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यूक्रेन में आर-पार की जंग लड़ रहे रूस को इसी साल 23 जून तक ठीक एक साल तीन महीने और 39 दिन पूरे हो चुके थे. दोनों मुल्कों के बीच शह और मात का खेल अब भी जारी था. लेकिन इसी बीच एक ऐसी खबर आई, जिसने रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को पहली बार एक बड़ी टेंशन में डाल दिया और ये ख़बर थी रूस के हक में लड़ने वाली प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप की बगावत की. यही वो तारीख थी, जब वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन ने खुल्लम खुल्ला ये ऐलान कर दिया था कि अब वो इस जंग में रूस और पुतिन का नहीं, बल्कि यूक्रेन का साथ देंगे.
इस बगावत से पुतिन परेशान तो हुए लेकिन उन्होंने कुछ ऐसा दांव चला कि महज़ 24 घंटे में वैगनर ग्रुप की बगावत खत्म हो गई. यानी पुतिन ने एक बार फिर अपने मुल्क और अपनी फौज के सामने पैदा हुए इस नए चैलेंज को कामयाबी से हैंडल कर लिया.
24 जून 2023
लेकिन इसी उथल पुथल के बीच अगले ही दिन पुतिन ने एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में जो बातें कहीं, उसने हर किसी के कान खड़े कर दिए. तब पुतिन ने कहा था कि वो सबकुछ बर्दाश्त कर सकते हैं. बस, बगावत बर्दाश्त नहीं कर सकते. कोई उन्हें धोखा दे, उनकी पीठ पर छुरा घोंपने की कोशिश करे, ऐसे किसी इंसान को माफ कर पाना उनके लिए पहले भी मुश्किल था और अब भी मुश्किल है.
दुश्मनों से बदला लेने का तरीका
जाहिर है पुतिन ने तब ये बातें इशारों ही इशारे में वैगनर आर्मी के चीफ येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन के लिए ही कही थी. लेकिन पुतिन की कही गई इन बातों का रिजल्ट इतनी जल्दी सामने आ जाएगा, ये किसी ने नहीं सोचा था. अब इसे आप इत्तेफाक कहें या फिर अपने दुश्मनों से बदला लेने का पुतिन का तरीका, बुधवार को रूस में हुए एक हवाई हादसे में उसी वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की मौत हो गई, जिसने महज दो महीने पहले पुतिन से टकराने की हिमाकत की थी.
प्लेन हुआ हादसे का शिकार? या फिर साजिश
प्रिगोझिन उस टेन सीटर प्लेन में एक यात्री की तरह सवार थे, जो मॉस्को से सेंट पीट्सबर्ग की उड़ान पर था. इसी हवाई जहाज में प्रिगोझिन के खासमखास और वैगनर आर्मी के एक और अहम मुखिया दिमित्री उत्कीन की भी जान चली गई. अब ये हवाई हादसा क्यों हुआ? क्या इसके पीछे कोई साजिश थी? या फिर कोई तकनीकी खराबी? इसका पता तो हवाई हादसे की रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही चलेगा लेकिन फिलहाल तो तकरीबन पूरी दुनिया इसे पुतिन का बदला मान कर ही चल रही है. और तो और रूस के जानी दुश्मन और रूस-यूक्रेन जंग में यूक्रेन का साथ देनेवाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस हवाई हादसे को लेकर इशारों ही इशारों में जो बातें कही हैं, उसके पीछे प्रिगोझिन की मौत के लिए पुतिन को ही जिम्मेदार ठहराया है.
सबूत मिटाना जानते हैं पुतिन
वैसे कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि येवगेनी प्रिगोझिन की मौत का सच अब शायद ही कभी सामने आए. क्योंकि अगर इस मौत के पीछे वाकई पुतिन का हाथ है, तो पुतिन ऐसी वारदातों को अंजाम देने के साथ-साथ उनके सबूत मिटाना भी अच्छी तरह जानते हैं. और ऐसे में इस बात की उम्मीद कम ही है कि इस हवाई हादसे का सच शायद ही कभी सामने आए.
लामबंदी कर सकती है वैगनर आर्मी
वैसे फिलहाल वैगनर आर्मी चीफ की इस मौत पर इस प्राइवेट आर्मी असमंज में है. हालांकि इतना साफ है कि वैगनर आर्मी इस मौत का बदला लेने का मंसूबा पाले हुए है. येवगेनी प्रिगोझिन और दमित्री उत्कीन की मौत पर आर्मी ने फुल-मोबलाइजेशन यानी पूरी लामबंदी की चेतावनी दी है और यकीनन ये लामबंदी पुतिन और रूस के खिलाफ ही होनी है. प्रिगोझिन से नजदीकी वाले एक मीडिया आउटलेट रिडोक-वा ने कहा है कि इन मौतों पर फौजी लामबंदी तय है, फिर चाहे इस मौत के पीछे किसी का भी हाथ क्यों ना हो. वैगनर आर्मी से जुड़े कई चैनल्स ने प्रिगोझिन और उत्कीन की मौत को लेकर कई बदले वाले संदेश जारी किए हैं और कहा है कि जो भी लोग इन नेताओं की मौत के पीछे हैं, असल में वो रूस के गद्दार हैं.
