मुंबई के बांद्रा स्थित सदगुरु शरण अपार्टमेंट में अभिनेता सैफ अली खान पर हमले के आरोप में एक शख्स को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसका नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद उर्फ विजय दास बताया गया है. पुलिस का दावा है कि उसने ही सैफ पर जानलेवा हमला किया था. लेकिन इस गिरफ्तारी के साथ ही ये सवाल उठने लगे कि पुलिस ने जिस शख्स को पकड़ा है, वो हमलावर नहीं है. हमला करने वाला और पकड़ा गया शख्स दोनों अलग-अलग हैं.
ये सवाल उठाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह वो सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें सैफ पर हमला करने वाला नजर आ रहा है. ये सीसीटीवी फुटेज सैफ के अपार्टमेंट से पुलिस ने जब्त किया था. लोगों का कहना है कि उस तस्वीर से शरीफुल इस्लाम काफी अलग दिख रहा है. इसलिए लोगों को पुलिस कार्रवाई पर शक है. लेकिन पुलिस की तफ्तीश में ही इस सवाल का जवाब भी छुपा है कि क्या जिस शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया, वो असली हमलावर नहीं है?
कुछ मीडिया रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि हमला करने वाले अपराधी और गिरफ्तार हुए आरोपी का चेहरा, आंख, होंठ, माथे और भौंहों की बनावट बिल्कुल अलग है. गिरफ्तार शख्स का माथा लम्बा है. उसकी भौंहों के बीच अंतर कम है, जबकि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे अपराधी का माथा छोटा है. उसकी भौंहों के बीच अंतर ज्यादा है. दोनों के चेहरे के रंग में भी बहुत अंतर है. यहां तक कि दोनों के हेयर स्टाइल में भी बहुत ज्यादा अंतर दिख रहा है.
बड़ा सवाल, दो तस्वीरों में इतना अंतर क्यों है?
जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे मामलों में फॉरेंसिक जांच बहुत महत्वपूर्ण होती है. मुंबई पुलिस की मानें तो सैफ के अपार्टमेंट से लिए गए फिंगरप्रिंट पकड़े गए आरोपी शरीफुल से मैच हो गए हैं. फॉरेंसिंक टीम की जांच इस बात की पुष्टि कर रही है कि पुलिस ने सही अपराधी को गिरफ्तार किया है. उसके फिंगरप्रिंट उस पाइप पर भी मिल गए हैं, जिससे चढ़ कर वो सैफ अली खान के घर में घुसा था. अब सवाल ये है कि दोनों की तस्वीरों में इतना अंतर क्यों है?
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दोनों तस्वीरों के बीच अंतर की तीन बड़ी वजहें
पहली वजह...
सीसीटीवी फुटेज में जो हमलावर दिख रहा है, उस फुटेज की ब्राइटनेस को बढ़ाने के लिए पुलिस ने उसमें कई फिल्टर का इस्तेमाल किया था. इसी के कारण इस तस्वीर में हमलावर के चेहरे का रंग गोरा दिख रहा है. गिरफ्तार हुए अपराधी का रंग सांवला दिख रहा है. ऐसा फिल्टर के इस्तेमाल के कारण हो सकता है.
दूसरी वजह...
जो लोग ये कह रहे हैं कि दोनों अपराधियों की आंख, नाक, माथा और भौंहें एक दूसरे से नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में ये कारण हो सकता है कि सीसीटीवी फुटेज वाली तस्वीर टॉप एंगल से ली गई है और गिरफ्तार हुए अपराधी की तस्वीर सामने से ली गई है. जब किसी व्यक्ति की एक तस्वीर ऊपर से खींची जाती है और दूसरे तस्वीर सामने से खींची जाती है, तो दोनों तस्वीरों में थोड़ा बहुत अंतर ज़रूर आता है. ऐसा कैमरे के ऐंगल के कारण होता है. संभव है कि इस मामले में भी यही हुआ हो. इससे दोनों अपराधियों की हाइट भी कम, ज्यादा दिख रही हो.
तीसरी वजह...
इन दोनों तस्वीरों में आरोपियों के बाल अलग-अलग हैं. शरीफुल के बाल छोटे हैं, जबकि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे अपराधी के बाल लंबे हैं. इससे भी लोगों में शक पैदा हो रहा है. इस पर पुलिस का कहना है कि सैफ पर हमला करने के बाद शरीफुल सुबह दादर वेस्ट से मुम्बई के वर्ली कोलीवाडा इलाके में गया था. वहां एक दुकान पर उसने अपना हेयर कट कराया था. इसीलिए दोनों तस्वीरों में अपराधी के बाल अलग अलग दिख रहे हैं.
बांग्लादेश में शरीफुल इस्लाम के पिता रुहुल अमीन ने ये दावा किया है कि सैफ पर हमला करने वाला अपराधी उनका बेटा नहीं है. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिख रहा व्यक्ति कोई और है. उनके बेटे ने कभी लंबे बाल नहीं रखे हैं. वो सेना के जवानों की तरह हेयर स्टाइल रखता था. उन्होंने कहा कि वो जल्द ही अपने बेटे की रिहाई के लिए अपने देश के विदेश मंत्रालय और भारतीय उच्चायोग से संपर्क करेंगे. उनके बेटे को फंसाया जा रहा है.
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ये 7 सबूत शरीफुल को ही अपराधी साबित करते हैं!
सबूत नंबर-1
मुंबई पुलिस ने शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार करने के बाद मौके-ए-वारदात से मिले उसके फिंगरप्रिंट से मिलान करवाया है, जो कि मैच कर गया है.
सबूत नंबर-2
मुंबई पुलिस ने शरीफुल की निशानदेही पर उस टूटे हुए चाकू का बाकी हिस्सा बांद्रा के पास एक झील से बरामद किया, जो आधा टूट कर सैफ के शरीर में छूट गया था. इस चाकू से आरोपी ने अभिनेता पर हमला किया था.
सबूत नंबर-3
शरीफुल के मोबाइल नंबर की लोकेशन भी वारदात वाली रात सैफ अली खान के घर और उसके आस-पास नज़र आ रही है, ये भी एक बड़ा सबूत है.
सबूत नंबर-4
शरीफुल इस्लाम ने जिस सैलून में वारदात को अंजाम देने के बाद अपने बाल कटवाए, पुलिस उस सैलून के मालिक का बयान ले चुकी है.
सबूत नंबर-5
शरीफुल पकड़े जाने के पहले जिन-जिन लोगों से मिला, जिनसे बात की, पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की है. उन्होंने बताया है कि शरीफुल वारदात के बाद काफी डरा हुआ था.
सबूत नंबर-6
मुंबई पुलिस को मौका-ए-वारदात से शरीफुल की टोपी मिली है, जिसमें आरोपी के बाल चिपके हुए हैं. उसकी डीएनए जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस को उम्मीद है कि ये सैंपल भी जरूर मैच हो जाएगा.
सबूत नंबर-7
अब शरीफुल का टेस्ट आइडेंटीफिकेशन परेड होना बाकी है, जो किसी उसके जेल जाने के बाद ही होगा. मुमकिन है सैफ और नैनी एलियामा फिलिप उसे जरूर पहचान लेंगे. असल में टीआईपी एक अहम कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें सही आरोपी को गिरफ्तार करने या ना करने की बात साफ होती है. इसीलिए जब तक पीड़ित के द्वारा आरोपी की पहचान ना कर ली जाए, आरोपी का चेहरा खुला नहीं रखा जाता. लेकिन मुंबई पुलिस की गिरफ्तारी के साथ ही उसकी तस्वीरें उजागर हो चुकी हैं.