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Sukhdev Singh Gogamedi Murder: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर भले ही गोलियां चलाने वाले शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौर थे. लेकिन जिस पिस्टल से गोलियां चलाई गईं, वो पिस्तौल उन्हें एक ट्रेनी एयरहोस्टेस और उसके पति ने दी थी. सुनने में ये बात थोड़ी अजीब लग सकती है, मगर यही सच है. जयपुर पुलिस ने इस मामले में एक सनसनीखेज खुलासा किया है. जिसके मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर्स को हथियार करने वाला कोई और नहीं बल्कि यही पति-पत्नी की जोड़ी है. आइए आपको बताते हैं, उस एयरहोस्टेस और उसके पति की पूरी कहानी.
बचपन से हवा में उड़ना चाहती थी पूजा
उसका नाम पूजा सैनी उर्फ पूजा बत्रा है. वो बचपन से ही हवा में उड़ना चाहती थी. वो हमेशा यही सपना देखती थी. इसीलिए उसने एयर होस्टेस बनने की ट्रेनिंग ली थी. और ट्रेनी एयर होस्टेस बन भी गई. लेकिन फिर अचानक उसने आसमान में उड़ने की बजाय जुर्म की दुनिया में उड़ान भरने की ठानी. किस्मत ने भी तभी उसे कोटा के हिस्ट्रीशीटर और लॉरेंस गैंग के लिए हथियार सप्लाई करने वाले महेंद्र कुमार उर्फ समीर से मिलवा दिया.
महेंद्र और पूजा ने शूटर्स को दी थी पिस्टल
साल 2018 में पूजा और महेंद्र की मुलाकात हुई और चार साल बाद यानी साल 2022 में महेंद्र और पूजा सैनी ने शादी कर ली. अब पूजा बत्रा जयपुर पुलिस के शिकंजे में है. शिकंजे में इसलिए क्योंकि राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर जिन दो पिस्टल से गोली चलाई गई थी, वो पिस्टल और कारतूस कभी ट्रेनी एयर होस्टेस पूजा सैनी और उसके पति महेंद्र उर्फ समीर ने शूटरों को दी थी. इतना ही नहीं, इनमें से एक शूटर नितिन फौजी को इन दोनों ने करीब हफ्ते भर तक जयपुर के अपने किराये के घर में पनाह दी थी.
किराए के फ्लैट में था शूटर
नितिन फौजी और पूजा सैनी से लंबी पूछताछ के बाद साजिश की बाकी बची कहानी भी अब साफ हो गई है. कहानी कुछ यूं है. नितिन फौजी 28 नवंबर को टैक्सी से हिसार से जयपुर पहुंचा. जयपुर के प्रताप नगर चौपाटी पर उसे पहली बार महेंद्र और पूजा सैनी मिले. दोनों ने अपनी गाड़ी में नितिन फौजी को बिठाया और फिर उसे अपने साथ 48 इनकम टैक्स कॉलोनी, जगतपुरा जयपुर में किराये के फ्लैट में ले गए. समीर और पूजा ने डेढ़ साल पहले ये फ्लैट किराये पर लिया था. उस फ्लैट के एक हिस्से में एक लड़का और लड़की भी किराये पर रहते थे.
कमरे से बाहर नहीं आता था नितिन
महेंद्र और पूजा ने उन दोनों को एक दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया, जबकि उनके कमरे में नितिन फौजी को ठहरा दिया. नितिन फौजी के कमरे का दरवाजा हमेशा बंद रहता था. नितिन के लिए पूजा खुद खाना बनाती थी. खाना उसके कमरे में पहुंचा दिया जाता था. खुद नितिन को भी कमरे से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी.
नितिन ने चुनी थी 2 पिस्टल और मैगजीन
एक हफ्ते बाद वारदात वाले दिन यानी 5 दिसंबर को महेंद्र उर्फ समीर ने नितिन फौजी को 50-50 हजार के नोटों की दो गड्डियां दी. साथ ही उसे करीब आधा दर्जन पिस्टल दिखाए. नितिन ने उनमें से दो पिस्टल और दो मैग्जीन अपने लिए रख लिए, जबकि एक मैग्जीन से भरी पिस्टल के अलावा एक और मैग्जीन दूसरे शूटर यानी रोहित राठौर के लिए रख ली. अब तक नितिन फौजी और रोहित की कोई मुलाकात नहीं हुई थी.
