस्तेमाल कार और शूटर पर सस्पेंस... असद को लेकर क्यों खामोश है यूपी पुलिस?

नीली जींस और काली कमीज पहने उस शख्स को और करीब से देखा गया. देखना जरूरी था. वो इसलिए कि पिछले पांच दिनों से यूपी पुलिस हर एक से ऑफ द रिकॉर्ड यही कह रही है कि नीली जींस और काली कमीज पहना ये शख्स कोई और नहीं बल्कि अतीक अहमद का बेटा असद अहमद है.

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उमेश के कत्ल में एक शूटर को पुलिस ऑफ दी रिकॉर्ड असद बता रही है
उमेश के कत्ल में एक शूटर को पुलिस ऑफ दी रिकॉर्ड असद बता रही है

प्रयागराज में उमेश पाल पर गोलियों और बम से हमला करने वाले आरोपियों में क्या बाहुबली माफिया अतीक अहमद का बेटा असद भी शामिल था? सीसीटीवी कैमरे में कैद जिस शख्स को अतीक का बेटा असद बताया जा रहा है, क्या वो असद ही है या फिर कोई और? अगर वो असद है, तो पिछले पांच दिनों से यूपी पुलिस खामोश क्यों है? इन सभी सवालों के जवाब के लिए आजतक की टीम लगातार केस पर नजर बनाए हुए है. और तमाम जिम्मेदारों से इन सवालों के जवाब टटोलने के प्रयास में जुटी हुई है.   

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कौन है वो?

पहले मुख्यमंत्री और अब उनके मंत्री, मिट्टी में मिला देने से लेकर फिर से गाड़ी पलटने की बातें कर रहे हैं. अगर दोनों ही बातों का मतलब निकालें तो मिट्टी में मिलाना और गाड़ी पलटना दोनों ही मौत की तरफ इशारा करती हैं. पर सवाल ये कि किसकी मौत? यानी किसे मिट्टी में मिलाने या किसे गाड़ी में बिठा कर पलटने की बात हो रही है? उमेश पाल का कत्ल किसने किया? उसे किस वजह से मारा गया? उसे मारने वाले कौन हैं? 

नीली जींस और काली शर्ट में कौन?

तो सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज की बात करते हैं. जिसमें सफेद क्रेटा गाड़ी है. वही गाड़ी जो इस शूटआउट में इस्तेमाल की गई. गाड़ी बीच सड़क पर है. दोनों तरफ ट्रैफिक है. उसी हाल में गाड़ी को रोक कर अचानक ड्राइवर वाली सीट की तरफ से एक शख्स बाहर निकलता है. नीली जींस और काली शर्ट पहने ये शख्स गाड़ी से उतरते ही कमर से अपनी पिस्टल निकालता है और फिर दौड़ पड़ता है. 

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फायरिंग के बाद फरार हो जाता है हमलावर

अब दूसरे कैमरे से जो दूसरी तस्वीर मिली है उसकी बात करते हैं, जिसमें दिख रहा है कि हमला लगभग हो चुका है और तभी नीली जींस और काली शर्ट पहने वही शख्स हाथ में पिस्टल लिए फायरिंग करता हुआ गली में घुसता है. फिर कुछ पल बाद वो गली से बाहर भी निकल आता है और इसके साथ ही सभी हमलावर मौके से भाग जाते हैं. 

अगर असद है तो पुलिस बताती क्यों नहीं?

नीली जींस और काली कमीज पहने उस शख्स को और करीब से देखा गया. देखना जरूरी था. वो इसलिए कि पिछले पांच दिनों से यूपी पुलिस हर एक से ऑफ द रिकॉर्ड यही कह रही है कि नीली जींस और काली कमीज पहना ये शख्स कोई और नहीं बल्कि अतीक अहमद का बेटा असद अहमद है. पर क्या सचमुच असद है? और अगर ये असद ही है, तो यूपी पुलिस रिकॉर्ड पर इसका नाम क्यों नहीं ले रही है? 

अधिकारी कहते हैं- अभी कन्फर्म नहीं

आजतक की टीम प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक... छोटे पुलिस अफसर से लेकर राज्य के तमाम बड़े अफसरों तक.... यहां तक कि यूपी एसटीएफ तक, हर एक से कई-कई बार पूछ चुकी है. उनसे कैमरे पर ये कहने की बार-बार गुजारिश भी की कि उनके मुताबिक अगर ये असद ही है तो फिर कैमरे पर बोलने में क्या दिक्कत है? लेकिन हर बार हर अफसर ने इस गुजारिश को दूसरे अफसर की तरफ मोड़ दिया. यानी कुल मिलाकर यूपी पुलिस का एक भी अफसर इस हत्याकांड के पांच दिन बाद भी रिकॉर्ड पर ये कहने को तैयार नहीं कि सीसीटीवी कैमरे में जो हमलावर दिख रहा है, वो सचमुच अतीक अहमद का बेटा असद है. एक-दो पुलिस अफसर ने तो ये कहा कि लगता वैसे ही है. पर अभी ये कन्फर्म नहीं कर सकते. 

