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अपने शिकार को जिंदा दफनाता था डॉक्टर पोल!

डॉक्टर संतोष पोल अपने हर शिकार को मारने का प्लान कई-कई दिन पहले बना लेता था. फिर बहाने से उन्हें अपने फार्म हाउस पर बुलाता. उन्हें इंजेक्शन के जरिए दवा का ऐसा डोज देता कि सामने वाला फौरन बेसुध हो जाता. इसके बाद उसी हाल में वो उन्हें अपने फार्म हाउस में दफना देता.

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संतोष पोल ने कबूली 6 लोगों को जिंदा दफनाने की बात
संतोष पोल ने कबूली 6 लोगों को जिंदा दफनाने की बात

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महाराष्ट्र के सतारा इलाके का फार्म हाउस अपने अंदर से एक और निठारी उगल रहा है. डॉक्टर संतोष पोल पहले अपने शिकार को फार्म हाउस पर लाता था. फिर उसकी मर्जी से उन्हें ड्रग्स के ओवरडोज के साथ इंजेक्शन लगता. उस इंजेक्शन में ऐसी दवा होती कि इंजेक्शन लगाने के बस कुछ मिनट के अंदर ही सामने वाला बेसुध हो जाता. उसके अंदर हिलने-डुलने तो छोड़िए अपनी आंखों की पलकें झपकाने तक की ताकत नहीं बचती. तब ऐसी हालत में वो उन्हें उठा कर सीधे जिंदा ही गड्ढे में दफना देता.

कबूली छह लोगों को जिंदा दफनाने की बात
डॉक्टर अब तक छह लोगों को इंजेक्शन का ओवरडोज देकर जिंदा कब्र में दफनाने की बात कबूल कर चुका है. डॉक्टर पोल ने अपने फार्म हाउस का नाम पुरू रखा था. पुरू फार्म हाउस. मराठी में 'पुरू' का मतलब गाड़ना होता है और पोल सचमुच यहां इंसानों को जिंदा ही गाड़ रहा था.

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पहले ही तय कर लेता लोगों के कत्ल की तारीख
सतारा पुलिस के मुताबिक अब तक की पूछताछ में जो सच सामने आया है वो बेहद डरवाना है. डॉक्टर संतोष पोल अपने हर शिकार को मारने का प्लान कई-कई दिन पहले बना लेता था. उनकी मौत की तारीख तक पहले से तय कर लेता. फिर बहाने से उन्हें अपने फार्म हाउस पर बुलाता. इसके बाद इलाज के नाम पर उन्हें इंजेक्शन के जरिए दवा का ऐसा डोज देता कि सामने वाला फौरन बेसुध हो जाता. इसके बाद उसी हाल में वो उन्हें अपने फार्म हाउस में दफना देता और फिर उसके ऊपर नारियल का पेड़ लगा देता.

महाराष्ट्र सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा
पुलिस के मुताबिक जिस फार्म हाउस को डॉक्टर पोल ने कब्रिस्तान बना दिया, वो फार्म हाउस भी उसका अपना नहीं है. महाराष्ट्र सिंचाई विभाग की जमीन पर उसने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था. बकौल पुलिस फार्म हाउस के अंदर उसने जानबूझकर पॉल्ट्री फार्म खोला और मुर्गे-मुर्गियां पालना शुरू किया.

प्लानिंग के तहत फार्म हाउस में खोला पॉल्ट्री फार्म
डाक्टर पोल को शक था कि लाशें दफनाने के बाद भी बदबू बाहर आ सकती है और इससे आसपास के लोगों को पता चल सकता है. मुर्गे-मुर्गियों और उनके दड़बे से आने वाली गंध लाशों की बदबू को दबा देती. बस इसीलिए डॉक्टर पोल ने पूरी प्लानिंग के तहत फार्म हाउस में पॉल्ट्री फार्म खोला था.

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...तो इसलिए लगाता था नारियल का पेड़
पुलिस के मुताबिक हर लाश दफनाने के बाद उसके ऊपर नारियल का पेड़ लगाने की वजह भी डाक्टर पोल ने बता दी है. दरअसल फार्म हाउस के अंदर हर कत्ल से कई दिन पहले ही डॉक्टर पोल खुदाई के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें मंगाता था. आसपास के लोगों को शक ना हो इसलिए वो उन्हें यही बताता था कि फार्म हाउस के अंदर नारियल का पेड़ लगाना है, जिसके लिए जमीन की खुदाई की जानी है.

हर नारियल के पेड़ के नीचे होगी खुदाई
फिर हर कत्ल के बाद वो सचमुच लाश के ऊपर नारियल का पेड़ लगा देता था. पुलिस के मुताबिक इस वक्त फार्म हाउस के अंदर 25 से ज्यादा नारियल के पेड़ हैं. तो क्या हर पेड़ के नीचे लाश है? इस बारे में फिलहाल पुलिस का यही कहना है कि वो डाक्टर पोल से लगातार पूछताछ कर रही है और जांच के दौरान जरूरत पड़ी तो फार्म हाउस के अंदर हर नारियल के पेड़ के नीचे खुदाई जरूर की जाएगी.

पैसों के लालच में बना सीरियल किलर
सतारा पुलिस की मानें तो अब तक की तफ्तीश में जो बातें सामने आई हैं उसके मुताबिक संतोष पोल सिर्फ और सिर्फ पैसों के लालच में ही सीरियल किलर बन गया. सतारा पुलिस की आठ अलग-अलग टीमें फिलहाल पोल का सच खंगालने में जुटी हैं.

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