सेक्स, सीडी और सियासत का जब-जब कॉकटेल हुआ है, तब-तब हंगामा बरपा है. इस हंगामें के बीच किसी न किसी महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी है. दोस्ती, महत्वाकांक्षा, मोहब्बत और जुनून के दरमियान जब शक पैदा होता, तो साजिश होती है. यही साजिश एक कत्लेआम को जन्म देती है. भारत में सियासी हस्तियों से लेकर बॉलीवुड के सितारों तक, हर कोई सेक्स स्कैंडल की गिरफ्त में आया है. aajtak.in सेक्स स्कैंडल की ऐसी ही घटनाओं पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है मध्य प्रदेश पूर्व मंत्री राघवजी भाई की कहानी.
तब इस शख्स की उम्र 80 वर्ष थी. एक आंख नकली. डायबिटीज का शिकार. बीमार दिल जिसकी एंजियोप्लास्टी हो चुकी है. उसके दिल को चलाते रखने के लिए स्टेंट डाला गया था. लेकिन कमजोर पड़ते शरीर में भी सेक्स को लेकर लोलुपता हावी थी. शायद यही वजह है कि उन्होंने अपनी हवस को शांत करने के लिए स्त्री-पुरुष के भेद तक को भुला दिया. जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री राघवजी भाई की.
बात सन 2013 की है. एक सेक्स सीडी ने मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में तहलका मचा दिया था. उस सीडी में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री राघवजी अपने नौकर राजकुमार के साथ अपनी वासना को शांत करते दिखे थे. वह अपने ड्राइंग रूम की कुर्सियों के बीच फर्श पर राजकुमार के साथ पूरे जोश के साथ काम क्रीड़ा में लीन दिखे. संतुष्टि के बाद फौरन खड़े भी हो गए. राघवजी तीन साल से राजकुमार का यौन शोषण कर रहे थे.
वीडियो में मैस्टबेट कराते दिखे राघवजी
दूसरे वीडियो में राघवजी के सरकारी निवास के ड्राइंग रूम में 29 वर्षीय राजकुमार उनका मैस्टबेट (हस्तमैथुन) करता दिखा. राघवजी नग्नावस्था में सोफे पर पसरे आनंद में गोते लगा रहे थे. अपने नौकर राजकुमार को प्यार से राजकुमारी पुकार रहे थे. आखिरकार इस सबसे आजिज आकर राजकुमार 5 जुलाई, 2013 को थाने पहुंच गया. उसने अपने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी.
नौकर ने कैमरे में किया करतूतों को कैद
इसके बाद उन्हें मंत्री की कुर्सी और बीजेपी की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा. उस समय एक के बाद एक 22 सीडी चर्चा में आई थी. बताया जाता है कि सीडी बीजेपी के हताश नेता शिवशंकर पटेरिया ने बनवाई थी. राजकुमार ने राघवजी के साथ बातचीत को मोबाइल में रिकॉर्ड किया था. उसके बाद में वह पटेरिया से मिला. पटेरिया ने उसे एक पेन कैमरा दिया. राजकुमार ने दूसरे नौकर घनश्याम के साथ मिलकर काली करतूतों को कैमरे में कैद कर लिया.
सीएफएसएल ने की थी सीडी की पुष्टि
इस कांड के बाद बीजेपी नेता शिवशंकर उर्फ मुन्ना पटेरिया को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. घटना के करीब दो साल बाद दिल्ली के सीएफएसएल यानी सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री ने सीडी की जांच के बाद इसकी पुष्टि कर दी थी. मंत्री पद गंवाने के बाद राघवजी ने अपनी सफाई में बस इतना ही कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है.
इनपुट- इंडिया टुडे