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Moosewala Murder: 1 कत्ल, 6 शूटर और 600 पुलिसवाले, 58 दिनों में पुलिस को ऐसे मिली बड़ी कामयाबी

29 मई को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की वारदात के साथ इस मामले की जो महा-तफ्तीश शुरू हुई थी, पूरे 58 दिन बाद वो एक मुकाम तक पहुंच गई. इस हत्याकांड के सबसे शातिर शूटर दीपक मुंडी के गिरफ्तार होने की ख़बर आ रही है.

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मनोज मुंडी के पकड़े जाने की खबर आ रही है
मनोज मुंडी के पकड़े जाने की खबर आ रही है

सिद्धू मूसेवाला की हत्या में 6 शूटर शामिल थे. जिनमें से तीन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि 2 को पिछले हफ्ते ही पुलिस ने अटारी में एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया. अब बाकि बचा छठा और आखरी शूटर दीपक मुंडी. हाल ही में उसके पकड़े जाने की खबरें भी आ रही है. इस तरह से पुलिस ने 58 दिनों के अंदर इस कत्ल से जुड़े सभी कातिलों को अंजाम तक पहुंचा दिया है. 

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पुलिस का ऑपरेशन पूरा!
29 मई को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की वारदात के साथ इस मामले की जो महा-तफ्तीश शुरू हुई थी, पूरे 58 दिन बाद वो एक मुकाम तक पहुंच गई. इस हत्याकांड के सबसे शातिर शूटर दीपक मुंडी के गिरफ्तार होने की ख़बर आ रही है. ऐसी खबर है कि पंजाब पुलिस ने ऑटारी बॉर्डर के पास से दीपक मुंडी को पकड़ा है. मतलब ये सिद्धू मूसेवाला पर गोलियां बरसानेवाले जो 6 कातिल अब तक अलग-अलग राज्यों में भागते फिर रहे थे, वो सब के सब आखिरकार या तो गिरफ्तार कर लिए गए या फिर मौत की नींद सुला दिए गए. 

4 शूटर हरियाणा और 2 शूटर पंजाब से
क़त्ल की इस वारदात को गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बरा़ड के इशारे पर 6 शूटरों ने अंजाम दिया था, जो दो मॉड्यूल में बंट कर घात करने पहुंचे थे. पहला मॉड्यूल हरियाणा का था, जिसमें चार शूटर थे, जबकि दूसरा पंजाब का था, जिसमें दो शूटर शामिल थे. अब इन दोनों ही मॉड्यूल के छह शूटरों तक पुलिस पहुंच चुकी है. हरियाणा मॉड्यूल के चारों शूटर जहां पुलिस की गिरफ्त में हैं, वहीं पंजाब मॉडयूल के दो शूटर मारे जा चुके हैं. 

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AGTF और STF का संयुक्त अभियान
अब दावा है कि इस कड़ी में सबसे ताज़ी गिरफ्तारी है हरियाणा मॉड्यूल के शार्प शूटर दीपक मुंडी की, जिसे भारत और पाकिस्तान बॉर्डर के पास अटारी के पास से गिरफ्तार किया गया है. दीपक मुंडी वारदात के बाद से लगातार पुलिस को छका रहा था. सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स यानी एजीटीएफ और स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ को दीपक मुंडी के अटारी बॉर्डर के पास छिपे होने की जानकारी मिली थी, इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर मुंडी को गिरफ्तार कर लिया. 

हरियाणा मॉड्यूल को लीड कर रहा था फौजी
मुंडी शूटरों के हरियाणा मॉड्यूल का हिस्सा था, जिसे प्रियव्रत फौजी लीड कर रहा था. 29 मई को मूसेवाला पर गोलियां बरसाने के बाद हरियाणा मॉड्यूल के सभी चार शूटर एक साथ भागे थे. इनमें प्रियव्रत, अंकित सिरसा, कुलदीप और कशिश और दीपक मुंडी शामिल था. चारों पंजाब से भाग कर हरियाणा होते हुए गुजरात पहुंचे थे और वहीं फरारी काट रहे थे. लेकिन कुछ दिन गुज़रने के बाद प्रियव्रत फ़ौजी का हौसला बढ़ गया और उसने अपने चेहरे से मास्क हटा कर घूमना शुरू कर दिया. 

