पुणे से करीब सवा सौ किलोमीटर की दूरी पर सतारा इलाके में तीन महीने पहले एक महिला गायब हो जाती है. इसके बाद पुलिस उसे ढूंढते-ढूंढते एक डॉक्टर के फार्म हाउस जा पहुंचती है. वहां पहुंचने के बाद नारियल के एक पेड़ के नीचे जब खुदाई की जाती है, तो महिला कंकाल की शक्ल में बाहर निकल आती है.
सतारा का सनकी डॉक्टर है सीरियल किलर
इसके बाद पुलिस पांच और नारियल के पेड़ के नीचे खुदाई करती है और वहां से पांच और कंकाल निकल आते हैं. दरअसल एक डॉक्टर ने अपनी सनक के चलते पूरे फार्म हाउस को ही कब्रिस्तान बना दिया था. वैसे इस फार्म हाउस में अभी भी नारियल के कई और पेड़ हैं.
पिछले 13 सालों से पड़ा था पर्दा
सीरियल किलिंग की इस सनसनीखेज कहानी पर पिछले 13 सालों से पर्दा पड़ा था. इस डॉक्टर ने पहला कत्ल 13 साल पहले किया था और पहली लाश भी उसी फार्म हाउस में दफनाने के बाद उस पर नारियल का पेड़ लग दिया था. उसके बाद से अब तक छह कंकाल तो बाहर आ चुके हैं, जबकि 11 और महिलाओं के गायब होने की खबर हर किसी को डरा रही है कि गिनती पता नहीं कहां तक पहुंचेगी?
RTI कार्यकर्ता के तौर पर रहा है मशहूर
डॉक्टर सुनील पोल सतारा के वाई इलाके में एक अस्पताल में पिछले 15 साल से काम कर रहा था. वो मरीजों को ऑपरेशन से पहले बेहोशी का इंजेक्शन देता था. डॉक्टर सुनील पोल इलाके में आरटीआई एक्टिविस्ट के तौर पर भी काफी मशहूर था. आरटीईआई के जरिए उसने कई लोगों को एंटी करप्शन ब्यूरो से पकड़वाया भी था. उससे इलाके की पुलिस और दूसरे बड़े लोग भी डरते थे.
ऐसे सामने आई डॉक्टर की सनक
सतारा के वेलम गांव की मंगला जेधे नाम की एक महिला इसी साल जून में अचानक गायब हो गई. मंगला डॉक्टर पोल के संपर्क में थी, बाद में मंगला के घर वालों ने डॉक्टर पोल पर मंगला का अपहरण करने का इल्जाम लगाते हुए पुलिस में रिपोर्ट भी लिखाई. इसी बीच पुलिस को पता चला कि मंगला का मोबाइल फोन डॉक्टर सुनील पोल की प्रेमिका ज्योति इस्तेमाल कर रही है.
प्रेमिका ने किया खुलासा
इसके बाद पुलिस ने जब ज्योति को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो ज्योति ने सारा सच उगल दिया. उसी ने बताया कि मंगला को डॉक्टर पोल ने मारने के बाद फार्म हाउस में दफना दिया है. पुलिस पहली बार फार्म हाउस पहुंची और तब सिर्फ मंगला ही नहीं बल्कि पांच और कंकार बाहर आ गए.
प्रेमिका के कत्ल की भी थी तैयारी
बकौल पुलिस फार्म हाउस में जो दो ताजा गड्ढे मिले हैं, उनमें से एक गड्ढा डाक्टर पोल ने खुद अपनी प्रेमिका ज्योति के लिए खोदा था यानी अगला कत्ल ज्योति का होना था. ज्योति के खुलासे के बाद पुलिस ने जब डॉक्टर पोल को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की तो पता चला कि सीरियल किलिंग का ये सिलसिला 2003 में शुरू हुआ था. यानी डॉक्टर पोल ने पहला कत्ल 13 साल पहले किया था.
2003 से शुरू हुआ कत्ल का सिलसिला
2003 में पहला कत्ल 35 साल की सुरेका चिकने नाम की महिला का किया. 2006 में दूसरा कत्ल 45 साल की विनीता नरहरि गायकवाड़ा का किया. 14 अगस्त 2010 को तीसरा कत्ल 38 साल की जगा बाई लक्ष्मन का किया. चौथा कत्ल 65 साल के बुजुर्ग नरमल ओसवाल का किया और पांचवां कत्ल 33 साल की नर्स सलमा शेख का किया, जबकि छठा कत्ल इसी साल जून में 40 साल की मंगला जेधे का किया.
कत्ल के पीछे की असली वजह क्या थी?
पांचों महिलाएं वाई इलाके के आसपास की हैं और सभी किसी ना किसी तरह से डॉक्टर पोल को जानती थीं. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर कत्ल के पीछे की असली वजह क्या थी? पुलिस की मानें तो फार्म हाउस जिस जगह पर है और जिस तरह से सारे कत्ल फार्म हाउस के अंदर किए गए. उससे इस बात की गुंजाइश कम नजर आती है कि इसके पीछे किडनी रैकेट वजह रही होगी क्योंकि फार्म हाउस में कत्ल के बाद किडनी निकालने या निकालने के बाद अस्पताल ले जाने के फिलहाल कोई सबूत नहीं मिले हैं.
कत्लेआम के पीछे सबसे बड़ी वजह पैसा?
पुलिस के मुताबिक फिलहाल ऐसा लग रहा है कि इस सीरियल किलिंग के पीछे पैसे और लोन वजह हो सकती है. डॉक्टर पोल ने जिन औरतों के कत्ल किए हैं उन सबने अच्छे-खासे सोने के जेवर भी पहन रखे थे. फिलहाल पुलिस फार्म हाउस से बरामद सारे कंकाल के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. इन रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि इनका कत्ल कैसे हुआ और कत्ल के बाद इनके अंग निकाले गए थे या नहीं.
13 सालों से कत्ल और किसी को भनक नहीं!
ये सवाल अपने आप में बेहद अजीब है कि एक डॉक्टर पिछले 13 सालों से कत्ल कर रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. वो भी तब जबकि जिन छह लोगों के कंकाल फार्म हाउस से मिले हैं, उन सबकी गुमशुदगी की रिपोर्टर पुलिस में लिखाई जा चुकी थी और गायब सभी महिलाएं डॉक्टर पोल के संपर्क में भी थीं. जाहिर है अगर पुलिस पहले हरकत में आ जाती तो डॉक्टर के फार्म हाउस को कब्रिस्तान बनने से रोक सकती थी.