दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुख्यात सेक्स रैकेट संचालिका गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन को गिरफ्तार कर लिया है. उसके ऊपर एक नाबालिग से वेश्यावृत्ति कराने और खरीद-फरोख्त का आरोप है. उस पर आईपीसी की धारा 363, 366, 342, 370, 370A, 372, 373, 376, 34, 120B और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज है.
जानकारी के मुताबिक, सोनू पंजाबन के खिलाफ साल 2011 में दिल्ली के महरौली, साल 2008 में प्रीत विहार और 2005 में हरियाणा के बहादुरगढ़ में केस दर्ज कराया गया था. इससे पहले भी सोनू पंजाबन कई बार गिरफ्तार हो चुकी है. उसके नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आया था, जब इच्छाधारी बाबा भीमानंद के सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ था.
फर्राटेदार अंग्रेजी और तन पर सजे महंगे कपड़े पहने सोनू पंजाबन को जो देखता है, देखता ही रह जाता है. छरहरा बदन, तीखे नैन नक्श, गोरा रंग, कद 5 फुट 4 इंच और बेबाक तेवरों से वह कॉलेज जाने वाली किसी लड़की जैसी ही दिखती है. लेकिन इस हसीन चेहरे के पीछे की सचाई कुछ और ही है. कोई इसे विषकन्या कहता है तो कोई शहजादी.
कोई कहता है जो इसके प्रेम में फंसा वो जिंदा नहीं बचा. दिल्ली के तकरीबन 1000 करोड़ रुपये के जिस्मफरोशी के कारोबार की यह शहजादी कोई और नहीं, यहां की सबसे बड़ी दलाल 30 वर्षीय गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन ही है. बात साल 2011 की है. क्रिकेट विश्व कप फाइनल से एक दिन पहले की, जब भारत को लेकर रोमांच चरम पर था.
फार्म हाउसों और होटलों में क्रिकेट से जुड़ी पार्टियों के कारण शहर में जिस्मफरोश लड़कियों की आवक एकदम बढ़ गई थी. बस, इसी का फायदा उठाने के लिए कुछ लोग रात के अंधेरे में अपने काले धंधे को अंजाम देने में लगे थे. उस वक्त लंबे समय से जिस्मफरोशी के धंधे का पर्याय बन चुकी शातिर सोनू पुलिस के बिछाए जाल में फंस गई थी.
सोनू के साथ जिन पांच लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है, उनकी आर्थिक पृष्ठभूमि कतई कमजोर नहीं है और पुलिस अधिकारी बताते हैं कि कुछ टेलीविजन स्टार भी सोनू के संपर्क में थीं. हालांकि उनके नाम उजागर नहीं किए गए थे. सोनू के ग्राहकों में उद्योगपतियों और वीआइपी से लेकर कई बड़े नाम शामिल थे. वह खुद कभी सामने नहीं आती थी.
रोहतक की रहने वाली सोनू पंजाबन का अपराध के साथ रिश्ता काफी पुराना है. सोनू का नाम आठ साल पहले एक हत्या के सिलसिले में पहली बार सामने आया था. अब इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और, जो भी सोनू का हमदम बना, उसका जीवन सफर ज्यादा लंबा नहीं चल सका. सोनू ने रोहतक के नामी गैंगस्टर विजय सिंह से लव मैरिज किया था.
पूर्वांचल के कुख्यात बदमाश श्रीप्रकाश शुक्ला गिरोह के विजय सिंह को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने गढ़ मुक्तेश्वर में मार गिराया था. इस सदमे से उबरने के दौरान सोनू के पास नजफगढ़ के दीपक का आनाजाना हुआ. फिर दोनों में दोस्ती हुई. लेकिन साल 2003 में गाड़ी चोर दीपक भी असम में पुलिस के हाथों मुठभेड़ में मार दिया गया.
आसरे की चाहत में सोनू ने दीपक के भाई हेमंत सोनू से विवाह रचा लिया. हेमंत गीता को दिल्ली ले आया. उसने हेमंत के रसूख और संबंधों का प्रयोग अपने जिस्मफरोशी के कारोबार को बढ़ाने के लिए किया. हेमंत के नाम पर ही गीता का नाम सोनू पड़ गया. लेकिन मार्च 2006 में गुड़गांव में पुलिस ने हेमंत को मुठभेड़ में मार गिराया.
इसके बाद सोनू ने अशोक बंटी नाम के बदमाश के पास पनाह पाई, लेकिन बंटी भी अप्रैल 2006 में दिलशाद गार्डन में पुलिस के हाथों मारा गया. इस सारे घटनाक्रम के दौरान सोनू अपराध की दुनिया से अच्छे से रूबरू हो चुकी थी. उसके संपर्क भी मजबूत हो गए थे. ब्यूटी पार्लर की आड़ में उसने चमड़ी की धंधा शुरू किया, जो आज भी जारी है.