पंजाब की लुधियाना कोर्ट में हुए धमाके ने एक बार फिर खतरे की घंटे बजा दी है. ब्लास्ट से हुए नुकसान को देखते हुए पुलिस और एजेंसियां अंदाजा लगा रही है कि इस धमाके के पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है. गौर करने वाली बात ये है कि पिछले कुछ सालों में कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा आतंकी घटनाएं पंजाब में हुई हैं. इनमें कुछ घटनाएं तो ऐसी हैं, जिन्होंने पूरे देश को सकते में डाल दिया था. इन आतंकी घटनाओं को लेकर पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिंता जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात भी की थी.
सैन्य कैंप के पास धमाका
22 नवंबर 2021 को पंजाब के पठानकोट में भारतीय सेना के कैंप के पास ब्लास्ट हुआ था. ये ब्लास्ट ग्रेनेड का था. धमाका ऐसी जगह हुआ था कि हड़कंप मचना लाजमी था. ब्लास्ट के बाद शहर में अलर्ट जारी किया गया था पंजाब के पठानकोट में भारतीय सेना का बड़ा बेस है. वहां आर्मी कैंप के त्रिवेणी गेट के पास ये ब्लास्ट हुआ था. धमाके की आवाज़ सुनकर सेना के जवान और पुलिस मौके पर पहुंची थी, तब पता चला कि धमाका ग्रेनेड से हुआ था.
जलालाबाद बाइक ब्लास्ट
15 सितंबर 2021 को जलालाबाद में मोटरसाइकिल के जरिए किए गए ब्लास्ट को आतंकी घटना करार दिया गया. इस मामले में प्रवीन कुमार नाम के एक शख्स की पहचान हुई थी. जो फाजिल्का जिले के धरमूपुरा गांव का रहने वाला था. वो गांव भारत-पाक सीमा से महज 3 किलोमीटर दूर है. इस धमाके में 22 वर्षीय बलविंदर सिंह नाम के शख्स की मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रवीन कुमार ने भीड़भाड़ वाले इलाके में मोटरसाइकिल ब्लास्ट की साजिश की थी. पूछताछ के दौरान प्रवीण ने बताया था कि जो बाइक बलविंदर चला रहा था उससे जलालाबाद शहर के भीड़भाड़ इलाके में ब्लास्ट किया जाना था. उसने यह भी बताया कि इस आतंकी घटना की साजिश 14 सितंबर को फिरोजपुर के चांदी वाला गांव के रहने वाले सुखविंदर सिंह के घर पर रची गई थी. गुरप्रीत सिंह भी इस साजिश में शामिल था.
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तेल टैंकर उड़ाने की साजिश
15 सितंबर 2021 को पंजाब पुलिस ने तेल टैंकर उड़ाने की साजिश का खुलासा किया था. आईईडी के जरिए आंतकी टैंकर को उड़ा पंजाब को दहलाने की साजिश रह रहे थे. लेकिन पुलिस ने उससे पहले ही इन्हें धर दबोचा था. इस खुलासे के बाद पंजाब में हाई अलर्ट जारी किया गया था.
अमृतसर के पॉश इलाके में हैंड ग्रेनेड
13 अगस्त 2021 को अमृतसर के एक पॉश इलाके में हैंड ग्रेनेड मिलने से सनसनी फैल गई थी. पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने मौके पर जाकर उस ग्रेनेड को नष्ट कर दिया था. यह मामला अमृतसर के पॉश इलाके रंजीत एवेन्यू का था. तत्कालीन डीसीपी मुखविंदर सिंह भुल्लर भी मौके पर मौजूद थे. उनके मुताबिक, हैंड ग्रेनेड को जांच के बाद बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था.
अजलाना में टिफिन बम से तेल टैंकर में धमाका
8 अगस्त 2021 को अजनाला पुलिस को रात में करीब 11.30 बजे सूचना मिली थी कि अमृतसर-अजनाला रोड स्थित शर्मा फिलिंग स्टेशन पर एक तेल टैंकर (पीबी-02 सीआर 5926) में आग लग गई है. फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया था. अश्विनी कुमार शर्मा के बयान पर अजनाला थाने में मामला दर्ज किया गया था. फिलिंग स्टेशन पर लगे सीसीटीवी की फुटेज से पता चला कि चार अज्ञात व्यक्ति रात करीब 11 बजे पेट्रोल पंप के पास पहुंचे थे और कुछ मिनट वहां रुकने के बाद वे अमृतसर की ओर निकल गए थे. वे संदिग्ध रात करीब 11.19 बजे फिर लौटे और वहां से जाने से पहले तेल टैंकर के फ्यूल टैंक पर कुछ संदिग्ध सामग्री रखी थी. इसके बाद रात करीब 11.29 बजे दो संदिग्ध दोबारा लौटे और उनके जाने के एक मिनट के अंदर ही टैंकर में धमाका हो गया था. जांच में पता चला था कि टैंकर पर टिफिन बाक्स आईईडी रखा गया था. टैंकर में धमाके का मकसद बड़ा विस्फोट करने का था. ताकि ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो.
