पंजाब में आतंकवादियों से लोहा लेने वाले शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंदर सिंह संधु की हत्या ने पूरे देश को दहला के रख दिया था. बीती 16 अक्टूबर को तरनतारन में हुए इस कत्ल की वारदात ने लोगों को खौफजदा कर दिया था. इसकी दो वजहें थीं. जिस तरह से कातिलों ने घर में घुस कर सुबह-सवेरे वहां रहने वाले बलविंदर का कत्ल किया, वैसा कम ही देखने को मिलता है. और दूसरा ये कि मृतक की इन दिनों किसी से कोई खास दुश्मनी नहीं थी.
मगर बलविंदर सिंह संधु की एक खास पहचान ये थी कि आतंकवाद के जमाने में उन्होंने खालिस्तानी आतंकियों से जमकर लोहा लिया था और बदले में सरकार ने उन्हें शौर्य चक्र देकर सम्मानित भी किया था. ऐसे में कत्ल के दिन से ही सवाल ये था कि कहीं इस कत्ल के पीछे आतंकवादियों का हाथ तो नहीं. अब आइए, पंजाब के तरनतारन के बाद सीधे देश की राजधानी दिल्ली की बात करते हैं.
दिल्ली का शकरपुर इलाका. सोमवार का दिन और तारीख 7 दिसंबर. सुबह के 6 बजे थे. तभी वहां कुछ आतंकियों के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की मुठभेड़ हो गई. दोनों ओर से जबरदस्त फायरिंग हुई. इसके बाद पुलिस ने वहां से एक साथ पांच बदमाशों को धरदबोचा है. इन पांच में से तीन तो आईएसआई से जुड़े हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी हैं, जबकि दो पंजाब के गैंगस्टर बताए जाते हैं.
यहां तक तो सबकुछ ठीक है, लेकिन जैसे ही दिल्ली पुलिस ने इन तीन आतंकियों के साथ पंजाब के दो गैंगस्टरों की पहचान उजागर की, तो मामले की सुई सीधे तरनतारन में हुए शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह के कत्ल की तरफ घूम गई. जी हां, वही बलविंदर सिंह, जिसे 16 अक्टूबर को उनके घर में घुस कर बदमाशों ने गोलियों ने भून डाला था.
असल में तीन आतंकियों के साथ दिल्ली पुलिस ने वहां से जिन दो गैंगस्टरों को धरदबोचा है, उनमें एक का नाम गुरजीत सिंह बाह है जबकि दूसरे का नाम सुखजीत सिंह भूरा. यही वो दो शूटर हैं, कत्ल के बाद जिनकी तलाश में तरनतारन की पुलिस सूबे का चप्पा-चप्पा छान रही थी. यानी बलविंदर सिंह के कत्ल के दो मुख्य आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में थे.
लेकिन इस एनकाउंटर और गिरफ्तारी की सबसे खास बात ये थी कि पंजाब के ये गैंगस्टर दिल्ली में कोई अकेले अपनी फरारी काटते हुए गिरफ्तार नहीं हुए, बल्कि वो तो आईएसआई की पनाह में पलने वाले आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ दिल्ली में किसी साजिश को अंजाम देने पहुंचे थे, लेकिन इससे पहले कि वो अपने इरादे पर अमल कर पाते पुलिस ने उन्हें धरदबोचा.
अब सवाल ये है कि आखिर पंजाब के गैंगस्टरों के साथ हिज्बुल मुजाहिदीन का क्या कनेक्शन है? क्या शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह के कत्ल में आतंकवादियों का हाथ है? आखिर क्यों और किसके इशारे पर बलविंदर सिंह का कत्ल किया गया? आखिर क्या है हिज्बुल के साथ पंजाबी गैंगस्टरों के कनेक्शन के मायने? कहीं ये आईएसआई और खालिस्तान समर्थकों का गठजोड़ तो नहीं?
तो जब दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार आतंकियों और गैंगस्टरों से इन सवालों को लेकर पूछताछ की, तो जो खुलासा हुआ. वो वाकई चौंकाने वाला था. शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह के कत्ल के पीछे दरअसल कुछ आतंकियों का ही हाथ था, जिन्होंने आईएसआई और हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर पंजाबी गैंगस्टरों की मदद से उनका कत्ल करवाया था. लेकिन पंजाब में आतंकवाद इतने साल बाद आखिर ये कत्ल क्यों हुआ? और इस कत्ल का असली मास्टरमाइंड कौन है?
आखिर कौन है वो शख्स, जिसने गिरफ्तार गुरजीत सिंह बाह और सुखजीत सिंह भूरा को इस कत्ल की सुपारी दी थी, तो जब वो चेहरा और उसका पूरा नेटवर्क सामने आया, तो खुद पुलिस भी कुछ देर के लिए हैरान रह गई. ये असल में आईएसआई की वो नापाक कोशिश थी, जिसके जरिए वो खालिस्तानी आतंकियों के साथ गठजोड़ कर हिंदुस्तान की फिजा फिर से खराब करना चाहते थे.