एमआई-6 के पूर्व प्रमुख जॉन सॉयर्स का खुलासा
आप इसे इतेफाक कहें या फिर प्रिगोझिन की मौत को लेकर जताई गई ब्रिटिश सोच, ब्रिटेन की जासूसी एजेंसी एमआई-6 के पूर्व प्रमुख जॉन सॉयर्स ने एक रेडियो इंटरव्यू में ये बात कही कि पुतिन धीरे-धीरे हालात को अपने कब्जे में ले रहे हैं. प्रिगोझिन को सीन से बाहर कर दिया गया है. असल में पुतिन ये साफ कर देना चाहते हैं कि वो किसी भी चैलेंज को और बर्दाश्त करने के हक में नहीं हैं. इस बात की संभावना बहुत कम है कि येवगेनी प्रिगोझिन की हवाई हादसे में मौत ना हुई हो. अगर कहीं ऐसा है भी, तो भी ये तय मानिए कि वो जल्द ही ऐसे किसी प्लेन में होंगे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां इस बात का आसानी से पता लगा सकती हैं कि उस प्लेन पर किसी मिसाइल से हमला किया गया या नहीं. हालांकि उन्हें ऐसा लगता है कि उस प्लेन में ही ऐसा कोई डिवाइस पहले से फिट किया गया था, जिसने प्लेन को हादसे का शिकार बना डाला.
वैगनर के लड़ाकों ने ही किया था बुखमत
आइए अब बात करते हैं उस गलती की, जो प्रिगोझिन की मौत की वजह बन गई. रूस के खिलाफ जारी जंग में प्रिगोझिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप शुरू से ही रुसी फौज का साथ दे रही थी. ये वैगनर के लड़ाके ही थे, जिनकी बदौलत रूस ने पूर्वी यूक्रेन और खास कर बुखमत पर कब्जा कर लिया. लेकिन दिक्कत वहां शुरू हुई, जब वैगनर ग्रुप को लगने लगा का कि इस जंग में रूस उनका इस्तेमाल महज मोहरों की तरह कर रहा है और जंग में उनका उस तरह साथ नहीं दे रहा है, जैसे देना चाहिेए.
प्रिगोझिन ने कही थी यूक्रेन का साथ देने की बात
तब प्रिगोझिन ने कहा था कि यूकेन में जारी इस जंग में रुस और वहां की फौज ने वैगनर ग्रुप का साथ नहीं दिया, बल्कि रूस के लिए यूक्रेन से लड़ रहे वैगनर के लड़ाकों को मैदान-ए-जंग में बगैर किसी मदद के मरने के लिए छोड़ दिया. और चूंकि रूसी फौज ने इस जंग में उनके साथ गद्दारी की, इसलिए अब वो रूस के खिलाफ इस जंग में यूक्रेन का साथ दे कर रुस को मजा चखाएगा.
इस फैसले से बिगड़े हालात
जाहिर है वैगनर गुप को रूसी फौज से शिकायत तो थी ही. लेकिन मामला तब और बिगड़ गया, जब प्रिगोझिन ने कहा कि रूसी जनरलों ने जंग के लिए उन्हें हथियारों की सप्लाई नहीं की. और 23 जून को रूसी रक्षा मंत्री ने उल्टा वैगनर पर ही हवाई हमले के आदेश जारी कर दिए. यही वो दिन था, जब प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और प्रमुख वालेरी गेरासिमोव से मिलने की मांग रखी. साथ ये भी कहा कि अगर ये मुलाकात नहीं हुई, तो फिर वैगनर ग्रुप भी मास्को पहुंचेगा और इन हालात में देश में गृह युद्ध के हालात बनने लगेंगे. लेकिन तब प्रिगोझिन से बातचीत की जगह रूस की सरकार ने वैगनर पर कार्रवाई का फैसला कर लिया था, जिसके बाद हालात बिगड़ गए.
रूसी सेना ने किया था हमला
प्रिगोझिन ने 24 जून को कहा था कि उनके लड़ाके रूसी सेना के खिलाफ किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं. उसी दिन पुतिन ने टेलीविजन पर भाषण देते हुए वैगनर ग्रुप को 'सशस्त्र विद्रोही' करार दिया था और इस ग्रुप को कुचलने का वादा किया था. उन्होंने प्रिगोझिन पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप भी लगाया था. उसी दिन प्रिगोझिन ने दावा किया था कि उनके सैनिक रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में प्रवेश कर चुके हैं. इस खबर से शहर में दहशत फैल गई थी. सरकार ने लोगों को घर में रहने का हुक्म दिया था. मॉस्को तक पहुंचने के लिए वैगनर ग्रुप अपनी आधी यात्रा पूरी कर चुका था, तभी रूसी सैन्य हेलिकॉप्टरों ने गोलाबारी शुरू की. इस हमले ने वैगनर ग्रुप की कमर तोड़ दी थी और उनके सैनिकों के मंसूबे ठंडे पड़ गए थे.