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असद से बिल्कुल अलग है CCTV में दिखने वाला शख्स 

हालांकि दूसरी तरफ अतीक अहमद और उसकी पत्नी के वकील का दावा है कि सीसीटीवी कैमरे में जिसे असद बताया जा रहा है वो दूर दूर तक असद नहीं है. कोई और है. उनका कहना है कि तस्वीर में दिख रहा शख्स और असद के हुलिए में बहुत फर्क है. 

उमेश के कत्ल में गहरी साजिश

वकील साहब तो उमेश पाल के कत्ल के मोटिव को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता ने 27 फरवरी को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को लिखे पत्र में भी यही कहा है कि उमेश पाल राजू पाल मर्डर केस में कभी गवाह ही नहीं रहा. शाइस्ता के वकील ने ये भी इल्जाम लगाया कि दरअसल, उमेश पाल के कत्ल के पीछे एक गहरी साजिश है और इस साजिश की जड़ में इसी साल होने वाला मेयर का चुनाव है. 

शाइस्ता ने सीएम को खत लिखकर बताया साजिश

यूपी में दो महीने बाद यानी अप्रैल में मेयर के चुनाव होने हैं. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता ने हाल ही में बहुजन समाजवादी पार्टी ज्वाइन की. बसपा ज्वाइन करने के बाद से ही ये चर्चा जोरों पर थी कि वो प्रयागराज से बसपा की मेयर उम्मीदवार होंगी. हालांकि उम्मीदवारी अभी घोषित नहीं की गई है. खुद शाइस्ता ने 27 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम लिखे एक खत में उमेश पाल की हत्या को मेयर के इसी चुनाव से जोड़ कर उनके खिलाफ साजिश रचने की बात कही है.

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पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल

यूपी पुलिस पर इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि सीसीटीवी कैमरे में कैद बाकी जिन शूटर्स को दिखाया गया है, उन सब की कुंडली उनके पास बरसों से है. सभी के नाम पते भी उनके पास हैं. ये भी उन्हें पता है कि ये लोग अतीक के गुर्गे और शूटर हैं. फिर इतने बरसों में यूपी पुलिस इन सबको पकड़ क्यों नहीं पाई? और अब उमेश पाल हत्याकांड के बाद अचानक इनमें से ज्यादातर पर इनाम का भी ऐलान कर दिया. 

साजिश के तहत अतीक के नाम का इस्तेमाल

अतीक अहमद और उसका भाई लंबे वक्त से जेल में है. सूत्रों के मुताबिक उसके ज्यादातर गुर्गे इधर-उधर हो चुके हैं. एक संभावना ये भी है कि किसी और ने अतीक के पुराने गुर्गों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया. क्योंकि वो जानते हैं कि उमेश पाल को अगर कुछ होता है तो नाम सीधे अतीक का आएगा. 

पुलिस की कहानी में झोल!

सोमवार को यूपी पुलिस ने जिस अरबाज का एनकाउंटर किया, उस पर ये इल्जाम था कि सफेद क्रेटा कार वही चला रहा था. हालांकि इस सीसीटीवी कैमरे से साफ दिखाई दे रहा है कि सफेद क्रेटा कार की ड्राइवर वाली सीट के दरवाजे से नीली जींस और काली शर्ट में वो शख्स नीचे उतर रहा है, जिसे ऑफ द रिकॉर्ड यूपी पुलिस असद बता रही है. हालांकि खुद यूपी पुलिस ने रिकॉर्ड पर ये कहा कि क्रेटा कार अरबाज चला रहा था. 

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CCTV में कहीं भी अरबाज क्यों नहीं?

तो अब सवाल ये है कि क्रेटा कार अगर अरबाज चला रहा था, तो फिर ये तथाकथित असद कार की ड्राइविंग सीट से बाहर कैसे निकला? जो अलग-अलग तमाम सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मिले हैं, उनमें किसी एक में भी अरबाज क्यों नहीं दिखाई दिया? 

तो क्या कार में ही था अरबाज?

