scorecardresearch
 

सेनारी नरसंहार: 34 लोगों की हत्या में बरी हो गए थे 13 आरोपी, अब SC में होगी सुनवाई

सेनारी नरसंहार (Senari Massacre) को लेकर बिहार सरकार (Bihar government) की याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंजूर कर लिया है.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • SC में बिहार सरकार की याचिका मंजूर
  • पटना HC के फैसले के खिलाफ है याचिका

सेनारी नरसंहार (Senari Massacre) को लेकर बिहार सरकार (Bihar government) की याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंजूर कर लिया है. सभी आरोपियों को बरी (all accused acquitted) किए जाने के पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार की याचिका है. 

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता बिहार सरकार से कहा कि सबसे पहले तो सभी 13 आरोपियों को याचिका की कॉपी दी जाए. पटना हाई कोर्ट ने 22 मई को निचली अदालत से दोषी ठहराए गए 13 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. साथ ही सभी को तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश दिया था. 

क्या था सेनारी नरसंहार

18 मार्च, 1999 को वर्तमान अरवल जिले (तत्कालीन जहानाबाद) के करपी थाना के सेनारी गांव में 34 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी.  ये सारा मामला भूमिहार जाति और भूमिहीनों के बीच की उपज था. भूमिहार सारी जमीनों पर कब्जा कर रहे थे और भूमिहीन उन पर खेती करना चाहते थे. भूमिहार कहते थे कि ये सारी जमीनें उन लोगों ने खरीदी हैं.

सेनारी गांव भूमिहारों का था. जबकि मारने वाले आरोपी एमसीसी के थे. घटना के अगले दिन पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार पद्मनारायण सिंह वहां जा पहुंचे. वो सेनारी गांव के ही निवासी थे. अपने परिवार के 8 लोगों की फाड़ी हुई लाशें देखकर उनको दिल का दौरा पड़ा और वे मर गए. रणवीर सेना भूमिहारों ने बनाई थी और एमसीसी दलितों और भूमिहीनों के लिए लड़ रही थी.

Advertisement

इस केस में निचली अदालत ने 2016 में 10 दोषियों को फांसी और 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पटना हाईकोर्ट ने सभी 13 दोषियों को बरी कर दिया गया.  2016 में निचली अदालत पहले ही इस मामले में 20 आरोपियों को बरी कर चुकी थी. वहीं इस केस के कुल 70 आरोपियों में से 4 की मौत हो चुकी है.

 

Advertisement
Advertisement