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5 साल पहले भी हुई थी बुराड़ी जैसी वारदात, 8 लोगों ने खाया था जहर

दिल्ली में बुराड़ी के ललित को अपने पिता से मिलना था और उसे भगवान से मुलाकात करनी थी. इसलिए वो पूरे परिवार को फांसी के फंदे तक ले गया. ठीक ऐसे ही सवाई माधोपुर के कंचन सिंह को भगवान शिव से मिलना था. पर शिव उससे मिलने नहीं आ रहे थे. इसीलिए उसने खुद भगवान शिव के पास जाने का फैसला कर लिया. और इसके लिए अपने परिवार के आठ सदस्यों को भी तैयार कर लिया.

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सवाई माधोपुर की घटना में तीन लोगों को बचा लिया गया था
सवाई माधोपुर की घटना में तीन लोगों को बचा लिया गया था

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दिल्ली में बुराड़ी के ललित को अपने पिता से मिलना था और उसे भगवान से मुलाकात करनी थी. इसलिए वो पूरे परिवार को फांसी के फंदे तक ले गया. ठीक ऐसे ही सवाई माधोपुर के कंचन सिंह को भगवान शिव से मिलना था. पर शिव उससे मिलने नहीं आ रहे थे. इसीलिए उसने खुद भगवान शिव के पास जाने का फैसला कर लिया. और इसके लिए अपने परिवार के आठ सदस्यों को भी तैयार कर लिया. बुराड़ी में 30 जून 2018 की रात को जो कुछ हुआ उससे पांच साल पहले 26 मार्च 2013 को लगभग वही सब राजस्थान के सवाई माधोपुर में हुआ था.

वो घटना सवाई माधोपुर के गंगा नगर की है. जहां कंचन सिंह के पूरे परिवार ने 26 मार्च 2013 के दिन एक साथ सायनाइड मिले लड्डू खाकर आत्महत्या कर ली थी. यही नहीं, उस परिवार ने उस वक्त का एक वीडियो भी बनाया था. जिसमें वे हंसते खेलते दिख रहे थे.

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उसमें परिवार का मुखिया कंचन सिंह उन सभी को भगवान शिव से मिलने की बात कह रहा था. वहीं उसके परिवार के अन्य सदस्य भी अपनी अपनी बात कहते हैं. शिव के उपासक इस परिवार का मानना था कि पूजा अर्चना के बाद भी भगवान ने उन्हें दर्शन नहीं दिए. इसलिए अब वे खुद ही भगवान से मिलने जा रहे हैं.

इसके बाद अंत में कंचन सिंह पूजा करता है. और भगवान शिव को संबोधित करते हुए कहता है कि पिताश्री हम आ रहे हैं. इसके बाद वो एक से तीन गिनती करता है. और उसका पूरा परिवार एक साथ मिलकर जहरीले लड्डू खा लेता है. खाने के बाद पानी भी पीता है.

जहर का असर कुछ देर बाद दिखने लगता है. एक एक कर परिवार के सारे सदस्य गिरने लगते हैं. इसी बीच परिवार के लोगों के मरते देख खुद जहर खाने वाली एक महिला घर से बाहर भागती है. पड़ोसियों को बुलाती है. इसी दौरान कुछ की मौत हो जाती है.

कंचन सिंह की मां और पड़ोसियों को बुलाने वाली महिला समेत कंचन सिंह के बच्चे को अस्पताल ले जाया जाता है. जहां उन्हें बचा लिया जाता है. लेकिन इस घटना में परिवार के पांच लोगों की मौत हो जाती है.

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उस घटना में कंचन सिंह और बुराड़ी कांड में ललित एक जैसे किरदार नजर आते हैं. दोनों ही मामलों में वे ही परिवार को मरने के लिए तैयार करते हैं. और भरा पूरा परिवार खत्म हो जाता है.

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