अमृतसर में आईईडी और टिफिन बम बरामद
टैंकर धमाके के अगले दिन 9 अगस्त 2021 को पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा किया था. पुलिस ने 9 अगस्त की शाम को अमृतसर के रिमोट एरिया से हैंड ग्रेनेड और टिफिन बॉक्स IED और कारतूस बरामद किया था. जिसे बच्चों के टिफिन बॉक्स में फिट किया गया था. पाकिस्तान सीमा से सटे डलिके गांव से IED बम और हैंड ग्रेनेड बरामद होने की खबर चिंताजनक थी. जांच में पता चला था कि ड्रोन के जरिए हथियारों का ये जखीरा पाकिस्तान से भेजा गया था. वहां से मिले बैग में 5 हैंड ग्रेनेड, 100 9mm कारतूस और टिफिन बम मौजूद था.
पुलिस के मुताबिक IED बम में 2 किलो RDX लगाया गया था. उसे स्विच के जरिये टाइम बम बनाया गया था, साथ ही मैग्नेट लगाकर बम को ऐसा बनाया गया था कि बम की मिस हैंडलिंग करने पर धमाका हो सकता था. फोन के जरिये भी बम को ऑपरेट किया जा सकता था. साथ ही पुलिस ने 3 डेटोनेटर भी बरामद किए गए थे. बताया जा रहा है कि हाइ वैल्यू टॉरगेट के लिये बम का इस्तेमाल किया जाना था. इसके अलावा जम्मू से सटे सांबा, कठुआ और सरहदी इलाकों में ड्रोन से हथियार गिराए जाने की घटनाएं सामने आई थीं.
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अमृतसर के निरंकारी भवन में ब्लास्ट
19 नवंबर 2018 को अमृतसर शहर के एक गांव में उस दिन आतंकी हमला हुआ था. जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था. अदावली गांव के संत निरंकारी भवन में हुए इस ब्लास्ट में 3 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में निरंकारी भवन के प्रबंधक ने पुलिस में FIR दर्ज कराई थी. हमले का शक खालिस्तानी समर्थकों पर था. हमले में ग्रेनेड फेंक कर धमाका किया गया था. जिन दो लड़कों पर ग्रेनेड फेंकने का शक था, उनकी तस्वीर भी सामने आई थी. पुलिस के साथ साथ एनआईए भी घटना की जांच कर रही थी. हमले के पीछे खालिस्तानी समर्थकों का हाथ बताया गया था. जिन्होंने लोकल लड़कों को बहकाकर इस वारदात को अंजाम दिया था. पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई की शह पर कश्मीर के आतंकी संगठनों के साथ खालिस्तानी आतंकियों ने इस नेक्सैस को तैयार किया था.
सिरसा के मोड़ मंडी में ब्लास्ट
31 जनवरी 2017 को उस वक्त पंजाब में विधानसभा चुनाव का दौर था. 31 जनवरी 2017 को सिरसा की तलवंडी साबो सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के समधि हरमंदर सिंह जस्सी मोड़ मंडी में चुनावी रैली कर रहे थे. तभी वहां तेज धमाका हुआ था. उस ब्लास्ट में पांच बच्चों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी. जांच में खुलासा हुआ था कि इस धमाके की साजिश राम रहीम के डेरा सच्चा सौदे में रची गई थी. सिरसा के डेरे में ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए कार बम बनाया गया था. इस धमाके की जांच के लिए पंजाब सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. जांच में तीन डेरा समर्थकों की संलिप्तता सामने आई थी.
पठानकोट एयर बेस पर हमला
वो 1-2 जनवरी 2016 की रात थी. उस रात पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था. 3 दिन तक चले एक ऑपरेशन के बाद एयरबेस को आतंकियों से पूरी तरह मुक्त कराया गया था. इस ऑपरेशन में 7 भारतीय जवानों की जान चली गई थी. इंडिया टुडे के हाथ लगी एक रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया था कि लचर प्लानिंग और सुरक्षा में खामियों की वजह से आतंकियों के लिए एयरबेस में सेंध लगाना आसान हो गया था. भारत-पाकिस्तान सरहद के पास स्थित पठानकोट एयरबेस को भारतीय वायुसेना (IAF) का अग्रणी बेस माना जाता है. आतंकी हमले में 6 एयरफोर्स ऑफिसर्स और 1 एनएसजी जवान शहीद हो गए थे. जांच में पता चला था कि 30 दिसंबर 2015 की रात को आतंकी पाकिस्तान से बॉर्डर क्रॉस कर बेस पर पहुंचे थे और एक दिन इंतजार करने के बाद साल के पहले दिन उन्होंने हमला किया था.