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इंसानियत को तार-तार करती हैं ये वारदातें

मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में पुलिस की गिरफ्त में एक ऐसा सीरियल किलर है जो सिर्फ अपने अरमान पूरे करने के लिए अब तक नौ से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. इस शख्स ने इ हत्याओं के पीछे की वजह का खुलासा करते हुआ कहा है कि सिर्फ एक ढाबा खोलने के लिए इसने इतने कत्ल किए हैं.

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सनकी किलर
सनकी किलर

मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में पुलिस की गिरफ्त में एक ऐसा सीरियल किलर है जो सिर्फ अपने अरमान पूरे करने के लिए अब तक नौ से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. इस शख्स ने इ हत्याओं के पीछे की वजह का खुलासा करते हुआ कहा है कि सिर्फ एक ढाबा खोलने के लिए इसने इतने कत्ल किए हैं.

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मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सीमाई इलाके में इस रोज पुलिस को एक डबल मर्डर की खबर मिलती है. ये लाशें होशंगाबाद शहर से थोड़ी दूर कुलामढी बाईपास के पास पड़ी थी. चूंकि मामला संगीन था, खबर मिलते ही पुलिस फौरन मौका ए वारदात पर पहुंची. पुलिस ने देखा कि दोनों लोगों की जान सिर में रॉड जैसी किसी भारी चीज से वार करके ली गई थी. डबल मर्डर का मामला था और पुलिस को शक हो गया था कि इस वारदात के पीछे दो या उससे ज्यादा लोग हो सकते हैं. लेकिन मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाने के लिए पुलिस को मरनेवालों की पहचान करने की जरूरत थी. लिहाजा, पुलिस ने लाश बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के साथ-साथ मरनेवालों की तस्वीरें सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी डाल दी.

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नतीजा ये हुआ कि जल्द ही मरनेवालों की पहचान हो गई. दोनों ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर निकले. लेकिन लाशों के पास दूर-दूर तक कहीं कोई लावारिस ट्रक नहीं खड़ा था. ऐसे में लगने लगा कि शायद कत्ल का मकसद लूटपाट जैसी वजह हो सकती है. लेकिन अभी पुलिस तमाम संभावनाओं पर काम कर ही रही थी कि इन लाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उन्हें चौंका दिया. ये साफ़ हुआ कि रॉड से वार कर जान लेने से पहले दोनों को जहर दिया गया था. कत्ल का ये तरीका जरा हट कर था. ऐसे में पुलिस ने अपनी तफ्तीश का दायरा और बड़ा कर दिया. लेकिन इसके बाद उसे एक ऐसा सुराग मिला, जिसने उसके साथ सीधे इस खौफनाक सीरियल किलर की गिरेबान तक पहुंचा दिए.

अब पुलिस के पास डबल मर्डर की तफ्तीश के सिलसिले में कई सुराग हाथ लग चुके थे. मरनेवालों की पहचान हो चुकी थी. वो ट्रक के ड्राइवर और क्लिनर थे. दूसरा ये उनका ट्रक गायब था, जिससे शक लूटपाट की वजह से क़त्ल किए जाने का लग रहा था. और तीसरा लाशों पर बने रॉड के निशान के अलावा उन्हें जहर दिए जाने की बात भी साफ हो चुकी थी.

इसका मतलब ये हुआ कि कातिल जो भी था, उसने पहले तो मरनेवालों को धोखे में लिया था और फिर उनकी जान ली थी. ऐसे में पुलिस ने वारदात की मॉडस ऑपरेंडी यानी कत्ल के इस तौर-तरीके के जरिए कातिल का पता लगाने के लिए अपने पुराने रिकॉर्ड खंगालने का फैसला किया, लेकिन जल्द ही उसे एक ऐसी बात पता चली कि उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं. पुलिस ने देखा कि इससे पहले भी ऐसे ही दो कत्ल के इल्जाम में जो एक शख्स जेल में बंद था, वो कुछ महीनों पहले ही बाहर निकला था. और इस शख्स का नाम घनश्याम राजपूत था.

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तो क्या इस डबल मर्डर के पीछे भी उसी का हाथ था. पुलिस को शक तो कुछ ऐसा ही हो चला था. लेकिन उसे शख्स को इस इल्जाम में गिरफ्तार करने से पहले पुलिस को अपने शक के तस्दीक करने की दरकार थी. लिहाज़ा, पहले तो पुलिस ने उसके मोबाइल फोन के कॉल रिकॉर्ड खंगालने का फैसला किया और दूसरे तौर-तरीकों से क़त्ल वाले दिन उसके मौका-ए-वारदात के आस-पास होने का पता लगाया. लेकिन पुलिस का शक सही निकला घनश्याम राजपूत वारदात वाले दिन ना सिर्फ होशंगाबाद के कुलामाढी बाईपास के क़रीब देखा गया था, बल्कि उसके मोबाइल फोन की लोकेशन भी कुछ ऐसा ही तस्दीक कर रही थी. अब पुलिस ने उसे फौरन धर दबोचा और पूछताछ शुरू कर दी.

लेकिन इस बार उसने इस डबल मर्डर के साथ जो बातें कबूलीं, उसने पुलिसवालों को भी सन्नाटे में डाल दिया. उसने बताया कि उसने ना सिर्फ इस ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को, बल्कि उस जैसे कई दूसरे ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को भी मौत के घाट उतारा था. और इसकी वजह थी लूटपाट और लूटपाट के रुपयों के जरिए एक ढाबा शुरु करना चाहता था. पुलिस की मानें तो घनश्याम राजपूत कभी खुद भी एक ट्रक ड्राइवर हुआ करता था. और इसलिए उसे ट्रक ड्राइवरों का शिकार करना आसान लगता था. वो अपने शिकार की तलाश के लिए हाई-वे पर ट्रकों से लिफ्ट मांगता, जो उसे लिफ्ट देने के लिए तैयार हो जाते है, वो उनसे दोस्ती गांठता, उसे अपने हाथों से खाना बना कर खिलाता और इसी खाने में ज़हर मिलाकर क़त्ल की तैयारी कर लेता.

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इसके बाद मौका मिलते ही वो रॉड या ऐसी ही किसी चीज़ से अपने शिकार की जान लेकर रुपए पैसे लूट लेता और ट्रकों को लावारिस छोड़ कर फरार हो जाता. फिलहाल हालत ये है कि इस शख्स ने अब तक नौ कत्ल की बात कुबूल कर ली है, लेकिन पुलिस की मानें तो उसने पिछले तीन-चार सालों में कुछ इतने लोगों की जान ली है, उसकी सही-सही गितनी फिलहाल खुद उसको भी याद नहीं.

कहते हैं बच्चे की चीख से किसी का भी दिल पसीज जाता है फिर चाहे वो बच्चा किसी का भी क्यों ना हो. लेकिन अब बात कुछ ऐसे लोगों की जिन पर बच्चे की चीख का भी कोई असर नहीं हुआ. चोरी के इल्जाम में पकड़े गए एक बच्चे को. शहर के लोगों ने बीच सड़क पर पेड़ से बांध कर कुछ ऐसा पीटा, कि देखनेवाले दहल गए.

 

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