वैसे इस नीली जींस और काली शर्ट वाले शख्स के कार की ड्राइविंग सीट से उतरने के कुछ ही पल बाद वो कार फिर चलने लगती है. तो यहां से मुमकिन है कि अरबाज ड्राइवर की बराबर वाली सीट पर बैठा हो और जब नीली जींस और काली शर्ट पहने ये शख्स कार की ड्राइविंग सीट से उतर गया, तो अरबाज कार के अंदर से ही अपनी सीट से उठ कर ड्राइविंग सीट पर जा बैठा हो और फिर आगे उसी ने कार चलाई हो और शायद यही वजह हो कि किसी भी कैमरे में वो कैद नहीं हो पाया. क्योंकि वो क्रेटा से बाहर कभी निकला ही नहीं. अगर वो सचमुच अरबाज ही था. 

अतीक अहमद ही मास्टरमाइंड?

उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर्स की पहचान को लेकर बेशक अब भी असमंजस के हालात हों, पुलिस खुल कर कुछ कहने से बच भी रही हो, लेकिन फिर भी यूपी पुलिस ने अपनी शुरुआती तफ्तीश में ही ये साफ कर दिया है कि उमेश पाल के कत्ल के पीछे कोई और नहीं बल्कि यूपी का बाहुबली और करीब सौ आपराधिक मामलों का मुल्जिम अतीक अहमद है. पुलिस की मानें तो अतीक ने ये साजिश गुजरात के साबरमती जेल में बैठे-बैठे रची और इस काम को पूरा करने का जिम्मा बरेली जेल में बंद अपने छोटे भाई अशरफ अहमद को सौंपा. इसके बाद अशरफ ने ही अतीक के कहे मुताबिक शूटरों की पूरी टीम तैयार की और उन्हें उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने का काम दिया.

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अरबाज के एनकाउंटर की कहानी

मामले की जांच कर रही प्रयागराज पुलिस ने जहां अब तक की जांच के बाद इस केस से जुड़े एक किरदार सदाकत को पकड़ने का दावा किया है, वहीं उसने अरबाज नाम के एक शख्स को मार गिराया है. पुलिस का दावा है कि ये अरबाज़ ही था, जो उमेश पाल की हत्या के दौरान शूटरों की क्रेटा कार चला रहा था. अरबाज ने ड्राइविंग सीट से एक शूटर के नीचे उतरने के बाद गाड़ी आगे बढ़ा कर यू टर्न ली थी और फिर हमले के बाद शूटरों को गाड़ी में बिठा कर फरार हो गया था. प्रयागराज के धूमनगंज में जब उसके ठिकाने की पुलिस को खबर मिली, तो पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची, लेकिन उसने पुलिस पर गोली चलाई और जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया.

सदाकत खान की गिरफ्तारी

पुलिस की मानें तो उसने इस केस में सदाकत नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है. सदाकत ने ही यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हॉस्टल में बाकी शूटरों के साथ इस वारदात को अंजाम देने को लेकर कई मीटिंग्स की. इस वारदात को अंजाम देने के बाद सदाकत प्रयागराज से भाग गया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. 

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गुलाम और गुड्डू की पहचान

पुलिस ने दावा किया है कि साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद ने सात में दो शूटरों को भी भेजा था. पुलिस ने इस शूटआउट में शामिल कुछ और लोगों की पहचान मोहम्मद गुलाम और गुड्डू मुस्लिम के तौर पर की है. गुलाम के बारे में पुलिस सूत्रों का कहना है कि वो उमेश पाल के घर के बगल में मौजूद एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर खड़े होकर ट्रिमर खरीदने का नाटक कर रहा था और जैसे ही उमेश पाल वहां पहुंचा, उसने दुकान से बाहर आकर फायरिंग शुरू कर दी. गुलाम को प्रयागराज के रसूलाबाद का रहनेवाला बताया गया है और पुलिस फिलहाल उसकी बीवी और भाई से पूछताछ कर रही है. 

गुड्डू ने ही फेंका था बम 

पुलिस सूत्रों की मानें तो मौका-ए-वारदात पर लगातार बम फेंकनेवाला शख्स गुड्डू मुस्लिम है. जो अतीक से पहले मुख्तार अंसारी, अभय सिंह समेत कई गैंगस्टरों से जुड़ा रहा है. पुलिस की मानें तो ये सारे लोग अतीक के पुराने गुर्गे हैं और तो और राजू पाल मर्डर केस में भी गुड्डू आरोपी रहा है. हालांकि अजीब बात ये है कि क्रेटा कार की ड्राइविंग सीट से उतरने वाले शूटर को पुलिस ऑफ द रिकॉर्ड अतीक अहमद का बेटा असद बता रही है, लेकिन ऑन द रिकॉर्ड वो इस शूटर की पहचान बताने से बच रही है.

 

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