दुनिया के सामने संत का चोला और दुनिया के पीछे समर्पण-सान्निध्य का अश्लील गैंग. आसाराम और नारायण साईं सालों-साल लोगों की आंखों में धूल झोंककर अश्लीलता के वो गैंग चलाते रहे, जिसमें फंसकर नामालूम कितनी लड़कियां बर्बाद हो गईं. दोनों ने अपने गैंग में काम करने वाले हर गुर्गे को ना सिर्फ़ उसके हिस्से का काम बांट रखा था, बल्कि काम से चूकने पर सजा और कामयाबी पर इनाम भी दिया करते.
स्टेज पर पहले पाखंड का सोलो पर्फार्मेंस हुआ करता था. आसाराम अकेले ही ज्ञान बघारा करते थे. लेकिन धर्म-कर्म की ये दुकान जब चल निकली तो बाबा ने अपने लाडले नारायण साईं को भी धंधे में उतार दिया.
भक्तों ने अपने भगवान के बेटे में भी भगवान के दर्शन किए और आसाराम की सम्मोहिनी आंखों ने भक्तों में बाजार को पढ़ लिया, लेकिन स्टेज पर ता-ता थैय्या करते-करते आसाराम ने कब नारायण साईं को सफेद चोले में सेक्स गैंग चलाने की तालीम दे दी, बाबा को टकटकी लगाए देखने वाले भक्तों को पता ही नहीं चला.
बाप-बेटे की ये काली करतूत शायद कभी जमाने के सामने नहीं आती, अगर आसाराम के खिलाफ दिल्ली में यौन शोषण का मुकदमा दर्ज ना हुआ होता. अब तफ्तीश के दौरान पुलिस को इन बाप-बेटे के बारे में जो बातें पता चल रही हैं, वो रौंगटे खड़े करने वाली हैं.
आसाराम का गैंग और उनके काम
शिवा, शिल्पी, प्रकाश, लक्ष्मी, भारती, ध्रुवबेन. वैसे तो आसाराम का गैंग कहीं ज्यादा ही बड़ा था, लेकिन ये वो चंद नाम है, जिनकी करतूत अब पुलिस के सामने शीशे की तरह साफ हो गई है. पहले दो नाम यानी शिवा और शिल्पी पर जहां लड़कियों को फांसकर आसाराम के कलंक की कुटिया तक लाने की जिम्मेदारी थी, जबकि आसाराम का रसोईया प्रकाश लड़कियों को धोखे से अफीम वाला दूध पिलाता और उनके शोषण के दौरान कुटिया पर नजर रखता.
वहीं लड़कियों के शोषण के बाद आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती इन लड़कियों पर मुंह बंद करवाती. और ठीक इसी तरह आसाराम की करतूत से अगर किसी लड़की का गर्भ ठहर जाता, तो आसाराम की खास साधिका ध्रुव बेन उन लड़कियों का गर्भपात करवाती थी.
नारायण साईं का गैंग और गैंग के लोगों का काम
मोहित भोजवानी, हनुमान, मोनिका, धर्मेश. ये गैंग भी सत्संग के नाम पर लड़कियों को नारायण साईं की कुटिया तक लाने में लगा रहता. हालांकि नारायण साईं आसाराम की तरह किसी इशारे या टॉर्च से लड़की नहीं चुनता, बल्कि अपनी पसंदीदा लड़की को वो बार-बार अपने सत्संग में बुलाता और फिर एकांत में सत्संग का न्यौता देता. अगर लड़की ये न्यौता और नजदीकियां कुबूल कर लेती तो फिर नारायण साईं का गैंग उसका ब्रेनवॉश शुरू कर देता. लेकिन अगर कोई लड़की इस गोरखधंधे के खिलाफ मुंह खोलने की बात कहती, तो उसके साथ ऐसा भयानक सुलूक होता कि लोग सन्न रह जाते.
अब एक-एक कर बाप बेटे के सेक्स गैंग के गुर्गों को पकड़कर पुलिस तमाम कड़ियां जोड़ रही है, लेकिन तफ्तीश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए नारायण साईं के शिकंजे में आना अब सबसे बड़ी जरूरत है.