महेंद्र ने शूटर्स को कहा था- बेस्ट ऑफ लक
सारा इंतजाम होने के बाद पांच दिसंबर की सुबह दस बजे महेंद्र अपनी गाड़ी में नितिन फौजी को लेकर अजमेर रोड पर पहुंचता है. वहां दूसरा शूटर रोहित राठौर उनका इंतजार कर रहा था. महेंद्र रास्ते से रोहित को भी अब कार में बिठा लेता है. कार में ही नितिन फौजी, रोहित को 50 हजार रुपये और पिस्टल सौंप देता है. कुछ दूर जाने के बाद गाड़ी रुकती है. समीर दोनों शूटर्स को गाड़ी से उतारता है और बेस्ट ऑफ लक कह कर निकल जाता है.
बाइक से आए थे दोनों शूटर
इससे पहले 29 नवंबर को महेंद्र ने रोहित राठौर को एक पुरानी मोटरसाइकिल खरीदने के लिए 20 हजार रुपये दिए थे. रोहित ने मोटरसाइकिल अपने नाम पर ही खरीदी थी. जिस जगह समीर ने दोनों को अपनी गाड़ी से उतारा, वहीं पर वही मोटरसाइकिल पार्क थी. अब दोनों उसी मोटरसाइकिल पर बैठ कर सुखदेव सिंह के घर के लिए रवाना होते हैं. सुबह करीब 11 बजे रोहित सुखदेव सिंह के मकान के कुछ दूरी पर एक गली में मोटरसाइकिल को पार्क कर देता है. मोटरसाइकिल के साथ दो हेलमेट भी थे. फिर चाबी अपने पास रख कर अब वो तीसरे साथी, नवीन शेखावत का इंतजार करता है.
नवीन के साथ कार से सुखदेव के घर पहुंचे थे शूटर
नवीन शेखावत अपनी गाड़ी में वहां पहुंचता है. फिर तीनों उसी गाड़ी में बैठ कर पहले फोन पर वीरेंद्र चारण से बात करते हैं. इसके बाद सुखदेव सिंह के घर पहुंच जाते हैं. शूटआउट के बाद रोहित और फौजी को घर के बाहर निकल कर उसी मोटरसाइकिल पर बैठ कर फरार होना था. लेकिन जब दोनों उस जगह पहुंचे, तो देखा कि मोटरसाइकिल गायब है. फिर उन्होंने एक स्कूटी सवार से स्कूटी छीनी और वहां से निकल भागे. दरअसल, जिस जगह रोहित ने मोटरसाइकिल पार्क की थी, उसके सामने एक मकान बन रहा था. मजदूरों ने मोटरसाइकिल को उठा कर दूसरी तरफ पार्क कर दिया था. इसीलिए रोहित को मोटरसाइकिल नहीं मिली थी.
पूजा गिरफ्तार, महेंद्र फरार
सुखदेव सिंह के कत्ल के दो दिन के अंदर ही जयपुर पुलिस को मुखबिरों से ये जानकारी मिल चुकी थी कि एक शूटर इनकम टैक्स कॉलोनी में रुका था. लेकिन उन्हें फ्लैट नंबर नहीं मालूम था. जयपुर पुलिस ने तय किया कि वहां घर घर जाकर पता करेंगे. इसके लिए जयपुर पुलिस के जवानों ने 24 से 25 घंटे तक लगातार पैदल चल कर पूरी कॉलोनी खंगाल डाली. तब कहीं जाकर उन्हें इस फ्लैट की जानकारी मिली. तब पूजा सैनी फ्लैट में ही मौजूद थी. पुलिस ने फौरन उसे मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन तब तक उसका पति महेंद्र उर्फ समीर वहां से निकलकर फरार हो चुका था.