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जानलेवा हमला और खौफनाक साजिश... इन चार गलतियों की सजा भुगत रहे हैं सुखबीर सिंह बादल

सुखबीर सिंह बादल और उनकी कैबिनेट पर सबसे बड़ा इल्ज़ाम तो क़त्ल और बलात्कार के दोषी सिखी की बेकद्री के आरोपी बाबा राम रहीम की मदद करने का ही है. इल्जाम है कि बादल ने अपनी सरकार के रहते हुए उसे माफी दिलवाने में मदद की.

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हमले के बाद सुखबीर सिंह बादल फिर सेवा करते नजर आए
हमले के बाद सुखबीर सिंह बादल फिर सेवा करते नजर आए

पंजाब के अमृतसर में धार्मिक सजा भुगतने के दौरान अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोली चल गई, जिसमें वो बाल-बाल बच गए. लेकिन बहुत से लोगों के मन में सवाल है कि आखिर उन्हें धार्मिक सज़ा क्यों दी गई? उनको सजा दिए जाने की वजह क्या थी? तो आइए इसकी पूरी कहानी को समझने की कोशिश करते हैं.

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इल्ज़ाम नंबर-1- राम रहीम को माफी
दो-दो रेप और मर्डर के मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की नकल करने की कोशिश की थी. इस मामले में राम रहीम के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. लेकिन उस वक्त की बादल सरकार ने राम रहीम को माफी दे दी थी. 

सुखबीर सिंह बादल और उनकी कैबिनेट पर सबसे बड़ा इल्ज़ाम तो क़त्ल और बलात्कार के दोषी सिखी की बेकद्री के आरोपी बाबा राम रहीम की मदद करने का ही है. इल्जाम है कि बादल ने अपनी सरकार के रहते हुए उसे माफी दिलवाने में मदद की. बादल ने राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. जबकि राम रहीम पर सिखों के दसवें गुरु श्री गुरुगोबिंद सिंह जी की तरह वेषभूषा बनाने समेत दूसरी हरकतों से सिखी के अपमान का संगीन इल्जाम है.

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इल्ज़ाम नंबर-2- बेअदबी के मामले में नहीं की कार्रवाई
सुखबीर सिंह बादल पर इल्जाम है कि उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में भी कार्रवाई नहीं की. बादल सरकार के कार्यकाल में 1 जून 2015 को फरीदकोट के गुरुद्वारा साहिब से कुछ लोगों ने गुरुग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई और उसके कुछ हिस्से बाहर फेंक दिए थे.

इल्ज़ाम नंबर-3- संगत के पैसों से सियासी इश्तेहार
आरोप है कि सुखबीर सिंह बादल ने कथित तौर पर संगत के पैसे से ही सियासी विज्ञापन दिलवा दिया और ये विज्ञापन राम रहीम को माफी दिए जाने के बाद पब्लिश किया गया था.

इल्ज़ाम नंबर-4- सिखों को नहीं दिलाया इंसाफ
इतना ही नहीं बादल के खिलाफ ये इल्जाम तय किए गए थे कि वो झूठे केसेज में मारे गए सिखों को भी इंसाफ नहीं दिला सके. क्योंकि आईपीएस अधिकारी सुमेद सिंह सैनी पर बेगुनाह सिख युवकों को एनकाउंटर के नाम पर मारने का इल्जाम था. लेकिन तब की बादल सरकार ने उन्हें पंजाब का पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी बना दिया था. 

इल्जामों की लंबी फेहरिस्त
बात यहीं खत्म नहीं होती. इसके अलावा बादल समेत कई अकाली नेताओं पर कई ऐसे इल्जाम थे, जिनकी वजह से अकाल तख्त ने उन्हें 'तनखईया' घोषित करते हुए सजा सुनाई. कुल मिलाकर, सुखबीर बादल पर सिखों के इल्जामों की फेहरिस्त काफी लंबी है और इन्हीं इल्ज़ामों के चलते बादल अकाल तख्त साहिब से माफी लेकर इन दिनों सज़ा भुगतने में लगे हुए हैं. 

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बादल के साथ दूसरे नेता भी भुगत रहे सजा
वैसे सुखबीर सिंह बादल ये सजा पाने वाले अकेले नहीं है. उनकी कैबिनेट में रहे कई दूसरे नेता मसलन सुखदेव सिंह ढींढसा, सुच्चा सिंह लंगाह, गुलजार सिंह, दलजीत सिंह चीमा, बलविंदर सिंह भूंदड़ और हीरा सिंह गाबरिया को भी अकाल तख्त साहिब ने सजा सुनाई है और ये सभी नेता भी सज़ा भुगतने में लगे हैं.

पहले भी नेताओं को मिल चुकी है ये धार्मिक सजा
आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री रह चुके बूटा सिंह, राष्ट्रपति रहे ज्ञानी जैल सिंह और संता सिंह समेत कई और बड़े और नामचीन लोगों को अकाल तख्त की ओर से ऐसी ही धार्मिक सज़ा सुनाई जा चुकी है. प्रकाश सिंह बादल भी साल 2018 में हरमंदिर साहिब पहुंच कर जूते और बर्तन साफ करने की सेवा दे चुके हैं.

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