एक महीने बाद सामने आया लापता परिवार
इधर, आसाराम पर यौन शोषण का मुकदमा दर्ज हुआ और उधर उनके आश्रम में पढ़ने वाली एक लड़की और उसका पूरा परिवार रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया. और तो और रिश्तेदार भी इस परिवार को ढूंढ़ते रह गए. शक आसाराम पर ही था, लेकिन अब एक महीने बाद यही परिवार जब अचानक दुनिया के सामने आया, तो बात और भी चौंकाने वाली निकली.
ये गुमशुदगी जितनी अजीब थी. ये वापसी उतनी ड्रामाई है. ये शक जितना गहरा था, ये सफ़ाई उतनी छिछली है. शक था कि आसाराम ने ही अपने करतूतों पर पर्दा डालने के लिए मेरठ के उस परिवार को कहीं गायब कर दिया, जिसकी एक बेटी आसाराम के उसी छिंदवाड़ा आश्रम में पढ़ती थी, जहां की लड़की के साथ आसाराम ने जोधपुर में यौन शोषण किया था.
जाहिर है, यौन शोषण के मामले में इस लड़की के एक अहम गवाह साबित होने उम्मीद बनने लगी थी. और पीड़ित लड़की ने अपने बयान में भी इस लड़की का जिक्र किया था. पर, इससे पहले कि पुलिस इस लड़की और उसके घरवालों के बारे में कुछ पता लगा पाती, ये पूरा का पूरा परिवार बेहद रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया.
आसाराम की शान में पढ़े कसीदे
अब तकरीबन महीनेभर बाद मेरठ से गायब हुआ ये परिवार मैनपुरी में प्रगट हो गया. और ना केवल प्रगट हो गया, बल्कि इस लड़की के पिता ने सबके सामने आते ही आसाराम की शान में कसीदे पढ़कर उन तमाम बातों पर मिट्टी डाल दी, जिसमें कहा जा रहा था कि आसाराम ने ही राज खुलने के डर से इस लड़की और उसके परिवार को कहीं गायब करवा दिया है.
दरअसल, आसाराम के खिलाफ यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज करवाने वाली लड़की ने पुलिस को बताया था कि उन दिनों छिंदवाड़ा के आश्रम में उसके साथ पढ़ने वाली इस लड़की के साथ भी शिल्पी काफी नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश कर रही थीं. लिहाजा, उसके पास भी आसाराम और शिल्पी के कई राज दफन हो सकते हैं.
आसाराम ने ली होगी राहत की सांस!
इसके बाद ही ये परिवार कुछ ऐसे लापता हुआ कि इसके पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदारों को भी उनका कोई पता नहीं था. अब इस लड़की के पिता ने मैनपुरी में लोगों से कहा कि वो अपने गांव में ही थे और उन पर आसाराम की तरफ से कोई दबाव नहीं था.
हालांकि मैनपुरी में ही आसाराम के खिलाफ जमीन पर कब्जे के एक मामले की पैरवी कर रहे मैनपुरी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इसे आसाराम के पैसे और दबाव का असर करार दिया. बहरहाल, अब इस परिवार के सामने आने के साथ ही आसाराम के हक में बोलने पर आसाराम ने थोड़ी चैन की सांस जरूर ली होगी.
आसाराम को सुप्रीम कोर्ट का झटका
अपने खिलाफ चल रही खबरों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में फरियाद करने वाले आसाराम को खाली हाथ लौटना पड़ा. कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की उनकी अर्जी सिरे से खारिज कर दी. अलबत्ता इतना जरूर कहा कि अगर उन्हें लगे कि मीडिया जिम्मेदार रिपोर्टिंग नहीं कर रहा है, तो वो दोबारा कोर्ट के पास जरूर आ सकते हैं.
लगातार दूसरे दिन हुई पूछताछ
दूसरी तरफ, आसाराम पर लगे आरोपों के तह तक पहुंचने की पुलिस की कोशिशें जारी हैं. सोमवार को लगातार दूसरे दिन आसाराम से उनकी पत्नी और बेटी के सामने पूछताछ की गई.