वो पहले ऐलान करता है, फिर धमकी देता है और उसके बाद कत्ल कर देता है. उसने एलान किया कि जो-जो उसके भाई को चुनाव में वोट नहीं देगा, वो उन सबको मार देगा. चुनाव हार गया, तो धमकी दी कि गांव में अब कोई भी जिंदा नहीं बचेगा. इसके बाद एक-एक कर उसने सचमुच गांव वालों को मारना शुरू कर दिया.
धमकी के फौरन बाद पहला हमला सीधे सरपंच के घर पर बोला. हमले के बाद पुलिस ने उसके सिर पर पचास हजार का इनाम रख दिया, पर वो नहीं रुका. एक के बाद एक हमले करता रहा. हर गुजरते दिन के साथ अब वो गांव के लोगों को चुन-चुन कर गोलियां मार रहा है और हर मौत के बाद उसके सिर पर रखा इनाम बढ़ता जा रहा है.
चुनाव में हार के बाद दी धमकी
हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव में इस सीरियल किलर का नाम भाई कुन्नू छिकारा है. दरअसल अप्रैल में हुए सरपंच के चुनाव में इसने अपने छोटे भाई संजय सिंह को मैदान में उतारा था, मगर संजय चुनाव हार गया. इत्तेफाक से चुनावी नतीजा आने के कुछ दिन बाद ही एक हादसे में छिकारा का भाई संजय और पिता की मौत हो गई. बस उसी के बाद छिकारा ने भरे गांव में ऐलान कर दिया कि जिन-जिन लोगों ने उसके भाई को वोट नहीं दिया था, उन सबको वो मार डालेगा.
सबसे पहले सरपंच पर किया हमला
इसके बाद 19 अप्रैल को उसने सबसे पहले उस सरपंच के घर पर हमला कर दिया, जिसने उसके भाई को चुनाव में हरा दिया था. इस हमले में सरपंच बाल-बाल बच गया. सरपंच ने पुलिस से मदद मांगी. पुलिस को धमकी की सारी बात भी बताई, मगर तब तक पुलिस को यही लग रहा था कि मामला हल्का-फुल्का है अपने आप शांत हो जाएगा.
पुलिस ने किलर पर 50 हजार का इनाम रखा
पुलिस ने तब इतना जरूर किया कि छिकारा के उसी चुनावी पोस्टर के नीचे उसके सिर पर पचास हजार के इनाम का एक नया पोस्टर गांव में चिपकवा दिया. इसके बाद पुलिस खामोश होकर बैठ गई और यही उसकी सबसे बड़ी गलती थी. सिरफिरा कातिल खामोश नहीं बैठा था, बल्कि वो मौके का इंतजार कर रहा था और मौका उसे मिल गया.
गांव के सरपंच को मारी गोली
छिकारा ने अपनी धमकी के बाद सबसे पहले 19 अप्रैल को गांव के सरपंच के घर जाकर सरपंच को गोली मारी, मगर सरपंच किसी तरह बच गया. इसके बाद 8 मई को छिकारा ने गांव के ही दो और लोगों वीरेंद्र और सुनील पर हमला बोला, दोनों को उसने गोली मार दी.
अब तक चार लोगों की हत्या
इसके बाद 12 मई को छिकारा फिर सामने आया और इस बार उसने जगबीर और उसके बेटे अनिल की भी गोली मारकर हत्या कर दी. जगबीर का एक बेटा सुशील छिकारा आर्मी में मेजर है. मेजर ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने इस सीरियल किलर की धमकी को हल्के में लिया था, वर्ना लोगों की जान बच सकती थी.
पूरे गांव में फैली दहशत
सरपंच पर हमले के बाद से अब तक जितने भी लोगों को छिकारा ने मारा है, उन सबने उसके भाई को वोट नहीं दिया था. चूंकि कत्ल से पहले उसने गांव वाले के सामने खुलेआम धमकी दी थी लिहाजा देखते ही देखते पूरे गांव में दहशत फैल गई. हर कोई सुरक्षा के लिए पुलिस के पास भागा.
गांव में SWAT के कमांडो तैनात
चार-चार कत्ल के बाद पुलिस ने भी पहली बार छिकारा की धमकी को गंभीरता से लिया. उसने पूरे गांव में पुलिस की गश्त बढ़ा दी और साथ ही SWAT के कमांडो भी तैनात कर दिए.
तैनात हैं पुलिस की दस टीमें
छिकारा पर पांच लाख का इनाम घोषित करने के साथ ही उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दस-दस स्पेशल टीमें भी तैनात कर दी गई हैं, जो उसे पकड़ने के लिए लगातार अलग-अलग जगहों पर दबिश डाल रही हैं.
मौत के साए में जी रहे गांव के लोग
फिलहाल एहतियात के तौर पर पुलिस ने गांव वालों से कहा है कि अगर वो गांव से बाहर जाना चाहते हैं, तो पुलिस को जरूर खबर कर दें. ताकि उनकी हिफाजत की जा सके, लेकिन जाहिर है जब तक ये सिरफिरा सीरियल किलर हाथ नहीं आ जाता, गांव वाले हर पल मौत के साए में ही जीने को मजबूर रहेंगे.