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जानिए कौन है 'संतोष झा गिरोह', जो नीतीश के लिए बना सिरदर्द

बिहार जंगलराज रिटर्न जैसे आरोप झेल रहे नीतीश-लालू की सरकार राजनीतिक दलों के निशाने पर है. इस मुद्दे पर राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को कहा कि बहुत जल्द संतोष झा गिरोह को ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके लिए पुलिस अफसरों को जिम्मेदारी दे दी गई है.

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बिहार में सुर्खियों में आया संतोष झा गिरोह का नाम
बिहार में सुर्खियों में आया संतोष झा गिरोह का नाम

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बिहार के दरभंगा में हुए इंजीनियर डबल मर्डर केस के बाद माफिया डॉन संतोष झा और उसका साथी मुकेश पाठक सुर्खियों में आ गए हैं. ये दोनों इन दिनों कंस्ट्रक्शन और रोड प्रोजेक्ट की बड़ी कंपनियों के लिए आतंक का पर्याय बन चुके हैं. संतोष झा भले ही इनदिनों जेल में बंद है, लेकिन उसका गिरोह पूरे बिहार में सक्रिय है. एसटीएफ के पास इस गिरोह के 25 लोगों के नाम हैं, जिनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

एसटीएफ एसपी शिवदीप वामन लांडे के मुताबिक, संतोष झा मिथलांचल का सबसे बड़ा लेवी वसूलने वाला गिरोह है. इसका कारोबार बिहार सहित दूसरे राज्यों और नेपाल तक फैला हुआ है. संतोष और मुकेश के अलावा दो नाम विकास झा और फौजी प्रमुखता से सामने आए हैं. दरभंगा में मुकेश की मौजूदगी में विकास और फौजी ने डबल मर्डर की घटना को अंजाम दिया था. उसके बाद इनकी नेपाल में घुसने की आशंका है.

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जंगलराज के आरोप पर लालू ने दिया जवाब
बिहार जंगलराज रिटर्न जैसे आरोप झेल रहे नीतीश-लालू की सरकार राजनीतिक दलों के निशाने पर है. इस मुद्दे पर राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को कहा कि बहुत जल्द संतोष झा गिरोह को ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके लिए पुलिस अफसरों को जिम्मेदारी दे दी गई है. अपराधियों ने महागठबंधन सरकार को चुनौती दी है. इसका उन्हें मजबूती से जवाब दिया जाएगा.

सफेदपोशों और खाकीधारियों से है इनका संबंध
एसटीएफ की माने तो संतोष झा गिरोह में कुल चार दर्जन लड़के हैं, जिसमें से 25 नाम उनके पास आ चुके हैं. इस गिरोह के पास तीन AK47 राइफले हैं. बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए AK47 राइफल का इस्तेमाल किया जाता है. इस गिरोह का संपर्क कई सफेदपोशों और खाकीधारियों से भी है. समय-समय पर इस गिरोह को इन लोगों का साथ मिलता रहता है. इससे ये बचने में कामयाब हो जाते हैं.

मिथिला में बनाया बिहार पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट
माफिया डॉन संतोष झा ने मिथिला में बिहार पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट बना रखा है. इसे उसने नक्सलियों के ग्रुप के तर्ज पर तैयार किया है. संतोष और विकास पहले नक्सली गिरोह में अहम पदों पर रह चुके हैं. लेकिन एक नक्सली कमांडर को धोखे से मरवाकर ये सरगना बन बैठे. इसके बाद में दोनों ने इस नक्सली ग्रुप को क्रिमिनल ग्रुप मे तब्दील कर दिया. पूरे इलाके का सबसे बड़ा लेवी वसूसने वाला गिरोह बन गया.

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सिंडिकेट की तरह काम करता है संतोष झा गिरोह
इस ग्रुप में लड़के एक सिंडिकेट की तरह काम करते हैं. करीब 40 ऐसे लड़के हैं, जिन्हे संतोष झा गिरोह बाकायदा सैलेरी भी देता है. ये लोग इस गिरोह के लिए सूचनाएं जुटाने और शिकार तक पहुंचाने का काम करते हैं. हैरानी की बात यह है कि मुकेश और विकास दो बार पुलिस के हत्थे चठ चुके हैं और दो बार छूट चुके हैं. करीब सालभर पहले महज एक हफ्ते के भीतर विकास और मुकेश जेल से फरार हो गए थे.

 

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