मास्क हटाकर घूम रहा था प्रियव्रत
हालंकि उसके साथ रहनेवाले बाक़ी शूटरों को उसकी ये बात अच्छी नहीं लग रही थी, क्योंकि उन्हें पकड़े जाने का डर सता रहा था. हालांकि प्रियव्रत ने अपनी दाढी मूंछें छोटी कर तब तक अपना हुलिया भी काफी हद तक बदल लिया था, लेकिन मास्क नहीं होने की वजह से गिरफ्तारी का खतरा लगातार बना हुआ था. ऐसे में गुजरात में अंकित सिरसा और दीपक मुंडी ने प्रियव्रत और कशिश का साथ छोड़ दिया था. 

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पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था मुंडी
प्रियव्रत और कशिश को जहां उनके एक और साथी के साथ दिल्ली पुलिस ने गुजरात के ही मुंद्रा पोर्ट के पास से गिरफ्तार कर लिया, वहीं प्रियव्रत से अलग होकर अंकित सिरसा और दीपक मुंडी अब तक पुलिस को लगातार धोखा दे रहे थे. चूहे बिल्ली के इस खेल में एक मुकाम वो भी आया, जब दीपक मुंडी एक से ज़्यादा बार पुलिस की पकड़ में आते-आते बचा. 

चकमा नंबर -1
19 जून 2022 को पहली बार तो दीपक मुंडी पुलिस के हाथ से तभी फिसल गया, जब गुजरात के मुंद्रा में उसने प्रियव्रत का साथ छोड़ दिया था. उसके पीछे मुड़ते ही पुलिस ने वहां दबिश दी और उसके साथी शूटर गिरफ्तार कर लिए गए.

चकमा नंबर -2
4 जुलाई 2022 को दूसरी बार वो दिल्ली के कश्मीरी गेट बस स्टॉप के पास से निकल भागा, जब दिल्ली पुलिस ने उसके साथी अंकित सिरसा को गिरफ्तार किया था. अंकित की गिरफ्तारी के कुछ देर पहले तक दीपक उसी के साथ था, लेकिन उसे जाने कौन सा खटका हुआ कि वो कश्मीरी गेट से उस रोज अकेला ही फरार हो गया था.

दबिश से ठीक पहले फरार हुआ था दीपक
अपनी गिरफ्तारी के बाद अंकित सिरसा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसका साथी दीपक मुंडी एक दिन पहले तक उसके साथ था, लेकिन ऐन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की छापेमारी से पहले वो अंकित का साथ छोड़ कर फरार हो गया. अब इससे पुलिस से भागते-भागते दीपक मुंडी के थक जाने की बात कहें या फिर उसके दो साथी शूटरों मनदीप मन्नू और जगरूप रूपा के एनकाउंटर में मारे जाने का असर. पिछले कुछ दिनों से दीपक मुंडी को लेकर पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स को लीड मिलने लगी थी. पुलिस टेक्नीकल सर्विलांस के ज़रिए भी लगातार उसे टैक करने में लगी थी. 

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ऑपरेशन मुंडी
इसी कोशिश में मंगलवार को पुलिस को उसकी लोकेशन उसी इलाके में नज़र आई, जिस इलाके में पिछले 20 जुलाई को हुए एनकाउंटर में मनदीप मन्नू और जगरूप रूपा मारे गए थे. सूत्रों की मानें तो आखिर पुलिस ने दीपक मुंडी को अटारी से गिरफ्तार कर लिया. मूसेवाला मर्डर के पांच शूटरों को अंजाम तक पहुंचाने के बाद दीपक मुंडी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बना था और पुलिस ने सिर्फ़ उसकी गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन मुंडी की शुरुआत की.

इस कड़ी में जहां दीपक मुंडी साथी गैंगस्टरों से पूछताछ कर पुलिस लगातार उसके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही थी, वहीं अपने मुखबिरों को भी उसके पीछे लगा दिया था और आखिरकार अब उसके पकड़े जाने की ख़बर आ रही है.

 

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